आई एन वी सी,
दिल्ली,
जमीयत उलमा ए हिन्द के महासचिव मौलाना महमूद मदनी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय केंद्रीय दल ने पश्चिम यूपी के जिले मुजफ्फ़ऱ नगर, शामली के दंगा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और पीड़ितों से मुलाकातें करके उनको आश्वासन दिया तथा दंगा प्रभावितों के लिए प्रथम चरण में राहत सामग्री वितरित कराई। मौलाना मदनी आज आधी रात में तीन बजे, मौलाना नियाज फ़ारूक़ी के साथ बिना सुरक्षा गार्ड के ही पानीपत के रास्ते, दंगा प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे। जबकि उनके निर्देश पर कल मौलाना कारी शौकत अली और मौलाना हकीमुद्दीन कासमी के नेतृत्व में जमीयत उलमा ए हिन्द का एक संयुक्त दल वहाँ पहुंचकर कर काम कर रहा है, आज हालात का जायज़ा लेने के बाद मौलाना मदनी ने बताया कि सबसे पहले हम जोला पहुंचे जहां आज ही आठ शवों को दफन किया गया है, इसमें एक ऐसी महिला भी शामिल थी जिसके सीने से उसका बच्चा लिपटा हुआ था और फसादियों ने उसी हालत में उसे जिंदा जला दिया था। मौलाना मदनी ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को बयान करते हुए कहा कि क्षेत्र में स्थिति बहुत ही नाजुक बनी हुई है और शहर से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में भयावह स्थिति है, उन्होंने कहा कि हमने स्वयं देखा कि देहात इलाक़ों में सेना और सुरक्षा बलों का कोई अस्तित्व नजर नहीं आया। सुरक्षा जवानों की मौजूदगी होने का दावा महज कागजी लगता है, जो दंगों को रोकने के संबंध में यूपी सरकार द्वारा दिखाई जा रही गंभीरता से पर्दा उठाता है, अगर सरकार के कड़े उपाय यही हैं तो और फिर दंगा प्रभावितों का अल्लाह ही मालिक है। उन्होंने कहा कि इसलिए कल संवाददाता सम्मेलन में मुस्लिम संगठनों के साथ हमने सरकार की बर्खास्तगी की मांग की थी। हम ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर समय मांगा है और विभिन्न संगठनों के सामूहिक निर्णय से उन्हें अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि यह सांप्रदायिक दंगें एक योजनाबद्ध हैं, जो राजनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने और आगामी चुनाव में सफलता हासिल करने के लिए संगठित तरीके से कराए गए हैं। मौलाना मदनी ने बताया कि लोगों में सिर्फ डर और दहशत है जिसके कारण भारी तदाद में अपनी जान व आबरू बचाने के लिए पलायन कर रहे हैं। आज भी जब हम कांधले में थे तो केरथन जिला बागपत से तीन औरतें भागकर आयीं, उनके चेहरे से निराशा और भय साफ झलक रहा था, हमें भागकर आए लोगों ने बताया कि कुछ जगह ऐसी हैं जहां मरने वालों को दफनाया नहीं जा सका है और वहाँ पहुँचना फिलहाल मुश्किल है, कता गांव ऐसे ही दंगा प्रभावित गांव में शामिल है। आज जिला मुजफ्फर नगर के बसी और जोला गांव में आठ-आठ शवों को दफन किया गया। कई स्थानों पर लगे शिविरों में लोग पीड़ादायक जीवन व्यतीत कर रहे हैं, जोला में दस हजार, शाहपुर में चार हजार और इसी गांव के मदरसा गुलजार मोहम्मदी में 250 लोग, मोहल्ला कसाबान में एक हजार, हरसोली के जामिया अरबिया इमदादुल इसलाम में 125 लोगों बडखाना में दस हजार और बुड़ाना आर जे पब्लिक स्कूल में 600 परिवार शरण लिए हुए हैं। मौलाना मदनी ने बताया कि हिंदू मुस्लिम संयुक्त शांति कमेटियाँ स्थापित कर सांप्रदायिक सद्भाव कायम करने की अतिआवष्यकता है, हम जमीयत उलमा ए हिन्द के प्रतिनिधिमंडल के साथ शोरम में जाट और मुसलमानों को