दिल्ली,
चुनावी घमासान ज़ोरोँ पर है और चौतरफा हमले हर पार्टी अपने विरोधियोँ पर रोज़ करती ही जा रही है। आरोप प्रत्यारोप का दौर भी बदस्तुर जारी है और इसके साथ ही साक्षात्कार भी काफी तादाद मेँ लिये और दिये भी जा रहे हैँ। इसी फेहरिस्त मेँ एक ताज़ा साक्षात्कार काफी मायने रखता है जिसे आईबीएन 18 के राजदीप सरदेसाई ने लिया है। हाल ही मेँ एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे से आईबीएन 18 के एडिटर इन चीफ राजदीप सरदेसाई ने खास बात की है।
गौर तलब है कि इस दौरान राज ने कहा कि उनका मकसद नरेंद्र मोदी को पीएम बनते देखना है। इसके अलावा शिवसेना-बीजेपी से संबंधों सहित कई मुद्दों पर राज ठाकरे ने अपनी राय रखी। इस साक्षात्कार के राजनैतिक महत्त्व से किनारा नहीँ किया जा सकता है। इसीलिये क्या-क्या कहा राज ठाकरे ने इस इंटरव्यू के दौरान कहा है उसे आप ज़रूर पढ़ें-
सवाल- इस चुनाव में आपका मुख्य टारगेट कौन है, शिवसेना है या नरेंद्र मोदी को पीएम देखना चाहते हैं।
जवाब- मेरा इस चुनाव का पहला और आखिरी उद्देश्य है नरेंद्र मोदी को पीएम बनते देखना। मैं शिवसेना के खिलाफ नहीं लड़ रहा हूं। मैं 10 जगह कांग्रेस के खिलाफ लड़ रहा हूं। मेरा शिवसेना को नुकसान पहुंचाने का उद्देश्य नहीं है। मेरे सामने टारगेट है मोदी जी को पीएम बनाना और कांग्रेस को हराना।
सवाल- आप तो शिवसेना को नुकसान पहुंचा रहे हैं। एनडीए में क्यों नहीं शामिल हो जाते हैं।
जवाब- ये आपका परसेप्शन है। मुझे लगता है कि मैंने इस बात का कई बार जवाब दिया है। मेरी पार्टी का इलेक्शन है, मैं किसी को हराने के लिए नहीं जिताने के लिए लड़ रहा हूं। जब वोट बंटते हैं तो वो हारते हैं, ये उनका कैंपेन है मुझसे मत पूछें।
सवाल- 2009 में मुंबई की हर सीट में आपके कैंडिडेट्स को एक लाख से ज्यादा वोट मिले। शिवसेना के हार का मार्जिन 20 हजार के आसपास था। आप उम्मीदवार नहीं उतारते तो शिवसेना के उम्मीदवार जीत जाते।
जवाब- आपको शिवसेना को बोलना चाहिए कि इलेक्शन मत लड़ो।
सवाल- मेरा फिर सवाल है आप नरेंद्र मोदी को पीएम बनते देखना चाहते हैं या शिवसेना को कमजोर देखना चाहते हैं।
जवाब- मैं नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनते देखना चाहता हूं।
सवाल- तो आप एनडीए में शामिल क्यों नहीं होते। राजनाथ सिंह ने तो यही कहा है मर्जर कर लोग या एनडीए में शामिल हो जाओ।
