आई एन वी सी न्यूज़
अम्बेडकरनगर ,
जिलानी द्वारा कश्मीर में पाक का झंडा फहराने और बुखारी द्वारा बेटे की ताजपोशी में भारतीय प्रधानमंत्री को न बुलाने के मामले में अपने तीखे बयान को लेकर चर्चा में आए अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के धर्मगुरु सैयद मोहम्मद इरफान ने साफ कहा है कि राम मंदिर का निर्माण ही अयोध्या मसले का एकमात्र हल है। इसे हर मुसलमान को स्वीकार करना चाहिए। उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए सुझाव का स्वागत करते हुए कहा कि इससे दोनों समुदायों के शीर्ष लोगों को आगे आना चाहिए।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध धार्मिक स्थल किछौछा में स्थित खानकाह-ए- अशरफिया गुलशन-ए- रजा में एक बातचीत में श्री इरफान ने कहा अब वह वक्त आ गया है जब आपसी मनमुटाव को भुलाकर हिंदू मुसलमान को एक मंच पर आ जाना चाहिए। ताकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एकता का अद्भुत उदाहरण भारत प्रस्तुत कर सके। एक सवाल के जवाब में धर्मगुरु ने कहा कि भगवान राम के लिए जो अयोध्या दुनिया भर में मशहूर है उस अयोध्या में सिर्फ और सिर्फ भव्य राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए। इसके साथ ही वहां से कुछ दूरी पर उचित स्थान तलाश कर मस्जिद की तामीर होनी चाहिए। इससे न सिर्फ दोनों समुदायों के बीच का झगड़ा समाप्त होगा बल्कि एकता को मजबूती भी मिलेगी।
बातचीत में स्वयं के किसी भी सियासी दल से संबंध को खारिज करते हुए मौलाना इरफान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब तक का सर्वाधिक सफलतम प्रधानमंत्री बताया। कहा कि मोदी के कार्यकाल में हिंदुस्तान का मुसलमान सर्वाधिक सुकून में है।आज मुसलमानों को दूसरे धर्मों के लोगों की बुराई ढूंढने के बजाय अपनी बुराई दूर करने का प्रयास करना चाहिए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कट्टरवादी छवि से संबंधित एक सवाल पर सीधा कहा कि योगी नारियल की तरह बाहर से कठोर और भीतर से कोमल हैं।उनसे सिर्फ ब्रष्टाचारी ही भयभीत हैं। यह सरकार अपना कार्यकाल बेहतर ढंग से पूर्ण करेगी। उल्लेखनीय है कि मौलाना इरफान धर्मगुरु की अपनी पैतृक परंपरा का निर्वहन बीते डेढ़ दशक से कर रहे हैं और भारत के विभिन्न शहरों के अलावा यमन, अदन, सऊदी अरब, नेपाल, बांग्लादेश और रियाद सहित दुनिया के तमाम देशों में धार्मिक शिक्षा के लिए जाने जाते हैं।