एकत्र करके इस ओर आकर्षित किया कि असामाजिक तत्वों द्वारा राष्ट्रीय एकता को नष्ट करके अपने गलत उद्देश्यों को प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें मुख्यधारा से अलग करने की जरूरत है। वहां पर जाट नेता चौधरी विक्रम सिंह मौजूद थे, चौधरी विक्रम सिंह ने हमें आश्वासन दिया कि जाट और मुस्लिम भाईचारा यहां बनाए रखा जाएगा, साथ ही आज शाहपुर में एक शांति रैली निकाली गई जिसमें केंद्र से हमारा प्रतिनिधिमंडल शरीक हुआ जिसमें मैं स्वयं भी मौजूद था। इस रैली में मौलाना नियाज़ फ़ारूक़ी, मौलाना कारी शौकत अली, मौलाना हकीमुद्दीन कासमी सचिव जमीयत उलमा ए हिन्द, मौलाना गयूर कासमी, कारी आरिफ और जमीयत उलमा ए हिन्द के अन्य कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवियों ने भी भाग लिया। मौलाना मदनी ने कहा कि हम हार नहीं मानेंगें उन साम्प्रदायिक ताकतों का मुकाबला कर कानूनी जवाब देंगे। उनके गलत उद्देश्यों को सफल नहीं होने देंगे। मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि हम आज प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों के साथ प्रभावित गांव जोला, शोरम, शाहपुर, मोहल्ला कसाबान, हरसोली, ताउली, तेवड़ा, जानसठ, शैरनगर, बडख़ाना, कैराना का दौरा किया और मस्जिदों में कई स्थानों पर लोगों इकटठा करके उन्हें धैर्य और संयम से काम लेने की हिदायत दी है, हमने फैसला किया है कि कैंपों में रह रहे लोगों के लिए अविलम्ब सहायता की व्यवस्था की जाए। मौलाना मदनी ने कहा कि हमारी टीम यहां हर समय लोगों की मदद के लिए है, उन्होंने कहा कि अगर किसी को कोई समस्या हो तो हमारी टीम से संपर्क करे, मौलाना हकीमुद्दीन मोबाइल नंबर 9971628838 पर संपर्क कर सकते हैं।
दिल्ली,
जमीयत उलमा ए हिन्द के महासचिव मौलाना महमूद मदनी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय केंद्रीय दल ने पश्चिम यूपी के जिले मुजफ्फ़ऱ नगर, शामली के दंगा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और पीड़ितों से मुलाकातें करके उनको आश्वासन दिया तथा दंगा प्रभावितों के लिए प्रथम चरण में राहत सामग्री वितरित कराई। मौलाना मदनी आज आधी रात में तीन बजे, मौलाना नियाज फ़ारूक़ी के साथ बिना सुरक्षा गार्ड के ही पानीपत के रास्ते, दंगा प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे। जबकि उनके निर्देश पर कल मौलाना कारी शौकत अली और मौलाना हकीमुद्दीन कासमी के नेतृत्व में जमीयत उलमा ए हिन्द का एक संयुक्त दल वहाँ पहुंचकर कर काम कर रहा है, आज हालात का जायज़ा लेने के बाद मौलाना मदनी ने बताया कि सबसे पहले हम जोला पहुंचे जहां आज ही आठ शवों को दफन किया गया है, इसमें एक ऐसी महिला भी शामिल थी जिसके सीने से उसका बच्चा लिपटा हुआ था और फसादियों ने उसी हालत में उसे जिंदा जला दिया था। मौलाना मदनी ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को बयान करते हुए कहा कि क्षेत्र में स्थिति बहुत ही नाजुक बनी हुई है और शहर से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में भयावह स्थिति है, उन्होंने कहा कि हमने स्वयं देखा कि देहात इलाक़ों में सेना और सुरक्षा बलों का कोई अस्तित्व नजर नहीं आया। सुरक्षा जवानों की मौजूदगी होने का दावा महज कागजी लगता है, जो दंगों को रोकने के संबंध में यूपी सरकार द्वारा दिखाई जा रही गंभीरता से पर्दा उठाता है, अगर सरकार के कड़े उपाय यही हैं तो और फिर दंगा प्रभावितों का अल्लाह ही मालिक