संतोष
रेल में मिलने वाले खाने पीने की वस्तुओं के गिरते स्तर के बारे में मिलने वाली शिकायतों को लेकर भारतीय रेलवे के निकाय भारतीय रेलवे खानपान एवं कैटरिंग निगम (आईआरसीटीसी) ने अपने अभियान को वृहद रूप देना शुरू कर दिया है। इसके तहत एक ओर जहां कार्रवाई में तेजी लाने के लिए जनता की शिकायतों पर ध्यान दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर कार्रवाई को पहले से सख्त बनाते हुए खराब खाना देने वाले ठेकेदारों के खिलाफ दंड की राशि बढार्ऌ जा रही है।
शिकायतों पर कार्रवाई तेजी से हो इसके तहत ना केवल औचक चेकिंग बढार्ऌ जा रही है बल्कि एक विशेषीकृत फोर्स भी तैयार की जा रही है जो खानपान की गुणवत्ता के मानकों से परिचित होने के साथ ही त्वरित कार्रवाई के लिए भी अधिकृत होगी। आईआरसीटीसी इस मामले में पिछले समय में किस तरह संजीदा हुई है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में इस निकाय ने विभिन्न शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए अपने विभिन्न खानपान ठेकेदारों के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए ना केवल उनके लाइसेंस को निरस्त करने जैसे कदम उठाए हैं बल्कि बतौर जुर्माना पचास लाख रुपये से भी अधिक की राशि भी वसूल की है।
आईआरसीटीसी ने खानपान की शिकायतों से जनता को सीधे जोड़ने के लिए हाल ही में एक राष्ट्रीयकृत मुपऊत कॉल की सुविधा वाले टोल फ्री नंबर 1800-111-139 की शुरूआत की। चौबीस घंटे कार्यरत रहने वाली यह हेल्पलाइन इस उद्देश्य से स्थापित क्षेत्रीय हेल्पलाइन नंबर 011-23345300 (सेंट्रल कंट्रोल रूम) 011-23221147 (उत्तरी कंट्रोल रूम), 040-27716145 (दक्षिणी-पश्चिमी कंट्रोल रूम), 022-22618067 (पश्चिमी कंट्रोल रूम) व 044-25353341 (दक्षिणी कंट्रोल रूम) के अलावा है। इसका मकसद खानपान से संबंधित शिकायतों को चलती ट्रेन के अंदर से ही प्राप्त करना था। इसमें यह हेल्पलाइन काफी हद तक सफल रही हैं। यही नहीं, इस टोल फ्री हेल्पलाइन का लाभ यह भी हो रहा है कि किसी तरह की दुविधा या मुसीबत की घड़ी में कोई भी यात्री इसकी सहायता ले सकता है। हालांकि यह हेल्पलाइन सुरक्षा व संरक्षा जैसे मसलों के लिए नहीं है, लेकिन इसके बावजूद यहां पर तैनात स्टाफ शिकायर्तकत्ता यात्री की इस तरह की समस्या को भी सुनने के साथ उन्हें यथासम्भव उन नंबरों को उपलब्ध कराने की कोशिश करता है जहां से उसकी सुरक्षा या संरक्षा संबंधी शिकायत या सुझाव पर कार्रवाई हो सकती है। एक अनुमान के अनुसार इस हेल्पलाइन पर हर दिन तीन से पांच कॉल खानपान की गुणवत्ता से संबंधित शिकायतों की होती है। शिकायतों की संख्या बढाने व लोगों को अपनी शिकायतें दर्ज कराने के विभिन्न विकल्प उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आईआरसीटीसी ने अपनी वेबसाइट www.irctc.com पर भी शिकायत दर्ज कराने की सुविधा दी हुई है। आईआरसीटीसी के प्रबंध निदेशक राकेश टंडन के अनुसार शिकायतों की संख्या बढाने का मकसद लोगों को जागरूक करना और उन्हें उनके द्वारा दी गई कीमत के बदले उच्च गुणवत्ता वाला भोजन उपलब्ध कराने की मांग रखने के लिए प्रेरित करना है। इससे पारदर्शिता के साथ-साथ ग्राहक को बेहतरीन सुविधा-सेवा मुहैया करने का लक्ष्य भी हासिल होगा।
लिए करीब 526 शिकायतें बची थीं। इनमें से सबसे अधिक 232 यानी कि 44 प्रतिशत शिकायतें खानपान की गुणवत्ता को लेकर थीं। इसके अलावा 122 यानी कि 23 प्रतिशत शिकायतें स्टाफ के बर्ताव, 34 यानी कि 6 प्रतिशत शिकायतें खाने की मात्रा, 11 यानी कि 2 प्रतिशत बेडरोल, 21 यानी कि 4 प्रतिशत शिकायतें स्वच्छता, तथा एक शिकायत अधिक राशि लेने के बारे में मिली। जबकि अन्य तरह की शिकायतों की संख्या 105 या करीब 20 प्रतिशत थी। आईआरसीटीसी की माने तो शिकायतों के यह नंबर आने वाले दिनों में और बढेंग़े क्योंकि उन्होंने हर यात्री को इतना संजीदा बनाने का निर्णय किया है कि वह अपनी शिकायत को आम चर्चा तक सीमित रखने की जगह आईआरसीटीसी तक उसे पहुंचाए। आईआरसीटीसी के आंकड़ों के अनुसार उन्होंने अपने को शिकायत हासिल करने तक ही सीमित नहीं रखा है। इन पर कार्रवाई भी की जा रही है। अप्रैल 2008 से मार्च 2009 के बीच आई शिकायतों को अंतिम स्तरीय कार्रवाई के लिए चिन्हित किया गया। 526 शिकायतों में से 282 मामलों या 54 प्रतिशत में खानपान ठेकेदारों को चेतावनी जारी की गई। इसके अलावा 85 शिकायतों जो कुल शिकायत का 16 प्रतिशत है, के मामले में ठेकेदारों पर जुर्माना लगाया गया। एक मामले में ठेकेदार का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। जबकि 158 शिकायतों, कुल शिकायतों का करीब 30 प्रतिशत, में ठेकेदार व उनके मातहत कर्मचारियों की काउंसलिंग की गई। आईआरसीटीसी के आंकड़ों के अनुसार इन कुल 526 शिकायतों में से करीब आधी से अधिक 246 शिकायतें राजधानी व शताब्दी रेलगाड़ियों से संबंधित थीं। आईआरसीटीसी के प्रयासों को देखते हुए कहा जा सकता है कि आने वाले समय में सामान्य मेल व एक्सप्रेस रेलगाड़ियों में सफर करने वाले यात्री भी अपने शिकायतों को लेकर आईआरसीटीसी से जुड़ेंगे।