जवाब- इसके लिए बीजेपी के नेता नितिन गडकरी और गोपीनाथ मुंडे मुझे मिलकर गए। मर्जर के लिए नहीं एलायंस के लिए। मैंने उनसे एक ही सवाल पूछा कि आप हमें एक साथ आने को बोल रहे हैं तो ये कैसे होगा। उनके पास कोई जवाब नहीं था। नितिन मुझे घर पर भी मिले थे और इसी चीज पर बात की थी। कि हम साथ आएंगे तो अच्छा रहेगा। मैंने पूछा सीट शेयरिंग कैसे होगा। उन्होंने कहा मैं पूछ कर बताता हूं। फिर 6-7 महीने बीत गए। फिर मुंडे जी के फोन आने लगे कि मिलना है। उन्होंने भी कहा कि एलायंस करते हैं। मैंने पूछा ठीक है लेकिन कैसे। वो भी कहने लगे पूछ के बताता हूं।
सवाल- अब राजनाथ कहते हैं कि हमें राज ठाकरे के समर्थन की जरूरत नहीं है।
जवाब- मेरा सपोर्ट बीजेपी को नहीं है मोदी को है। उन्हें भी मोदी की ही जरूरत है। बीजेपी की सरकार लाओ नहीं बोल रहे हैं, वो मोदी की सरकार लाओ बोल रहे हैं। राजनाथ या कमल की सरकार लाओ ऐसा नहीं बोल रहे हैं। जिस तरह से मोदी जी ने गुजरात में काम किया है मुझे लगता है कि इस तरह का आदमी देश में आ जाए तो अच्छा रहेगा।
सवाल- मुझे लगता है कोई भी पार्टी इस समय खुलकर आपसे समर्थन नहीं चाहता। क्योंकि आपका स्टैंड एंटी नॉर्थ इंडियन है। उन्हें लगता है कि उत्तर भारतीयों के वोट कट जाएंगे। आप तो न घर के रहे न घाट के। इसीलिए बीजेपी वाले आपसे गुप्त मीटिंग करते हैं। उन्हें लगता है कि उन्हें नुकसान हो जाएगा।
जवाब- मैं तो गया नहीं था उनके पास। मैंने फोन करके नहीं बुलाया था उनको। मुझे नहीं लगता है कि इस तरह का कोई वातावरण है। अगर आपको ऐसा लगता है तो ये सवाल उनको जाकर पूछिए। जब मेरे साथ स्टेज शेयर करने अमिताभ बच्चन, लता ताई या सचिन तेंदुलकर आते हैं तो उनको नहीं लगता कि लोग उनके गाने सुनना बंद कर देंगे।
सवाल- इन हस्तियों को कहीं वोट नहीं लेने हैं। एंटी नॉर्थ इंडियन स्टैंड तो आपको वैसा का वैसा ही है। मुंबई में इनकी 15-20 फीसदी आबादी है। इसीलिए एमएनएस की अपील नहीं है।
जवाब- बिल्कुल, आज भी वैसा ही स्टैंड है। मुझे लगता है आप मेरा स्टैंड समझ नहीं पाए हैं। लेकिन यूपी और बिहार की जनता ने समझा है। आप दिल्ली में बैठकर ये नहीं समझेंगे। आप यहां पर कुछ दिन गुजारिए।
सवाल- कोई भी राष्ट्रीय दल आपके साथ स्टेज शेयर करने को तैयार नहीं है। आपकी पार्टी छोटी ही रह जाएगी। वोट कटवा पार्टी रह जाएगी।
जवाब- मैं किसी के पास कहां जा रहा हूं कि मेरे पास आइए। महाराष्ट्र में मराठी जनता बहुत है। इनके ऊपर निर्भर नहीं हैं।
सवाल- क्या आपको लगता है लोकसभा मे एक भी सीट निकाल पाओगे?
