आईएनवीसी ब्यूरो
नई दिल्ली . कई अध्ययनों से यह पाया गया है कि हार्ट अटैक और अकस्मात हृदय संबंधी बीमारी से होने वाली मौतें सर्दियों के दिनों में गर्मी की तुलना में कहीं ज्यादा होती हैं। ऐसे मौसम में पुरुष और महिलाओं दोनों में क्रोनिक हार्ट फेल्योर के मामले सामने आते हैं.
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल के मुताबिक़ फ्रांस के एक व्यापक अध्ययन में दिखाया गया है कि हार्ट फेल्योर से होने वाली मौतें सर्दियों के दिनों यानी दिसम्बर और जनवरी में शिखर पर होती हैं. महीने के हिसाब से अगर मौतों को बांटा जाए तो जनवरी की तुलना में अगस्त में 35 फीसदी का अंतर दिखाई देता है, जिसमें सबसे कम मौतें होती हैं. हार्ट फेल्योर के मामले अस्पताल में देखे जाएं तो सर्दी के दिनों में इनमें बाढ़ सी आ जाती है.
सर्दियों के दिनों में करीब 20 फीसदी अधिक मरीज सांस संबंधी बीमारी के अस्पताल में दाखिल होते हैं.
हालांकि हार्ट फेल्योर के अकस्मात मौत के मरीजों पर सरर्केडियन रिदम में यह लागू नहीं होता, इसके विपरीत आम लोगों में सर्केडियन वैरिएशन (ज्यादतर मौतें सुबह 6 बजे और दोपहर 12 बजे) में देखी गई हैं और ये अस्पताल के बाहर अकस्मात एक्यूट हार्ट अटैक से होती हैं.