दिल्ली,,
उपराष्ट्रपतिश्री हामिद अंसारी ने कहा कि राष्ट्रीय शक्ति को बढ़ावा देने और अन्य राज्य और गैर-राज्य के तत्वों द्वारा इसके इस्तेमाल में उत्तरदायित्व की मांग से निपटते समय हमारी कूटनीतिमें कार्रवाई और नीतिकी रणनीतिक स्वायत्तता कायम होनी चाहिए । 21वीं सदी में भारतीय कूटनीतिकी चुनौतियां मूल विषय पर आज यहां भारतीय राजनयिक संघ की वार्षिक व्याख्यान माला-2011 में श्री अंसारी ने कहा किइसे अपने कार्यों, उद्घषोणाओं तथा आधार द्वारा मान्य बहुलवाद और चुनिंदा गठबंधन निर्माण और व्यापक समानता तथा ठोस राष्ट्रीय हित की राज्य सार्वभौमिकता और वैश्विक क्रम के दोहरे पहलुओं के माध्यम से सावधानी बरतनी चाहिए।
श्री अंसारी ने कहा कि राज्य सरकारें अधिकाधिक अंतरराष्ट्रीय अवसर और भारत के बाहर अधिकारिक उपस्थितिके प्रतिइच्छुक हैं, जिसमें पर्यटकों, पूंजी, प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता के उद्देश्यों के लिए एक बेजोड़ ब्रांड के साथ भारतीय कूटनीतिको ऐसे उप राज्य कूटनीतिके लिए दबावों और चिंताओं को दूर करने और हमारी राज्य सरकारों के उद्देश्यों तक आसानी से पहुंचने के लिए सृजनात्मक रूप से निपटना होगा
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