मैं एक हिन्दू राष्टवादी हूँ : नरेन्द्र मोदी

modi arres**रोजी इब्राहीम

ना हिन्दू बनेगा ना मुसलमान बनेगा!
इन्सान की औलाद है इन्सान बनेगा!!

आज के इस आधुनिक ज़माने मे किसी भी राजनेता का ये कहना की, वो जनम से हिन्दू है इसलिए वो हिन्दू राष्टवादी है…..कहा तक सही हो सकता है जबके वो व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री बनने का दावेदार हो ! कहते है की जब हम इस धरती पर जनम लेते है तो हमें ये मालूम नहीं होता है की हम कौन है ? और हमें कौनसा भगवान् मिलेगा ? इस प्रकति को बनाने वाले ने जब हम सबको अलग नहीं बनाया तो हम कैसे ये बयां कर सकते है की हम हिन्दू है | शायद मोदी जी ये भूल गए की हिंदुस्तान में प्रजातंत्र आज भी है इसलिए हम हिन्दू नहीं कह सकते है बल्कि हिंदुस्तान में जनम लेने से हम हिन्दू होने पर गर्व कर सकते है मोदी जी का ये कथन बताता है की मोदी पहले हिन्दू है बाद में हिन्दुस्तानी है ! क्या इस सोच का व्यक्ति हिंदुस्तान का प्रधानमंत्री हो सकता है जो एक धरम को मानता है !

हिंदुस्तान में रहना वाला हर शख्स हिन्दुस्तानी है और हर उस शख्स को भारतीय होने पर गर्व भी होगा जो हिन्दुस्तानी है चाहे वो किसी भी रंग,धर्म और जाती का हो ! शायद हमारे देश के दावेदारी करने वाले प्रधानमंत्री, नरेन्द्र मोदी ये भूल गए की हिंदुस्तान में जनम लेना वाला मुसलमान भी खुद पहले भारतीय है और बाद में वो अपने को मुसलमान कह सकता है…. जैसे अमेरिका में रहने वाला अमेरिकी, कनाडा में रहने वाला कैनेडियन, और जापान में रहने वाला जापानी, तो हिंदुस्तान में रहने वाला हर शख्श भारतीय क्यूँ नहीं हो सकता है |

सवाल कब उठते है या सवाल कब बन जाते है जब कोई बड़ा नेता धरम की बातो को ज्यादा तवज्ज्जो देता है देश के सामने…ये कैसे संभव हो सकता है इस प्रजातंत्र देश में, की देश का भावी प्रधानमंत्री इस तरह की बयानबाज़ी करे

27 फरवरी 2002 के गुजरात दंगो को कौन भूल सकता है गोधरा स्टेशन पर खड़ी ट्रेन में एक हिंसक भीड़ द्वारा आग लगाकर जिन्दा लोगो को जला दिया गया। रोंगटे खड़े कर देने वाली इस घटना की प्रतिक्रिया, समूचे गुजरात में हिन्दू-मुस्लिम दंगे भड़का गयी। मरने वाले लोगों में अधिकांश संख्या अल्पसंख्यकों की थी। इसके लिये न्यू यॉर्क टाइम्स ने मोदी प्रशासन को जिम्मेवार ठहराया

2002 के दंगो की कसक आज भी मोदी देश के लोगो से बहार नहीं निकाल पाया क्योंकि मोदी सिर्फ हिंदुस्तान को हिन्दू का देश समझते है अभी हाल ही में 26 जुलाई 2012 को नई दुनिया के सम्पादक शाहिद सिद्दीकी को दिये गये एक इण्टरव्यू में नरेन्द्र मोदी ने साफ कहा- “2004 में मैं पहले भी कह चुका हूँ की 2002 के साम्प्रदायिक दंगों के लिये मैं क्यों माफ़ी माँगूँ?’ यदि मेरी सरकार ने ऐसा किया है तो उसके लिये मुझे सरे आम फाँसी दे देनी चाहिये।” मुख्यमन्त्री ने हिंदी अखबार नई दुनिया के एक इंटरव्यू में फिर कहा की  “अगर मोदी ने अपराध किया है तो उसे फाँसी पर लटका दो। लेकिन यदि मुझे राजनीतिक मजबूरी के चलते अपराधी कहा जाता है तो इसका मेरे पास कोई जबाव नहीं है।” यह कोई पहली बार नहीं है जब मोदी ने अपने बचाव में ऐसा कहा हो। वे इसके पहले भी ये तर्क देते रहे हैं कि कब तक गुजरे ज़माने को लिये बैठे रहोगे? यह क्यों नहीं देखते कि पिछले एक दशक में गुजरात ने कितनी तरक्की की? इससे मुस्लिम समुदाय को भी तो फायदा पहुँचा है।

