पितृपक्ष आरंभ हो चुका है और इन खास दिनों में दान-पुण्य का बहुत खास महत्व माना जाता है । मान्यता तो यह भी है कि जो भी लोग दान करते हैं, उन्हें ईश्वर का आशीर्वाद ज़रूर प्राप्त होता है। हमारे हिंदू धर्म में भी पितृपक्ष में दान को बहुत फलदायी बताया गया है। यही नहीं, पितृपक्ष में दान के साथ-साथ गीता का पाठ करना भी लाभकारी होता है, क्योंकि इससे पितरों की आत्मा को शान्ति तो मिलती ही है व आपके जीवन के सारे कष्ट भी कोसो दूर हो जाते हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि इस बार पितृपक्ष 2 सितंबर से 17 सितंबर, 2020 तक रहेंगे, तो चलिए अब बिना देर करते हुए आपको बता देते हैं कि श्राद्ध में सबसे बड़े दान किसे माने जाते हैं।
विस्तार से उन 10 दान के बारे में जो कहलाते हैं महादान –
• गौदान – इस खास दान को अगर आप करते हैं, तो आपको मोक्ष की प्राप्ति अवश्य होती है। आप इस दान को दो तरह से कर सकते हैं – दान को प्रत्यक्ष भी कर सकते है और संकल्प से भी ।
• भूमि दान – जिनके पास भूमि है वह कुछ हिस्सा भूमि का दान कर सकते हैं और जो ना कर सकें वह सिर्फ मिट्टी का दान कर पुण्य को कमा सकते हैं । याद रहे कि ऐसा करने से आपको आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति होगी।
• तिल दान – काले तिल के बारे में तो आपने सुना ही होगा. इस तिल दान को करने से व्यक्ति को ग्रह और नक्षत्रों दोनों की बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है ।
• स्वर्ण दान – स्वर्ण यानि कि सोना. इस दान को करने से व्यक्ति को कर्ज और रोगों से मुक्ति मिलती है। हां, अगर आपको स्वर्ण का अभाव है तो आप सिर्फ दक्षिणा भी देकर पुण्य कमा सकते हैं ।
• घृत दान – आप में से बहुत से लोगों को घृत का अर्थ ही नहीं पता होगा. घृत का अर्थ है गाय का घी। जान लें कि घी पात्र सहित दान करना बहुत शुभ माना जाता है । इससे आपके पारिवारिक जीवन में हमेशा खुशहाली रहेगी।
• वस्त्र दान – बहुत से लोग अपने पुराने कपड़े दान कर दिया करते हैं पर ध्यान रहे कि पितृपक्ष के दौरान अगर आप वस्त्र दान करते हैं. तो वह नए होने चाहिए ना कि फटे-पुराने ।
• धान्य दान – यह दान आपके वंश के लिए बहुत फलदायी होता है। किसी भी एक धान्य दान करने से वंश वृद्धि सम्भव हो जाती है ।
• गुड़ दान – ध्यान रहें कि गुड़ का दान करने से पितरों को संतुष्टि प्राप्त होती है और इसलिए भी इसका दान काफी अच्छा माना जाता है।
• रजत दान – रजत जिसे हम आम शब्दों में चांदी कहते हैं। इसका दान आपके परिवार और वंश दोनों को बहुत मजबूत करता है। हां अगर चांदी का अभाव हो तो आप सफेद धातु की कोई वस्तु दान कर सकते हैं ।
• लवण दान – लवण का अर्थ नमक ता है और इस दान के बिना कोई भी दान सम्पूर्ण नहीं कहलाता है। याद रहे कि नमक का दान करने से प्रेत और आत्माओं की बाधा से मुक्ति प्राप्त होती है । PLC.