है। उन्होंने कहा कि इसलिए कल संवाददाता सम्मेलन में मुस्लिम संगठनों के साथ हमने सरकार की बर्खास्तगी की मांग की थी। हम ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर समय मांगा है और विभिन्न संगठनों के सामूहिक निर्णय से उन्हें अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि यह सांप्रदायिक दंगें एक योजनाबद्ध हैं, जो राजनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने और आगामी चुनाव में सफलता हासिल करने के लिए संगठित तरीके से कराए गए हैं। मौलाना मदनी ने बताया कि लोगों में सिर्फ डर और दहशत है जिसके कारण भारी तदाद में अपनी जान व आबरू बचाने के लिए पलायन कर रहे हैं। आज भी जब हम कांधले में थे तो केरथन जिला बागपत से तीन औरतें भागकर आयीं, उनके चेहरे से निराशा और भय साफ झलक रहा था, हमें भागकर आए लोगों ने बताया कि कुछ जगह ऐसी हैं जहां मरने वालों को दफनाया नहीं जा सका है और वहाँ पहुँचना फिलहाल मुश्किल है, कता गांव ऐसे ही दंगा प्रभावित गांव में शामिल है। आज जिला मुजफ्फर नगर के बसी और जोला गांव में आठ-आठ शवों को दफन किया गया। कई स्थानों पर लगे शिविरों में लोग पीड़ादायक जीवन व्यतीत कर रहे हैं, जोला में दस हजार, शाहपुर में चार हजार और इसी गांव के मदरसा गुलजार मोहम्मदी में 250 लोग, मोहल्ला कसाबान में एक हजार, हरसोली के जामिया अरबिया इमदादुल इसलाम में 125 लोगों बडखाना में दस हजार और बुड़ाना आर जे पब्लिक स्कूल में 600 परिवार शरण लिए हुए हैं। मौलाना मदनी ने बताया कि हिंदू मुस्लिम संयुक्त शांति कमेटियाँ स्थापित कर सांप्रदायिक सद्भाव कायम करने की अतिआवष्यकता है, हम जमीयत उलमा ए हिन्द के प्रतिनिधिमंडल के साथ शोरम में जाट और मुसलमानों को एकत्र करके इस ओर आकर्षित किया कि असामाजिक तत्वों द्वारा राष्ट्रीय एकता को नष्ट करके अपने गलत उद्देश्यों को प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें मुख्यधारा से अलग करने की जरूरत है। वहां पर जाट नेता चौधरी विक्रम सिंह मौजूद थे, चौधरी विक्रम सिंह ने हमें आश्वासन दिया कि जाट और मुस्लिम भाईचारा यहां बनाए रखा जाएगा, साथ ही आज शाहपुर में एक शांति रैली निकाली गई जिसमें केंद्र से हमारा प्रतिनिधिमंडल शरीक हुआ जिसमें मैं स्वयं भी मौजूद था। इस रैली में मौलाना नियाज़ फ़ारूक़ी, मौलाना कारी शौकत अली, मौलाना हकीमुद्दीन कासमी सचिव जमीयत उलमा ए हिन्द, मौलाना गयूर कासमी, कारी आरिफ और जमीयत उलमा ए हिन्द के अन्य कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवियों ने भी भाग लिया। मौलाना मदनी ने कहा कि हम हार नहीं मानेंगें उन साम्प्रदायिक ताकतों का मुकाबला कर कानूनी जवाब देंगे। उनके गलत उद्देश्यों को सफल नहीं होने देंगे। मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि हम आज प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों के साथ प्रभावित गांव जोला, शोरम, शाहपुर, मोहल्ला कसाबान, हरसोली, ताउली, तेवड़ा, जानसठ, शैरनगर, बडख़ाना, कैराना का दौरा किया और मस्जिदों में कई स्थानों पर लोगों इकटठा करके उन्हें धैर्य और संयम से काम लेने की हिदायत दी है, हमने फैसला किया है कि कैंपों में रह रहे लोगों के लिए अविलम्ब सहायता की व्यवस्था की जाए। मौलाना मदनी ने कहा कि हमारी टीम यहां हर समय लोगों की मदद के लिए है, उन्होंने कहा कि अगर किसी को कोई समस्या हो तो हमारी टीम से संपर्क करे, मौलाना हकीमुद्दीन मोबाइल नंबर 9971628838 पर संपर्क कर सकते हैं।