आज के सवाल हैं कि आज ही जवाब दो।
नदी जिये या जल मरें,
बची रहे श्री सदा
ऐसा भी कमाल हो,
सत्ता ही दलाल हो, तो
क्यों न ईमान पे सवाल हो ?
जल रही मशाल है
कि उठ रहे सवाल हैं
कि आज के सवाल हैं
कि आज ही जवाब दो।
चुन गये तो क्या तुम्हीं
भगवान हो गये?
चुन रहा जो क्या उसके
अरमान खो गये ?
चुना तो पहरेदार था
क्यों भ्रष्ट आचार हो गये ?
पोशाक दी सफेद थी
क्यों दाग़दार हो गये ?
जल रही मशाल है….
पैसा तो है पसीने का
क्यों भर रहे मशीनें तुम ?
कृषि प्रधान राष्ट्र की
क्यों खा रहे जमीने तुम ?
बेच दी धरा अगर
जीयेंगे कैसे तू बता ?
बेच रहा जल हवा
साँस ले सकेगा क्या ?
जल रही मशाल है कि…
बेच दी क्यों नीतियां
अस्मिता है बेहाल क्यों ?
बढ़ रही हैं डिग्रियां तो
घट रहा लोकज्ञान क्यों ?
गर बढ़ रही तिजोरियां
तो बढ़ रहे ग़रीब क्यों ?
गर जी डी पी उङान सब
तोे रोटी के सवाल क्यों ?
जल रही मशाल है कि……
स्वप्न है महाशक्ति का
क्यों परासक्ति घट रही नहीं ?
कहीं जाति के, कहीं वर्ग के
उठ रहे है सवाल क्यों ?
छोटे-छोटे काम की
क्यों लग रही है लाइनें ?
बढ रहा है तंत्र तो
क्यों घट रही सम इनायतें ?
जल रही मशाल है कि..
ग्राम के प्रधान से
राष्ट्र के ईमान तक
बने वे जोंकपाल तो क्यों न
जन ही लोकपाल हो ?
घट रहे हो मूल्य गर
बढ रही हों कीमतें
निर्णायक ही दलाल हो तो
क्यों न निर्णय पर सवाल हों?
जल रही मशाल है कि…
_______________
अरुण तिवारी
लेखक ,वरिष्ट पत्रकार व् सामजिक कार्यकर्ता
1989 में बतौर प्रशिक्षु पत्रकार दिल्ली प्रेस प्रकाशन में नौकरी के बाद चौथी दुनिया साप्ताहिक, दैनिक जागरण- दिल्ली, समय सूत्रधार पाक्षिक में क्रमशः उपसंपादक, वरिष्ठ उपसंपादक कार्य। जनसत्ता, दैनिक जागरण, हिंदुस्तान, अमर उजाला, नई दुनिया, सहारा समय, चौथी दुनिया, समय सूत्रधार, कुरुक्षेत्र और माया के अतिरिक्त कई सामाजिक पत्रिकाओं में रिपोर्ट लेख, फीचर आदि प्रकाशित।
1986 से आकाशवाणी, दिल्ली के युववाणी कार्यक्रम से स्वतंत्र लेखन व पत्रकारिता की शुरुआत। नाटक कलाकार के रूप में मान्य। 1988 से 1995 तक आकाशवाणी के विदेश प्रसारण प्रभाग, विविध भारती एवं राष्ट्रीय प्रसारण सेवा से बतौर हिंदी उद्घोषक एवं प्रस्तोता जुड़ाव।
इस दौरान मनभावन, महफिल, इधर-उधर, विविधा, इस सप्ताह, भारतवाणी, भारत दर्शन तथा कई अन्य महत्वपूर्ण ओ बी व फीचर कार्यक्रमों की प्रस्तुति। श्रोता अनुसंधान एकांश हेतु रिकार्डिंग पर आधारित सर्वेक्षण। कालांतर में राष्ट्रीय वार्ता, सामयिकी, उद्योग पत्रिका के अलावा निजी निर्माता द्वारा निर्मित अग्निलहरी जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के जरिए समय-समय पर आकाशवाणी से जुड़ाव।
1991 से 1992 दूरदर्शन, दिल्ली के समाचार प्रसारण प्रभाग में अस्थायी तौर संपादकीय सहायक कार्य। कई महत्वपूर्ण वृतचित्रों हेतु शोध एवं आलेख। 1993 से निजी निर्माताओं व चैनलों हेतु 500 से अधिक कार्यक्रमों में निर्माण/ निर्देशन/ शोध/ आलेख/ संवाद/ रिपोर्टिंग अथवा स्वर। परशेप्शन, यूथ पल्स, एचिवर्स, एक दुनी दो, जन गण मन, यह हुई न बात, स्वयंसिद्धा, परिवर्तन, एक कहानी पत्ता बोले तथा झूठा सच जैसे कई श्रृंखलाबद्ध कार्यक्रम। साक्षरता, महिला सबलता, ग्रामीण विकास, पानी, पर्यावरण, बागवानी, आदिवासी संस्कृति एवं विकास विषय आधारित फिल्मों के अलावा कई राजनैतिक अभियानों हेतु सघन लेखन। 1998 से मीडियामैन सर्विसेज नामक निजी प्रोडक्शन हाउस की स्थापना कर विविध कार्य।
संपर्क -:
ग्राम- पूरे सीताराम तिवारी, पो. महमदपुर, अमेठी, जिला- सी एस एम नगर, उत्तर प्रदेश , डाक पताः 146, सुंदर ब्लॉक, शकरपुर, दिल्ली- 92
Email:- amethiarun@gmail.com . फोन संपर्क: 09868793799/7376199844
________________
Disclaimer : The views expressed by the author in this feature are entirely his own and do not necessarily reflect the views of INVC NEWS .
आप इस लेख पर अपनी प्रतिक्रिया newsdesk@invc.info पर भेज सकते हैं। पोस्ट के साथ अपना संक्षिप्त परिचय और फोटो भी भेजें।