लोक कलायें मानस चेतना की सहज अभिव्यक्ति है : रतन दीक्षित

ratandixit,nujratandixit,drrenuchandra,dr renu chandra urai, wrter dr renu chandraआई एन वी सी न्यूज़

उरई ,
लोक कलायें मानस चेतना कीसहज अभिव्यक्ति हैं हमें समृद्ध भारतीय लोक कलाओं पर गर्व है उक्त आशय के विचार इलाहाबाद से पधारे पत्रकार संगठन एनयूजेआई के महासचिव रतन दीक्षित ने मुख्य अतिथि की आसंदी से तीन दिवसीय राष्ट्रीय लोक कला महोत्सव के समापन अवसर पर व्यक्त किये ! उन्होंने लोक कलाओं के संरक्षण एवं संबर्धन की दिशा में स्थानीय लोकमंगल संस्था और संस्था के निदेशक अयोध्या प्रसाद गुप्त कुमुद द्वार निरन्तर किये जा रहे प्रयासों की सराहना की और कहा कि उरई का यह तीन दिवसीय महोत्सव लोक कलाओं को सम्मान दिलाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा ! उन्होंने आगे कहा कि कुमुद जी भारतीय संस्कृति के प्रति मनसा बाचा कर्मणा समर्पित हैं !उनका यह कार्य हम सब के लिए प्रेरणा दायक है ! साथ ही उन्होंने मंच से सम्प्रेष्ण  माध्यमों में कार्यरत अपने सहयोगी पत्रकार मित्रों से लोककलायें तथा निज संस्कृति के उन्नयन, विस्तार और प्रचार प्रसार में आगे बढ़ कर सहयोग करने की अपील की !

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्कार भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री गणेश पन्त रोड़े ने कहा कि हमारी संस्था देश भक्ति जगाने का कार्य करती है और हम सब लोक कलाकार विश्व मंगल कामना के मौन पुजारी हैं ! उन्होंने शिवाजी का स्मरण करते हुए हिन्दवी राज्य की स्थापना की दिशा में लोक कलाकारों की भूमिका को अपने उद्भोदन में मुखर किया ! साथ ही उन्होंने बताया कि तीन दिन के इस महोत्सव में आठ प्रान्तों के 200 कलाकारों ने मन को आनंदित करने वाली प्रस्तुतियां दीं ! उल्लेखनीय है कि श्री रोड़े स्वम भी श्रेष्ठ लोक गायक हैं उन्होंने इस अवसर पर माझीं गीत प्रस्तुत कर मन मोह लिया !

कार्यक्रम के समन्वय श्री गिरीश चन्द्र ने तीन दिवसीय इस महोत्सव को देश व्यापी कार्यक्रम श्रंखला की प्रथम कड़ी निरुपित करते हुए कहा कि देश के अन्य प्रान्तों में भी इस प्रयास विस्तार मिलेगा ! भारतवर्ष में होने वाले सांस्कृतिक आयोजनों को त्रिदेशीय बताते हुए कहा कि वहां भारत, हिन्दुस्तान और इण्डिया  की मौजूदगी महसूस की जा सकती है ! गिरीश जी ने आयोजन सम्बन्धी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए जिला प्रशासन, उरई नगर पालिका, आयोजन में शामिल लोक कलाकारों, लोकमंगल तथा संस्कार भारती के पदाधिकारी एवं सदस्यों सहित ज्ञात-अज्ञात द्वारा प्रदत्त सहयोग की मुक्त  कंठ से प्रशंसा की !

इस अवसर  पर मुख्य अतिथि रतन दीक्षित तथा कार्यक्रम अध्यक्ष गणेश पन्त रोड़े ने लोकमंगल के निदेशक श्री कुमुद जी को महोत्सव के सफल आयोजन पर पगड़ी पहना कर उनका अभिनन्दन किया ! मुख्य अतिथि एवं कार्यक्रम अध्यक्ष का शाल एवं श्रीफल भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया ! साथ ही महोत्सव की कामयाबी में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष योगदान देने वाले उरई के नागरिक,  दोनों आयोजक संस्थाओं के पदाधिकारी एवं सदस्यों सहित कर्मठ कार्यकर्ताओं का भी सम्मान किया गया ! कार्यक्रम का संचालन डॉ रेनू चंद्रा ने किया !  पश्चिम उड़ीसा से पधारे धूम्र नृतक दल तथा  छत्तीसगढ़ के करमा नृतक दल की रोचक प्रस्तुतियों से कार्यक्रम का रंगारंग समापन हुआ !

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here