अगर वाकई नरेन्द्र मोदी को मुसलमानों से मोहब्बत है तो वो जनता के बीच में मुसलमानों से  बचे बचे क्यों नज़र आते है और क्यों वो सिर्फ एक धर्म के संचालक बनने की कोशिश करते है देश का मुसलमान भी उतना ही वजूद रखता है जितना की इस देश का हिन्दू…..राजनीती के इस समुन्द्र में कूदने से पहले नारेंद्द्र मोदी को मुसलमानों की पैरवी करनी होगी वरना १२० अरब की इस आबादी में नरेन्द्र मोदी को मुसलमान मुआफ नहीं कर पायेगा

दंगे तो हर आई गयी सरकार में होते है क्योंकि दंगे क्यों होते है इस बात का हल ना तो मोदी कर सकते है और ना मनमोहन बता पायेगे | वास्तव में सच्चाई यह है धर्म को बदलना होगा ताकि हमारे देश का हर नागरिक समझ सके की देश किसी एक का नहीं है बल्कि सबका है जिसमे हर रंग खिलता है चाहे वो हिन्दू हो या मुसलमान,

अक्सर आम हिन्दू लोग, आम मुसलमान से यह कहता है, की आप लोग पाकिस्तान क्यों नहीं जाते? असल में कुछ हिन्दुस्तानी लोगो में यह गलत सोच है की विभाजन के समय पाकिस्तान मुसलमान के लिए और हिंदुस्तान हिन्दू के लिए बना है | देश का बटवारा तो कुछ नेताओ की गलती का नतीजा है जो हम आज भी झेल रहे है हिंदुस्तान किसी एक धरम का देश नहीं है बल्कि ये ही ऐसा देश है जहाँ सब लोगो को दिल से इस्तकबाल होता है

हिन्दुस्तानी कवी ने भी क्या खूब कहा है की ……..

हिन्दू धर्म है जितना प्यारा उतना ही इस्लाम है
जितनी पवन रामायण है उतनी पाक कुरान है
हिंदी-उर्दू भाषा दोनों बहने है एक दूजे की
हिन्दू से ना मुस्लिम से, दोनों से हिंदुस्तान है

देश से पहले कोई धर्म और जाती नहीं है हिंदुस्तान का मुसलमान अपने देश के लिए अपनी जान की बाजी भी लगा लेता है और विदेश में भी अपने को हिन्दू होने पर गर्व करता है और कराता भी है जैसे हमारे पूर्व राष्टपति डॉ. अबुल पकिर जैनुल आबिदीन अब्दुल कलाम, शहनाई वादक बिस्मिल्ल्हा खान और अलीगढ मुस्लिम विश्वविध्यालय के संथापक सर सय्यद अहमद खान, इन जैसे हजारो मुसलमान जिन्होंने विदेशो में भी हिंदुस्तान का नाम रोशन किया |

नरेन्द्र मोदी को यह सोचना होगा की हिंदुस्तान में रहने वाला हर इंसान पहले राष्टवादी है फिर हिन्दू और मुसलमान है अगर नरेन्द्र मोदी को हिंदुस्तान की सरोज़मीं पर हुकूमत करनी है तो धर्मनिरपेक्ष बनना होगा और देश के हर धर्म का सम्मान करना होगा | आज के इस तकनिकी ज़माने में मोदी जी को धरम भूलकर सबके साथ ख़ुशी से हाथ मिला कर अपने सपने को पूरा कर सकते है  |

आज मोदी को अपनी छवि बदलनी होगी और अगर मोदी को प्रधानमंत्री के पद का सपना पूरा करना है तो मोदी का कथन हिन्दू राष्वादी ना हो कर भारतीय राष्टवादी होता | मोदी को धरमनिरपेक्ष मोदी बनना होगा ……..

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रोजी इब्राहीम****
Being stuggler journalist, she has written many stories on different issues and she has worked with many TV channels like Sahara TV, IBN7, PIONEER, DDNews and PRASAR BHARATI. Having post graduate in Convergent Journalism from Jamia Millia Islamia, she got chance to work on Indian Eunuchs (neither men nor women) for ABCNews,America. Now she is writting a book on Indian eunuchs.Though, a difficult task for a beginner yet I am completing this book shortly.
Rozy Ibrahim (Journalist)
173,SUKHDEV VIHAR,
NEW DELHI-110025
PHONE-9891923618

**लेख में व्यक्त विचार लेखक के अपने हैं और आई.एन.वी.सी का इससे सहमत होना आवश्यक नहीं।

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