आई एन वी सी ,
लखनऊ,
महंगाई की मार से देश ही बदहाल और परेशान नहीं हैं जिस तरहा से महंगाई ने अपनी पकड आप आदमी पर दिन व् दिन मजबूत करनी शुरू कर दी हैं उससे उत्तरप्रदेश के पत्रकार भी अछूते नहीं हैं , महंगाई की मार ने पूरे सूबे के सभी पत्रकारों को इस कद्र परेशान कर रखा हैं की आज कलमकारों के पास तनख्वाह बाद में आती हैं उससे पहले खर्चे का पर्चा बन जाता हैं , उत्तरप्रदेश में मान्यता प्राप्त पत्रकारों को दोहरी मार झेलनी पद रही हैं क्योकि राज्य संपत्ति विभाग ने पत्रकारों को आवंटित सरकारी मकानों का किराया तीन गुना बढ़ा दिया है। लगता हैं उत्तर प्रदेश सरकार अपनी नाकामियों का सारा ठीकरा पत्रकारों के सर पर फोड़ना चाहती हैं तभी पत्रकारों को मिलने वाली सभी सुबिधाओ को दुविधाओं में तब्दील करने का मन बना लिया हैं इसी कवायत में अखिलेश सरकार ने सभी पत्रकारों को मिलने वाली सुविधाओं में तीन गुणा तक बढोतरी कर दी हैं !
इसी समस्या के समाधान के लियें आज एनेक्सी में कैबिनेट बैठक के बाद उत्तर प्रदेश राज्य मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी के नेतृत्व में पत्रकारों के एक प्रतिनिधि मंडल को मुख्यमंत्री से मिला ! प्रतिनिधि मंडल की ओर से मुख्यमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन पर उन्होंने जल्दी ही विचार कर फैसला लेने की बात कही। समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी में नुख्यमंत्री को अवगत कराया कि राज्य संपत्ति विभाग ने पत्रकारों को आवंटित सरकारी मकानों का किराया तीन गुना बढ़ा दिया है। ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार के इस निर्णय से पत्रकारों को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
सरकारी मकानों के बढ़े हुए किराए पर प्रदेश सरकार सहानुभूतिपूवर्क विचार करेगी
पत्रकारों के वेतन को देखते हुए सरकारी मकानों का किराया बढ़ाना उनके लिए कष्ट का कारण बनेगा। लगातार बढ़ती मंहगाई के चलते पत्रकारों पर इतना बोझ डालना किसी भी दृष्टि से उचित नही है। ज्ञापन में मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया कि इस निर्णय पर पुनर्विचार कर इसे वापस लेने का कष्ट करें। तिवारी ने सरकारी गेस्ट हाउसों में पत्रकारों से लिए जाने वाले किराए में चार गुना वृद्धि को भी वापस लेने का अनुरोध किया। प्रतिनिधि मंडल में समिति के सचिव सिद्धार्थ कलहंस व उपाध्यक्ष नरेंद्र श्रीवास्तव के अलावा बड़ी तादाद में पत्रकार शामिल थे।
ज्ञात हो कि इससे पूर्व समिति ने सरकारी गेस्ट हाउसों में पत्रकारों से लिए जाने वाले किराए में एकमुश्त चार गुना की वृद्धि किए जाने के फैसले पर भी पुनर्विचार करने का आग्रह, इस आशय का एक पत्र प्रमुख सचिव सूचना के माध्यम से भेज कर किया था। समिति के अध्यक्ष ने इस संदर्भ में पूर्व मुख्य सचिव से वार्ता कर इस वृद्धि को वापस लेने का अनुरोध किया था।