आई एन वी सी.
दिल्ली ,
दया याचिकाओं के निबटारे में देरी के कारण आज सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम् फैसले में कहा की पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को फांसी नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड में मौत की सजा पाने वाले तीन मुजरिमों संतन, मुरूगन और पेरारिवलन की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। तीनों ही मुजरिमों ने दया याचिकाओं के निबटारे में देरी के आधार पर मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील करने का अनुरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें यह राहत दे दी।
यह फैसला मुख्य न्यायाधीश सतशिवम की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने अब यह तमिलनाडु सरकार पर छोड़ दिया है कि वह तीनों हत्यारों को जेल में रखे या फिर आजाद कर दे,इससे पहले 4 फरवरी को सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं, हत्या के दोषी तीनों आरोपियों की अपील का केंद्र सरकार ने जोरदार विरोध किया था। तीनों आरोपियों ने मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने संबंधी अपील दायर की थी।
दया याचिकाओं के निबटारे में देरी स्वीकार करते हुए केंद्र ने कहा था कि यह देरी अनुचित और बगैर स्पष्टीकरण वाला नहीं है। दूसरी ओर, इन दोषियों के वकीलों ने केंद्र की दलीलों का विरोध करते हुए कहा था कि दया याचिकाओं के निबटारे में अत्यधिक देरी होने के कारण उन्हें काफी तकलीफ सहनी पड़ी है और इसलिए शीर्ष अदालत को इसमें हस्तक्षेप करके उनकी मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील करना चाहिए।
दरअसल, इन तीनों दोषियों को फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की उम्मीद थी, क्योंकि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि फांसी की सजा को उम्रकैद में बदला जा सकता है, अगर दया याचिका पर फैसला लेने में जरूरत से ज्यादा वक्त लिया गया हो।