दिल्ली ,
सहारा प्रमुख सुब्रत राय उच्चतम न्यायालय ने एक और झटका दिया हैं आज सहारा प्रमुख सुब्रत राय की वह याचिका उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दी जिसमें उन्होंने निवेशकों का धन न लौटाने के कारण उच्चतम न्यायालय द्वारा खुद को हिरासत में रखे जाने को चुनौती दी थी। यानी सहारा प्रमुख अभी जेल में ही रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए कहा है कि सहारा ने जो कोर्ट में तथ्य पेश किए उसकी पहले पुष्टि नहीं की गई थी। कोर्ट ने कहा है कि सहारा की तरफ से कोर्ट के प्रति विद्रोही रुख अख्तियार किया गया और कोर्ट के पास उन्हें गिरफ़्तार करने का पूरा अधिकार है। इससे पहले 9 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें तिहाड़ जेल की जगह नजरबंद रखने की मांग को सिरे से खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट में सहारा प्रमुख सुब्रत राय की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान सहारा समूह ने दलील दी थी कि सहारा प्रमुख के जेल में रहते पैसा जुटाना बेहद मुश्किल है। सहारा ने कहा था कि वह अपनी संपत्ति बेचने के लिए इंटरनेशनल खरीददारों की तलाश में हैं, लेकिन कोई भी इंटरनेशनल खरीददार सुब्रत से मिलने जेल में नहीं आएगा। समूह ने न्यायालय के समक्ष यह प्रस्ताव भी रखा कि अगर कोर्ट चाहे तो उन्हें तिहाड़ जेल की बजाय हाउस अरेस्ट रख सकता है।
सहारा समूह ने कोर्ट से अपील की है कि सहारा प्रमुख सुब्रत राय को रिहा किया जाए ताकि वह कोर्ट के आदेश पर अमल करने के इरादे से धन की व्यवस्था के लिए लोगों से बातचीत कर सके। समूह ने पिछले साल 21 नवंबर से उसके बैंकों के खातों पर लगी रोक भी खत्म करने का अनुरोध किया है,पर उच्चतम न्यायालय ने सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया
सहारा समूह ने कोर्ट से अपील की है कि सहारा प्रमुख सुब्रत राय को रिहा किया जाए ताकि वह कोर्ट के आदेश पर अमल करने के इरादे से धन की व्यवस्था के लिए लोगों से बातचीत कर सके। समूह ने पिछले साल 21 नवंबर से उसके बैंकों के खातों पर लगी रोक भी खत्म करने का अनुरोध किया है,पर उच्चतम न्यायालय ने सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया