लखनउ,
‘लाइफ़ मंत्रास’ – सहारा इंडिया परिवार के मैनेजिंग वर्कर और चेयरमैन श्री सुब्रत रॉय सहारा द्वारा लिखा एक गहन शोध प्रबंधन है, जिसमें उनके जीवन भर के अनुभवों, अवलोकनों तथा आम लोगों की दिन-प्रतिदिन की समस्याओं पर उनके नजरिये का प्रस्तुतीकरण हुआ है। इस पुस्तक का लोकार्पण देश-विदेश में फैले सहारा इंडिया परिवार के 5000 कॉर्पोरेट संस्थापनों में एकसाथ विशेष आयोजन स्थलों पर भव्य तरीके से किया गया। ‘लाइफ़ मंत्रास’ उनकी ‘चिन्तन तिहाड़ से’ पुस्तकत्रयी शृंखला की तीन पुस्तकों में से पहली पुस्तक है और देश-विदेश के सभी प्रमुख पुस्तक केंद्रों, सभी प्रमुख ऑनलाइन पोर्टल्स पर तथा ई-बुक के रूप में भी उपलब्ध है। इसी शृंखला में आगे आने वाली पुस्तकें हैं, ‘थिंक विद मी – हाउ टू मेक अवर कंट्री आइडियल’ तथा ‘रिफ्लेक्शन फ्रॉम तिहाड़ – ए बुक ऑन तिहाड़ जेल’। इन दोनों पुस्तकों का लोकार्पण भी शीघ्र किया जाएगा।
‘लाइफ़ मंत्रास’ पुस्तक में श्री सुब्रत रॉय सहारा ने सभी मनुष्यों में निहित मूल प्रवृत्तियों से जुड़े मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक पहलुओं का इतने सुंदर और विस्तृत ढंग से वर्णन किया है कि सर्वशक्तिमान द्वारा मनुष्य को प्रदत्त जीवन के नैसर्गिक सौंदर्य के इस दिव्य रहस्य से हम भलीभांति अवगत हो सकें।
वह अपने प्राक्कथन में लिखते हैं – ‘‘इस पुस्तक को पढ़ लेने के बाद आप निश्चित रूप से पूरे विश्वास के साथ महसूस करेंगे कि जीवन में शांति, सच्चा सुख, प्रसन्नता, आत्मसंतोष और संतुष्टि पाने तथा भौतिक उपलब्धियों, सम्मान और प्यार के मामले में निरंतर प्रगतिशील बने रहने के लिए भी आपको इस दुनिया में किसी अन्य पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। यह केवल आप पर निर्भर करता है। सब आपके अपने हाथ में है।’’ श्री सुब्रत रॉय सहारा यह भी बताते हैं कि जीवन को सही मायने में सुंदर बनाने के लिए हमें उन मूलभूत सच्चाइयों और मूल प्रवृत्तियों को समझने की जरूरत है, जिन्हें लेकर हम पैदा हुए हैं और जो हम सबके अंदर स्वाभाविक रूप से निहित हैं। इसका बेहतर परिणाम पाने के लिए हर एक को जीवन के मनोवैज्ञानिक या भावनात्मक पहलुओं, दूसरे शब्दों में, जीवन की सच्चाइयों अथवा जीवन के दर्शन को समझना होगा। बक़लम सहाराश्री ‘‘जैसे-जैसे आप इन ‘लाइफ़ मंत्रास’ की प्रभावशाली उळर्जा में डूबते जाएंगे, आपके अपने अंदर धीरे-धीरे एक बदलाव, एक संतोष-भावना और आत्म प्रेरणा का अनुभव होता दिखाई देगा। आपको इस परम सच्चाई की अनुभूति हो जाएगी कि जीवन यात्रा वास्तव में एक अत्यंत सुखद और उज्ज्वल अनुभव से परिपूर्ण है।’’
सहारा इंडिया परिवार के 12 लाख से भी अधिक सहकर्मियों के गौरवान्वित अभिभावक होने के साथ-साथ श्री सुब्रत रॉय सहारा एक महान चिंतक, एक शिक्षक और एक मार्गदर्शक भी हैं। जीवन पर उनके अनोखे और गैर-परंपरागत सूक्ष्म और प्रभावकारी दर्शन ने वैश्विक ख्याति प्राप्त की है और लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। अनेक विश्वप्रसिद्ध संस्थानों जैसे हारवर्ड स्कूल ऑफ बिज़नेस, यूएसए, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय प्रबंधन संस्थान और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय उन्हें अपने शिक्षकों एवं छात्रों को संबोधित करने के लिए आमंत्रित कर चुके हैं। साथ ही श्री सुब्रत रॉय सहारा स्वयं अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी सुशोभित हैं। इनमें मुख्य हैं पॉवरब्रैंड्स हॉल ऑफ फेम अवॉर्ड्स इन लंदन (यू.के.) में ‘इंडियन बिज़नेस आइकन ऑफ़़ द ईयर’, यूनिवर्सिटी ऑफ़ ईस्ट लंदन द्वारा ‘द डॉक्टर ऑफ़ बिज़नेस’ (मानद) और सबसे बड़ी डिग्री, ललितनारायण मिथिला विश्वविद्यालय, बिहार द्वारा प्रदत्त ‘डी.लिट्’ की मानद उपाधि।