आईआरसीटीसी ने खाने की गुणवत्ता में सुधार के लिए जहां एक ओर शिकायतों की संख्या बढाने पर अपना जोर लगाया है वहीं दूसरी ओर उसके द्वारा की गई कार्यवाइयों की संख्या भी बढी है। लेकिन इन दो बिन्दुओं के अलावा इस मोर्चे पर सफलता हासिल करने के उद्देश्य से आईआरसीटीसी ने नियमित अंतराल पर विभिन्न रेलगाड़ियों के यात्रियों से खानपान गुणवत्ता पर एक सर्वे कराने का कार्यक्रम भी शुरू किया हुआ है। यह सर्वे कार्य रेलवे से बाहर की एक प्रतिष्ठित सर्वे कंपनी से कराया जा रहा है ताकि पक्षपात को लेकर किसी तरह की आशंका ना रहे। इस निजी कंपनी के द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार आईआरसीटीसी को कम्पार्टमेंट संबंधित सुविधाओं, खानपान एवं जलपान संबंधी सुविधाओं–सेवा, खानपान वितरित करने वाले कर्मचारियों के बर्तात व बेडरोल संबंधी सेवाओं के निष्पादन में आंशिक सफलता हासिल हुई है। यात्रियों का संतुष्टि स्तर थोड़ा ऊपर आया है। इस सर्वे को आईआरसीटीसी ने सर्वे कंपनी के माध्यम से पांच चरणों में 402 रेलगाड़ियों के यात्रियों से किए गए सवाल-जवाब के माध्यम से अंजाम दिया।
इन उपायों को अमल में लाने के अलावा आईआरसीटीसी ने मार्च 2007 से मार्च 2009 के बीच रेलवे के स्वयं के कैटरिंग यूनिट के अलावा रेलवे खानपान ठेकेदारों के कुल 552 कैटरिंग यूनिटों में खानपान सुरक्षा व स्वच्छता मूल्यांकन (ऑडिट) को अंजाम दिया। ऑडिट में 63 राजधानी-शताब्दी ट्रेन, 389 मेल-एक्सप्रेस के साथ सौ बेस किचन शामिल थे। जांच के दौरान यह तथ्य उभरकर सामने आया कि शताब्दी ट्रेन में वर्ष 2007 की तुलना में 2008 में करीब 18.17 प्रतिशत का सुधार हुआ। इसी तरह इसी अवधि में राजधानी ट्रेन में 19.28 प्रतिशत, एक्सप्रेस व मेल रेलगाड़ियों के खानपान में 10.48 प्रतिशत व इसी अवधि में बेस किचन की गुणवत्ता स्तर में 24.26 प्रतिशत का सुधार हुआ।
आईआरसीटीसी ने खानपान की गुणवत्ता व उसकी स्वच्छता को और अधिक सुदृढ करने के उद्देश्य से अपने सभी ठेकेदारों को निर्देश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके सभी कर्मचारी खानपान बेचते-डिलीवरी करते हुए बा-वर्दी रहें। उनके नाखून तथा बाल सही से कटे हुए हों। कपड़े साफ हो। ऐसा नहीं होने पर आईआरसीटीसी ने ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की योजना भी बनाई है। यहीं नहीं, स्वच्छता को लेकर बढती ज़ागरूकता को देखते हुए ठेकेदारों के लिए यह नियम बनाया जा रहा है कि वे नियत समय पर अपने सभी कर्मियों का रेलवे अस्पताल या फिर उसके द्वारा अधिकृत अस्पतालों में चिकित्सीय परीक्षण कराए। इसके पीछे यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी तरह के संक्रमण से पीड़ित कर्मचारी रेल यात्रियों के संपर्क में ना आने पाए। आईआरसीटीसी के प्रबंध निदेशक राकेश टंडन के मुताबिक रेलवे के खानपान की गुणवत्ता व स्वच्छता निश्चित करने के लिए उनका निकाय कई अन्य कदम भी उठा रहा है। इन सभी विकल्पों को अपनाने का मकसद यात्रियों को शिकायत रहित सेवा प्रदान करना है।
Hi. Neat post. There is a problem with the web site in firefox, and you might want to check this… The browser is the marketplace leader and a good element of folks will omit your fantastic writing due to this problem.
Im glad I discovered this blog, I couldnt find any knowledge on this topic prior to. I also manage a website and if you want to ever interested in a little bit of guest writing for me please feel free to let me know, i’m always look for people to check out my blog site. Please stop by and leave a comment sometime!
