साहित्य अकादेमी का ‘साहित्योत्सव 18 से 22 फरवरी तक

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दिल्ली,

. पुरस्कार प्रस्तुति, साहित्य और अन्य कलाओं पर राष्ट्रीय सेमिनार, युवा कवि सम्मेलन, फोटो और पुस्तक प्रदर्शनी आदि कार्यक्रम के मुख्य बिन्दु हैं।

. प्रदर्शनी का उद्घाटन माननीया संस्कृति मंत्री, भारत सरकार श्रीमती चन्द्रेश कुमारी कटोच के करकमलों से किया जाएगा।

. शिव के. कुमार साहित्य अकादेमी पुरस्कार कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे जो कि भारत के सुप्रसिद्ध लेखक और साहित्य अकादेमी पुरस्कार विजेता हैं।

साहित्य अकादेमी (नेशनल अकादेमी ऑफ कल्चर) 5 दिनों तक चलने वाले अपने वार्षिक ‘साहित्योत्सव’ (फेस्टिवल ऑफ लैटर्स) आयोजित कर रहा है जो कि 18 से 22 फरवरी, 2013 तक चलने वाला है। यहाँ पुरस्कार प्रस्तुति के अतिरिक्त ‘साहित्य और अन्य कलाएँ’ नामक विषय पर वार्षिक सेमिनार स्पिन-ए-टेल, युवा कवि सम्मेलन और कैन्वस पर कविताएँ उत्सव के मुख्य विषय हैं ‘फेस्टिवल ऑफ लैटर्स’ देश के वार्षिक साहित्यिक कार्यक्रमों में से एक है जो कि साहित्य अकादेमी द्वारा आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम में 24 भाषाओं के सुप्रख्यात लेखक भाग लेंगे। अकादेमी के सचिव डॉ. श्रीनिवासराव ने कहा है कि उत्सव का आयोजन वहाँ हो रहा है जहाँ हमेशा पेपर-प्रस्तुति और विचार-विमर्श होते रहते हैं। इस अवसर पर रवीन्द्र भवन का पूरा परिसर उत्सव से परिपूर्ण होगा। साथ ही मेघदूत का कलात्मक परिवेश नृत्य, संगीत आदि की मेजबानी करेगा। चित्रकार, कवियों और कलाकारों की उपस्थिति पूरे वातावरण को फिर से जीवित कर देगी। फेस्टिवल ऑफ लैटर्स कार्यक्रम की शुरुआत 18 फरवरी 2013 के प्रताः काल से शुरू होगी। इसकी शुरुआत मेघदूत कोम्लैक्स में अकादेमी के 2012 प्रदर्शनी से होगी, जहाँ अकादेमी के 2012 की उपलाब्धियों को फोटोग्राफ्स, अकादेमी का प्रकाशन और अकादेमी के विजेताओं की जीवनवृत्त फोटोग्राफ्स के माध्यम से दर्शाया जाएगा। प्रदर्शनी का उद्घाटन माननीया संस्कृति मंत्री, भारत सरकार श्रीमती चन्द्रेश कुमारी कटोच के करकमलों से होगा। पुरस्कार विजेताओं और मीडिया के माध्य एक विशेष सत्र का प्रबंध किया गया है। 18 फरवरी को सायंकाल कामिनी सभागर में साहित्य अकादेमी पुरस्कारों की प्रस्तुति, वार्षिकोत्सव में की जाएगी जो कि भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त साहित्य का सबसे बड़ा पुरस्कार है। पुरस्कारों की वितरण साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष द्वारा होगा। भारत के सुप्रख्यात लेखक और साहित्य अकादेमी पुरस्कार विजेता शिव के. कुमार इस पुरस्कार कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हैं। इसबार भारत के 12 सुप्रख्यात कवि अपनी कविताओं के लिए, लधु कथाओं के 6 लेखक और 4 उपन्यासकारों को सम्मानित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त मैथिली और गुजराती भाषा के पुरस्कार विजेताओं की जीवनी और आलोचना को क्रमशः दर्शाया जाएगा। पुरस्कार प्रस्तुति कार्यक्रम में असम के बीहु संगीत और नृत्य को भी प्रस्तुत किया जाएगा।  