भोपाल,
सरकारी जमीन पर साठगांठ कर बिल्डर और भू-माफिया कब्जा नहीं जमा पाएंगे। कलेक्टर निशांत वरवड़े ने राजस्व अधिकारियों पर सतत निगाह रखने के साथ इस संबंध में आने वाली शिकायतों पर तत्काल एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर ने कहा, इसकी जानकारी उनको भी दी जाए। साथ ही कोई भी व्यक्ति उनसे सीधे शिकायत कर सकता है। राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आवेदन अथवा ऐसे प्रकरण जिनमें यह संदेह हो कि सरकारी जमीन को या किसान की जमीन को बिल्डर भू-माफिया चालाकी से हड़पना चाहते हैं उन पर तत्काल कार्रवाई करें। कलेक्टर के संज्ञान में एक ऐसा प्रकरण आया है। किसान ने शिकायत की है कि उसकी जमीन को बिल्डर ने धोखे से अपने नाम कराने का एग्रीमेंट किया गया। यह जमीन सीलिंग की है, जिसे सीलिंग से मुक्त कराने न्यायालयीन प्रक्रिया में खर्चा होना बताकर लाखों रुपए हड़प लिए।
-यह है मामला
कलेक्टर निशांत वरवड़े को बैरागढ़ चीचली के जयराम रामरत्न और सदाराम ने आवेदन दिया। इसमें बताया, डॉ. प्रमोद श्रीवास्तव अपने पुत्र और ड्रायवर नाम न्यायालय से मिले एक आदेश पर बारह एकड़ जमीन अपने नाम करा चुके हैं। यह जमीन सीलिंग की होने के साथ सरकारी रिकार्ड में दर्ज है। कृषक के आवेदन की जांच की गई तो इसमें मामला सही निकला। आवेदन में बताया, डॉ. श्रीवास्तव ने 2005 में यह भूमि उनके नाम कराने न्यायालय में अपील करने की बात कही। इसके लिए खर्च का बहाना कर पांच लाख रुपए भी ले लिए। डॉ. श्रीवास्तव ने किसानों से कानूनी दस्तावेजों पर भी हस्ताक्षर करा लिए। उन्होंने कहा, हमें पता नहीं था कि श्री श्रीवास्तव ने किन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए। उन्होंने ड्रायवर पदम भट्ट के नाम एग्रीमेंट कराया है। इसकी एक एफआईआर कोलार थाने में भी कराई गई है।
सरकारी जमीन पर साठगांठ कर बिल्डर और भू-माफिया कब्जा नहीं जमा पाएंगे। कलेक्टर निशांत वरवड़े ने राजस्व अधिकारियों पर सतत निगाह रखने के साथ इस संबंध में आने वाली शिकायतों पर तत्काल एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर ने कहा, इसकी जानकारी उनको भी दी जाए। साथ ही कोई भी व्यक्ति उनसे सीधे शिकायत कर सकता है। राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आवेदन अथवा ऐसे प्रकरण जिनमें यह संदेह हो कि सरकारी जमीन को या किसान की जमीन को बिल्डर भू-माफिया चालाकी से हड़पना चाहते हैं उन पर तत्काल कार्रवाई करें। कलेक्टर के संज्ञान में एक ऐसा प्रकरण आया है। किसान ने शिकायत की है कि उसकी जमीन को बिल्डर ने धोखे से अपने नाम कराने का एग्रीमेंट किया गया। यह जमीन सीलिंग की है, जिसे सीलिंग से मुक्त कराने न्यायालयीन प्रक्रिया में खर्चा होना बताकर लाखों रुपए हड़प लिए।
-यह है मामला
कलेक्टर निशांत वरवड़े को बैरागढ़ चीचली के जयराम रामरत्न और सदाराम ने आवेदन दिया। इसमें बताया, डॉ. प्रमोद श्रीवास्तव अपने पुत्र और ड्रायवर नाम न्यायालय से मिले एक आदेश पर बारह एकड़ जमीन अपने नाम करा चुके हैं। यह जमीन सीलिंग की होने के साथ सरकारी रिकार्ड में दर्ज है। कृषक के आवेदन की जांच की गई तो इसमें मामला सही निकला। आवेदन में बताया, डॉ. श्रीवास्तव ने 2005 में यह भूमि उनके नाम कराने न्यायालय में अपील करने की बात कही। इसके लिए खर्च का बहाना कर पांच लाख रुपए भी ले लिए। डॉ. श्रीवास्तव ने किसानों से कानूनी दस्तावेजों पर भी हस्ताक्षर करा लिए। उन्होंने कहा, हमें पता नहीं था कि श्री श्रीवास्तव ने किन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए। उन्होंने ड्रायवर पदम भट्ट के नाम एग्रीमेंट कराया है। इसकी एक एफआईआर कोलार थाने में भी कराई गई है।