First of all, this is a excellent spot you have here. I ran upon your web blog while doing a search on bing. Great blog article, I will most likely favorite it for future reading.Thanks once more for sharing this up. I definitely loved every part of it.
Pay no attention to what the critics say… Remember, a statue has never been set up in honor of a critic!
This is a amazing blog post, I discovered your site researching google for a similar subject and came to this. I couldnt discover to much other material on this blog, so it was good to find this one. I definitely will be back again to look at some other posts that you have another time.
I have recently started using the blogengine.net and I having some problems here? in your blog you stated that we want to qualify dash off permissions on the App_Text folder…unfortunately I don’t take cognizance of how to enable it.
I’m pleased I discovered this website, I couldnt locate any information on this topic prior to. I also run a niche site and for anyone who is ever serious in doing some guest writing for me make sure you feel free to let me know, im always look for people to check out my weblog. Please stop by and leave a comment sometime!
I am sure that i will come back to your blog soon. Keep us posting interesting articles
I possess recently started using the blogengine.net and I having some problems here? in your blog you stated that we need to agree to author a register permissions on the App_Facts folder…unfortunately I don’t be aware of how to permit it.
Took me era to comprehend all the comments, but I definitely enjoyed the article. It proved to be To a great extent neighbourly to me and I am inevitable to all the commenters here! It’s always close when you can not exclusive be informed, but also entertained! I’m sure you had send up scribble literary works this article.
Couldn?t be written any better. Reading this post reminds me of my old room mate! He always kept talking about this. I will forward this article to him. Pretty sure he will have a good read. Thanks for sharing!
Im happy I found this webpage, I couldnt obtain any information on this subject matter before. Also manage a niche site and if you want to ever serious in doing a bit of guest writing for me please feel free to let me know, im always look for people to check out my website. Please stop by and leave a comment sometime!
This is a excellent posting, I discovered your weblog checking bing for a similar subject matter and arrived to this. I couldnt get to much other information on this post, so it was wonderful to discover this one. I will probably end up being back to look at some other articles that you have another time.
This is a good blog, I was wondering if I could use this post on my website, I will link it back to your website though. If this is a problem please let me know and I will take it down right away.
This is a terrific posting, I found your blog site researching yahoo for a similar subject matter and arrived to this. I couldnt get to much additional info on this post, so it was pleasant to locate this one. I will certainly be back again to look at some other posts that you have another time.
This is a very good post, but I was wondering how do I suscribe to the RSS feed?
This is a good piece, I was wondering if I could use this write-up on my website, I will link it back to your website though. If this is a problem please let me know and I will take it down right away.
Amazing site, where did you come up with the knowledge in this piece? I’m pleased I found it though, ill be checking back soon to see what other articles you have.
Good site, where did you come up with the info in this posting? Im glad I found it though, ill be checking back soon to see what other articles you have.