19 फरवरी, 2013 को मेघदूत सभागार में पुरस्कार विजेता लेखक सम्मेलन में अपने अनुभव के विषय में बताएंगे। बातीचीत के बाद लेखक दर्शकों के प्रश्नों का भी जवाब देंगे। 19 फरवरी को ही मेघदूत सभागार में भारत के सुप्रख्यात लेखक प्रो.भालचन्द्र नेमादे द्वारा संवत्सर व्याख्यान भी होगा। इस व्याख्यान में प्रो.नेमादे ‘भारतीय लेखकों को कितने स्थान की जरूरत है? तथा वैश्विकता’ पर अपने विचार व्यक्त करेंगे। अभी तक फेस्टिवल ऑफ लैटर्स में भारतीय साहित्य के प्रचलन का विकास और साहित्य में लगातार हो हरे बदलाव पर केन्द्रित था परन्तु इस वर्ष का मुख्य केन्द्र साहित्य और अन्य कलाओं के मध्य पारंपरिक और आधुनिक तरीके से भारतीय साहित्य के संबंध को दर्शाया जाएगा। ‘साहित्य और अन्य कलाओं’ पर राष्ट्रीय सेमिनार- रवीन्द्र भवन में 20-22 फरवरी। साहित्यिक और राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन होगा। कविताओं की प्रस्तुति के अलावा अनुवाद प्रस्तुति और साहित्य और सिनेमा पर कुछ सत्र, साहित्य और मीडिया, साहित्य और रंगमंच, चित्रकला, संगीत, नृत्य और सौंदर्यशास्त्रीय प्रश्न विषयों की प्रस्तुति होगी। सेमिनार का उद्घाटन हिन्दी के विभिन्न सुप्रख्यात लेखकों और साहित्य अकादेमी के फैलो श्री कुअर नारायण और साहित्य अकादेमी पुरस्कार विजेता और साहित्य अकादेमी के पूर्व सचिव प्रो.के सच्चिदानन्दन करेंगे। इसके अतिरिक्त अन्य सुप्रख्यात लेखक पेपर प्रस्तुति और कार्यक्रमों को संभालेंगे जिनके नाम इसप्रकार है- अधूर गोपालकृष्णन आदि। अकादेमी की योजना है कि इस सेमिनार के तीनो दिन अन्य कला विषय पर सीधी प्रस्तुति आयोजित की जाएगी। सुप्रख्यात चित्रकार जतिन दास ‘मेरी दुनिया, मेरी कला’ विषय पर अपनी बात रखेंगे और सुप्रख्यात सूफी संगीतकार और विद्वान मदन गोपाल सिंह, सूफी संगीत के साथ-साथ एक व्यख्यान भी देंगे। जबकि भारत नाट्यम नृत्यांगना रामा वैद्यानाथन अपने ग्रुप के साथ ‘‘पोएट्रर एज डांस’ विषय पर एक नृत्य प्रस्तुत करेंगी। साहित्य अकादेमी का एक मुख्य उद्देश्य यह भी है कि साहित्यिक परिणामों को न सिर्फ बड़ों तक बल्कि बच्चों और किशोरों तक भी पहंुचाया जा सके। सेमिनार के साथ, अकादेमी बच्चों और किशोरों की साहित्य में रूचि और संलग्नता को बढ़ावा देने के लिए कुछ विशेष कार्यक्रमों को आयोजित करेगी। क्योंकि इन्हीं युवओं के हाथ में साहित्य का भविष्य है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत ‘बाल सहिति’ और ‘युवा सहिति’नामक दो नये कार्यक्रमों की भी प्रस्तुति होगी जिसमें बाल और युवा लेखकों भी संलग्न किया जाएगा। ‘कैनवस पर कविताएं’ कार्यक्रम का आयोजन एक विशेष रूप से होगा। इस कार्यक्रम में कवि और चित्रकार प्रो एस.वी.रामाराव एक व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे। इसके अतिरिक्त युवा चित्रकारों की प्रतिभावों को बढ़ावा देने के लिए कैनवस पर कविताओं के तहत लाइव पेंटिंग का आयोजन होगा।

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