
रांची,
मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के अंतर्गत नव नियुक्त लोकपालों के लिए आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए मनरेगा आयुक्त श्रीमती राजेश्वरी बी ने कहा कि सभी लोकपालों को भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशिका के अनुसार अपने दायित्वों का निर्वहन करना है। इसके लिए मनरेगा के हर पहलू को समझने के साथ ही लोकपाल की भूमिका की भी गहन जानकारी जरूरी है। उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि लोकपाल का पद, पद न होकर एक संस्था है, जहां आपको नियमों एवं कानून के अनुसार शिकायतों का निराकरण करना है। लोकपाल की निष्पक्षता ही उसे संस्था का रूप देती है। मनरेगा आयुक्त ने कहा कि लोकपाल योजना में पारदर्शिता को बढ़ाने की संस्था है।
कार्यशाला से मनरेगा और लोकपाल निर्देशिका की बारीकियों को समझने में मिलेगी मदद
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए राज्य मनरेगा आयुक्त ने कहा कि ग्रामीण विकास संस्थान में आयोजित पांच दिवसीय इस कार्यशाला में 19 जिलों के लोकपालों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान उन्हें मनरेगा के प्रावधानों एवं श्रमिक हितग्राही के अधिकार, लोकपाल के कार्य व दायित्व, मनरेगा के तहत शिकायत निवारण के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP), सामाजिक अंकेक्षण, सूचना का अधिकार अधिनियम, लोकपाल कार्यालय में शिकायत पंजीयन एवं निवारण तथा सामाजिक न्याय व प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों की जानकारी दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला मनरेगा और लोकपाल निर्देशिका की बारीकियों को समझने में प्रतिभागियों के लिए काफी मददगार होगा।
रोल मॉडल बनें लोकपालः मनरेगा आयुक्त
मनरेगा आयुक्त श्रीमती राजेश्वरी बी ने सभी नवनियुक्त लोकपालों से कहा कि वे अपने उत्कृष्ट दायित्व निर्वहन से रोल मॉडल बनें। धैर्यपूर्वक एक जज की तरह समस्या या शिकायतों को सुनें, परखें और निर्णय लें। जरूरत समझने पर सजा का भी अनुमोदन करें। उन्होंने लोकपालों से ज्यादा से ज्यादा फील्ड विजिट करने को कहा। योजना क्रियान्वयन की जियो टैगिंग करने पर बल दिया।