सिंचाई विभाग की जमीनो से हटा अवैध कब्ज़ा

awaidh kabzaआई एन वी सी न्यूज़
लखनऊ,
आर0टी0आई0 एक्ट-2005 का व्यापक असर धरातल पर नजर आने लगा है। मुजफ्फर नगर स्थित सिंचाई विभाग की 70 बीघा जमीन से अवैध कब्जों को हटाने के लिए इसी एक्ट के तहत राज्य सूचना आयोग में दाखिल एक प्रकरण की सुनवाई के पश्चात् आयोग ने आदेश दिए थे। आयोग के आदेशानुसार उक्त भूमि पर अवैध कब्जों को हटाकर 70 बीघा सिंचाई विभाग की सरकारी जमीन को खाली करा दिया गया है।
जनपद रूड़की (उत्तराखण्ड) में उत्तर प्रदेश सरकार के सिंचाई विभाग, मुजफ्फरनगर की 70 बीघा जमीन पर कुछ दबंग व्यक्तियों ने कब्जा करने के बाद उस पर वर्षों से खेती कर रहे थे। उन्होंने इस बात की स्थानीय स्तर पर झूठी सूचना दे रखी थी कि सिंचाई विभाग, मुजफ्फरनगर ने उन्हें जमीन का पट्टा दे रखा है। नवम्बर, 2014 में रूड़की के गुरूकुल नारसन निवासी श्री प्रवीन कुमार ने सिंचाई विभाग, मुजफ्फरनगर से सम्बन्धित जमीन को लेकर सूचनाएं मांगी, मगर सिंचाई विभाग, मुजफ्फरनगर से सूचना उपलब्ध नहीं करायी गयी।  वादी ने सूचना न मिलने पर सूचना अधिकार अधिनियम-2005 के तहत राज्य सूचना आयोग में अपील दाखिल की। सुनवाई के दौरान वादी/प्रतिवादी की बहस से सम्बन्धित जमीन पर अवैध कब्जों का खुलासा हुआ। इस पर सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान ने एसडीएम, रूड़की को प्रकरण की जांच रिपोर्ट 30 दिन के अन्दर आयोग के समक्ष पेश करने के आदेश दिये। एसडीएम, रूड़की ने सिंचाई विभाग, मुजफ्फरनगर की 70 बीघा जमीन खाली करवा कर उसकी रिपोर्ट आयोग को उपलब्ध करायी। इसी तरह देहरादून के पाॅश इलाके में लोक निर्माण विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार की करोड़ों की संपत्ति खाली करवाए जाने से सम्बन्धित एक अपील सूचना आयोग में दाखिल हुई। राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान ने जिलाधिकारी, देहरादून को मामले की जांच करने के निर्देश दिए है।
राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान ने कहा कि उत्तराखण्ड में स्थित उत्तर प्रदेश सरकार की कई ऐसी सरकारी जमीनें हैं, जिस पर लोगों ने अवैध कब्जें कर रखे हैं। सूचना आयोग द्वारा शीघ्र ही इस सम्बन्ध में प्रदेश के मुख्य सचिव के संज्ञान में लाने के लिए पत्र लिखकर कार्यवाही करने के लिए अनुरोध किया जायेगा ताकि उ0प्र0 सरकार की कीमती जमीनों से अवैध कब्जे हटाये जा सके।

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