आईएनवीसी ब्यूरो
नई दिल्ली. टाइप टू डायबिटीज के शिकार ऐसे लोग जो रोजाना टहलने के प्रति प्रतिबध्द होते हैं, उनमें हृदय सम्बंधी बीमारी का खतरा कम हो जाता है। यह वक्तव्य हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल ने दिया।
102 वयस्क लोगों पर किए गए अध्ययन में जापानी शोधकर्ताओं ने देखा कि जिन लोगों ने नियमित तौर पर 17 महीने टहलने के पाबंद रहे, उनमें हृदय संबंधी और स्ट्रोक के खतरे में कमी हुई बनिस्बत उन लोगों के जिन्होंने व्यायाम करना बंद कर दिया।
अध्ययन में 35 से 75 साल के लोगों को शामिल किया गया और उन्हें रोजाना 20 से 30 मिनट तक टहलने के लिए कहा गया। जिन 64 लोगों ने इसे अपनाया, उनमें से मात्र एक या दो फीसदी में ही स्ट्रोक हुआ और 17 महीने के अध्ययन में किसी में भी हृदय संबंधी बीमारी नहीं हुई।इसके विपरीत जो 38 लोग इस व्यायाम को कर पाने में असफल रहे, उनमें से 7 से लेकर 18 फीसदी में हृदय संबंधी बीमारी या स्ट्रोक का खतरा हुआ।
शोध में पाया गया है कि टाइप टू डायबिटीज के शिकार लोग अगर घर पर ही साधारण व्यायाम करते हैं तो इससे उनमें हृदय संबंधी बीमारी में कटौती होती है। टाइप टू डायबिटीज के शिकार लोगों में हृदय बीमारी और स्ट्रोक की लम्बे समय की जटिलताएं होती हैं। इस अध्ययन के मुताबिक ब्लड शुगर पर बेहतर तरीके से काबू पाकर नियमित व्यायाम के जरिए हृदय संबंधी बीमारी में कटौती हुई।