जवाब- हम लोकसभा में भी सीट निकाल लेंगे आप देखना। आप लोगों ने जिस तरह आप वालों को चढ़ाया, जैसे वो मीडिया ने पार्टी बनी है, ऐसी पार्टी मुझे नहीं बनानी। आप तो 49 दिन में ही खत्म हो गई।
सवाल- आप ठोकशाही की राजनीति करते हैं। टोल टैक्स के मुद्दे पर हिंसा के लिए प्रोत्साहित करते हैं। ऐसा क्यों।
जवाब- मैं शुरुआत में हिंसा या तोड़फोड़ की बात नहीं करता। हम लोग पहले उनके पास जाते हैं, निवेदन करत हैं, प्रॉब्लम समझाते हैं। मैं सीएम चव्हाण से मिला तो उन्हे समस्या बताई। पहले जब मैंने आंदोलन किया था तो 65 टोल नाके बंद कर दिए महाराष्ट्र में। इस बार मैंने उन्हें 22 टोल नाकों की लिस्ट दे दी। इन टोल नाकों की कीमत है 2, 4, 5 करोड़। लेकिन इन्हें वसूल करने का टाइम दिया है 20, 22 या 25 साल। उन्होंने कहा कि आचार संहिता लागू होने से पहले बंद कर दूंगा। आचार संहिता लागू हो गई लेकिन बंद नहीं हुए। मैं टोल के खिलाफ नहीं हूं। ये सारा पैसा जा कहां रहा है। रोड अच्छी नहीं है। अब बताओं इसके आगे मैं क्या करूं। तब मैसेज आया मोबाइल पर कि 12वीं के प्रैक्टिकल हैं। मैंने प्रेस कांफ्रेस बुलाई और कहा कि जो करना है हाईवे में करना, शहरों में कुछ नहीं करना। हाईवे पर तोड़फोड़ मत करना, शांति से करना। शांति से किया तो सारे मीडिया वालों ने आंदोलन फंस गया। मेरे पास पूरे रिकॉर्ड हैं।
सवाल- कानून अपने हाथ में ले लोगो? उत्तर भारतीय लोग आते हैं रेलवे में आप उन्हें मारते हैं।
जवाब– बिलकुल करना पड़ेगा। वो क्यों आते हैं यहां। महाराष्ट्र के लोगों की नौकरी बाहर वाले लेकर जाएंगे तो क्या हम कुछ नहीं बोलेंगे। असम में जब बिहारियों को जलाया, काटा था तो तब क्यों नहीं पूछा आपने ये सवाल उनसे। पहले वहां जाकर सवाल पूछो। आप वहां सवाल नही पूछते जहां TRP है वहां सवाल पूछते हो।
सवाल- तो आप ठोकशाही की राजनीति से दूर नहीं जाएंगे। यहां लोकतंत्र है।
जवाब – बिल्कुल जहां ठोकशाही की ज़रूरत होगी, ठोकशाही ही होगी। लोकतंत्र होने दो, जिसकी समझ नहीं आएगा कानून हाथ में लेना पड़ेगा। जहां सुनवाई नहीं होती वहां हाथ उठेंगे ही।
सवाल- आपने बाल ठाकरे को अपना रोल मॉडल बनाया है। वो भी ऐसे ही बोलते थे। उनकी विरासत थी ठोकशाही की।
जवाब – जो मुझे अच्छा लगता है मैं करता हूं। आपका स्वभाव बाहर आता है, जो है वो तो सामने आएगा ही। रोल मॉडल क्या होता है। जो मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा तो नहीं करूंगा। मेरी भाषा जैसी है वैसी है, क्या करूंगा।
सवाल- आपने बाल ठाकरे के बारे में कहा था कि बाला साहब को खाना आपने भेजा, जब वो बीमार थे।
जवाब- आप हमारे परिवार में दखल मत दो, होने दो जो है। मुझे लगता है कि बाला साहब क्या बोलते थे आपको समझ नहीं आया।
सवाल – आपको लोग कहते हैं कि राज ठाकरे ड्रामेबाज़ है।
जवाब – मुझे लगता है कि जो लोग मुझे वोट करते हैं उन्हें फर्क नहीं पड़ता तो मुझे क्या फर्क पड़ेगा।
सवाल- आप अपना भविष्य क्या देखते हैं।
जवाब- मैं महाराष्ट्र बनाना चाहता हूं, गुजरात से बेहतर करना है।
सवाल- आपके लिए राजनीति मिशन है या कमीशन।
जवाब- मिशन है। मै जब राजनीति करता हूं तो आंख में आंख डाल कर बात करता हूं, मैं कोई डील नहीं करता। न भाजपा न एनसीपी, ओबामा के साथ भी नहीं।
सवाल- एक राज ठाकरे हैं जिससे बात करने में लोग डरते है, एक वो राज हैं जिससे बात करने में मज़ा आता है।
जवाब- मैं हूं जैसा हूं वैसा हूं, आप कौन से नज़र से देखते हैं ये नहीं पता।