मुख्यमंत्री पत्रकारों की समस्याओं को अनदेखा न करें: गंगेले

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भोपाल,
पत्रकारों के संगठन गणेश शंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब के प्रांतीय अध्यक्ष संतोष गंगेले ने 10 सूत्रीय मांग पत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेजा है। इसमें उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री पत्रकारों की समस्याओं को अनदेखा न करें।
उन्होने गणेषषंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब के बैनर से मॉगें रखते हुये कहा कि प्रदेष के अंदर ग्रामीण, कस्बाई, या जिला स्तर के पत्रकारों को एक समान सम्मान का हक है , सरकार दोहरी नीति अपना कर पत्रकारों में हीन भावना पैदा कर रही है ।  गणेषषंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब के प्रान्तीय अध्यक्ष संतोष गंगेले ने कहा कि षहीद गणेष षंकर विद्यार्थी का परिवार मुॅगावली जिला ग्वालियर मध्य प्रदेष का रहने बाला थें उनकी माता जी का नाम गोमती देवी तथा उनके पिता बाबू जयनारायण श्रीवास्तव थें उनकी प्राथमिक षिक्षा ग्वालियर जिला में ही हुई है। उन्होने आजादी में अह्म भूमिका अदा की तथा देष को आजाद कराने में अपनी लेखनी , समाचार पत्र प्रताप के माध्यम से देष की जनता को जागृत किया । उनका जन्म 26 अक्टूवर 1889 को हुआ, तथा मृत्यु 25 मार्च 1926 को हिन्दु मुस्लिम दंगों के बीच कानपुर उ0प्र0 में हुई। देष की पत्रकारिता के पुरौधा था । उनके नाम से यह संस्था सम्पूर्ण मध्य प्रदेष में कार्य कर रही है । गणेष षंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब संस्था की प्रमुख मॉगे इस प्रकार है कि गणेष षंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब संस्था की प्रमुख मॉग है कि मध्य प्रदेष षासन व्दारा पत्रकारिता के पुरौधा गणेष षंकर विद्यार्थी जी के नाम से नगर निगम, नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों में एक वार्ड उनके नाम से घोषित किया जावे, विद्यार्थी जी की प्रतिमा एक स्थान पर अनावरण की जावे । मध्य प्रदेष सरकार मध्य प्रदेष के प्रत्येक जिला स्तर पर सूचना एव जन सम्पर्क विभाग के माध्यम से जिला स्तर पर पत्रकार भवन का सरकारी राषि पर निमार्ण कराये, इन भवनों का नाम गणेष षंकर विद्यार्थी पत्रकार भवन रखा जावे । मध्य प्रदेष के पत्रकारों को मुख्य मंत्री तीर्थ योजना की तहत पत्रकारों को पर्यटन एवं दषर्नीय स्थलों के भ्रमण एवं निरीक्षणों की सुविधाये जिला जन सम्पर्क कार्यालयों के माध्यम से ग्रामीण, कस्बाई,नगर एवं जिला स्तर के पत्रकारों की प्रदान कराई जावे । मध्य प्रदेष के अंदर जो अधिमान्यता नियम है उसे समाप्त किया जावे, सभी पत्रकारों को एक समान सुविधाए व अधिकार प्रदान किए जावे । अधिमान्य पत्रकारों की सूची होने के कारण पत्रकारिता में पक्षपात एवं हीन भावना को स्थान मिल रहा है । मध्य प्रदेष षासन मध्य प्रदेष के अंदर छोटे समाचार पत्र /पत्रिकायें प्रकाषित है, दैनिक/साप्ताहिक/मासिक उन्हें विज्ञापन नीति का लाभ दिया जावे, सरकार व्दारा कम से कम एक सरकारी विज्ञापन मासिक दिया जावे, साथ ही स्थानीय समाचार पत्रों में ही जिला/जनपद क्षेत्र के सरकारी विज्ञापन विज्ञप्ति प्रकाषन की स्वीकृति दी जावे । जिससे समाचार पत्रों के संपादक अपना समाचार पत्र नियमित एवं सही ढंग से प्रकाषित कर सके । मध्य प्रदेष के प्रत्येक जिला जन सर्म्पक विभाग में पंजीकृत पत्रकार की प्रदेष स्तर पर एक स्मारिका का प्रकाषन प्रति बर्ष कराऐ जिसमें पत्रकारों के नाम पता, संबंधित समाचार पत्र, चैनल, पत्रिका, का अधिकार पत्र का विवरण, सम्पर्क नम्बर आई-डी ई-मेल दर्ज हो। इस स्मारिका से प्रदेष के पत्रकारों की एक दूसरे को सम्पूर्ण प्रदेष की जानकारी रहेगी । गणेष षंकर विद्यार्थी जी का जीवन परिचय एवं उनके कार्यो को मध्य प्रदेष पाठ्य पुस्तक निगम व्दारा संचालित कोर्स में षामिल किया जावे। जिससे प्रदेष के विद्यार्थीओं को विद्यार्थी जी के बारे में ज्ञान अर्जित होगा तथा प्रेस के प्रति पत्रकारों का क्या दायित्व है ? यह भी जानकारी मिल सकेगी।

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