वर्तमान में श्री सुब्रत रॉय सहारा बाज़ार नियामक सेबी के साथ चल रहे एक विवाद के चलते सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में हैं।
‘लाइफ़ मंत्रास’ पुस्तक में श्री सुब्रत रॉय सहारा ने सभी मनुष्यों में निहित मूल प्रवृत्तियों से जुड़े मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक पहलुओं का इतने सुंदर और विस्तृत ढंग से वर्णन किया है कि सर्वशक्तिमान द्वारा मनुष्य को प्रदत्त जीवन के नैसर्गिक सौंदर्य के इस दिव्य रहस्य से हम भलीभांति अवगत हो सकें।
वह अपने प्राक्कथन में लिखते हैं – ‘‘इस पुस्तक को पढ़ लेने के बाद आप निश्चित रूप से पूरे विश्वास के साथ महसूस करेंगे कि जीवन में शांति, सच्चा सुख, प्रसन्नता, आत्मसंतोष और संतुष्टि पाने तथा भौतिक उपलब्धियों, सम्मान और प्यार के मामले में निरंतर प्रगतिशील बने रहने के लिए भी आपको इस दुनिया में किसी अन्य पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। यह केवल आप पर निर्भर करता है। सब आपके अपने हाथ में है।’’ श्री सुब्रत रॉय सहारा यह भी बताते हैं कि जीवन को सही मायने में सुंदर बनाने के लिए हमें उन मूलभूत सच्चाइयों और मूल प्रवृत्तियों को समझने की जरूरत है, जिन्हें लेकर हम पैदा हुए हैं और जो हम सबके अंदर स्वाभाविक रूप से निहित हैं। इसका बेहतर परिणाम पाने के लिए हर एक को जीवन के मनोवैज्ञानिक या भावनात्मक पहलुओं, दूसरे शब्दों में, जीवन की सच्चाइयों अथवा जीवन के दर्शन को समझना होगा। बक़लम सहाराश्री ‘‘जैसे-जैसे आप इन ‘लाइफ़ मंत्रास’ की प्रभावशाली उळर्जा में डूबते जाएंगे, आपके अपने अंदर धीरे-धीरे एक बदलाव, एक संतोष-भावना और आत्म प्रेरणा का अनुभव होता दिखाई देगा। आपको इस परम सच्चाई की अनुभूति हो जाएगी कि जीवन यात्रा वास्तव में एक अत्यंत सुखद और उज्ज्वल अनुभव से परिपूर्ण है।’’
सहारा इंडिया परिवार के 12 लाख से भी अधिक सहकर्मियों के गौरवान्वित अभिभावक होने के साथ-साथ श्री सुब्रत रॉय सहारा एक महान चिंतक, एक शिक्षक और एक मार्गदर्शक भी हैं। जीवन पर उनके अनोखे और गैर-परंपरागत सूक्ष्म और प्रभावकारी दर्शन ने वैश्विक ख्याति प्राप्त की है और लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। अनेक विश्वप्रसिद्ध संस्थानों जैसे हारवर्ड स्कूल ऑफ बिज़नेस, यूएसए, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय प्रबंधन संस्थान और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय उन्हें अपने शिक्षकों एवं छात्रों को संबोधित करने के लिए आमंत्रित कर चुके हैं। साथ ही श्री सुब्रत रॉय सहारा स्वयं अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी सुशोभित हैं। इनमें मुख्य हैं पॉवरब्रैंड्स हॉल ऑफ फेम अवॉर्ड्स इन लंदन (यू.के.) में ‘इंडियन बिज़नेस आइकन ऑफ़़ द ईयर’, यूनिवर्सिटी ऑफ़ ईस्ट लंदन द्वारा ‘द डॉक्टर ऑफ़ बिज़नेस’ (मानद) और सबसे बड़ी डिग्री, ललितनारायण मिथिला विश्वविद्यालय, बिहार द्वारा प्रदत्त ‘डी.लिट्’ की मानद उपाधि।
वर्तमान में श्री सुब्रत रॉय सहारा बाज़ार नियामक सेबी के साथ चल रहे एक विवाद के चलते सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में हैं।