नई दिल्ली| पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए। हालांकि चीन की क्षति के बारे में सटीक संख्या की जानकारी नहीं दी गई है। कहा है कि गया है कि चीन को भी नुकसान का सामना करना पड़ा है। 40 से अधिक सैनिक या तो मारे गए हैं या फिर घायल हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं कि आखिर बीते 41 दिन में क्या हुआ जो भारत और चीन के बीच ऐसा हालात हो गए।
5 और 9 मई को आपस में भिड़ गए दोनों देशों के सैनिक
भारत और चीन के बीच तनाव तब शुरू हुआ था, जब पांच मई को दोनों देशों के सैनिक गत पांच और छह मई को पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो क्षेत्र में आपस में भिड़ गए थे। पांच मई की शाम को चीन और भारत के 250 सैनिकों के बीच हुई यह हिंसा अगले दिन भी जारी रही थी। इसके बाद नौ मई को उत्तर सिक्किम सेक्टर में भी इस तरह की घटना हुई थी। भारत-चीन सीमा विवाद 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी को लेकर है। इसके बाद दोनों सेनाओं ने बातचीत के जरिए से सीमा विवाद हल करने की कोशिश की थी।
6 जून- दोनों देशों के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता
दोनों देशों के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया। सरकार ने कहा है सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिति का हल निकालने और शांति सुनिश्चित करने और लिए दोनों पक्ष सैन्य और कूटनीतिक तौर पर जुड़े रहेंगे। चुशुल-मोल्दो क्षेत्र में हुई बैठक पर विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में शांतिपूर्वक हल निकालने के लिए सहमत हुए हैं। यह फैसला विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों और नेताओं के बीच हुए समझौते को ध्यान में रखते हुए लिया गया है कि भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए आवश्यक है। वार्ता में चीन की ओर से दक्षिण शिनजियांग मिलिट्री रीजन के कमांडर और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के ग्रुप मेजर जनरल लियु लिन मौजूद रहे वहीं भारत की ओर से जनरल हरिंदर सिंह थे।
15 जून- दोनों देशों के बीच कर्नल रैंक के अफसरों की बातचीत
15 जून को दोनों देशों के बीच कर्नल रैंक के अफसरों की बातचीत हुई लेकिन 15 जून की ही देर रात दोनों सेनाओं के बीच इस झड़प की खबर आई। इसके बाद 16 जून को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की इस अप्रत्याशित कार्रवाई हुई। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि16 जून को दोनों ओर से सैनिकों द्वारा कोई गोलीबारी नहीं की गई है। दरअसल सैनिकों के बीच पथराव हुआ। डंडों से एक-दूसरे पर हमला किया गया। चीन ने भी मान लिया है कि सोमवार (15 जून) रात वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प के दौरान उसके भी सैनिक मारे गए हैं। हालांकि उसके कितने सैनिक हताहत हुए हैं, इसकी जानकारी उन्होंने नहीं दी। चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के हवाले से चीन की सेना (पीएलए) का यह बयान जारी हुआ है।वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ताजा घटनाक्रम के बाद एक चीनी सैन्य प्रवक्ता ने मंगलवार (16 जून) को भारतीय सैनिकों से अपील करते हुए कहा कि वे सीमा पर चीनी सैनिकों के खिलाफ सभी भड़काऊ कार्रवाइयों को तुरंत रोके और बातचीत के माध्यम से विवादों को सुलझाने के सही रास्ते पर वापस आए। पीएलए ने कहा, “भारतीय सैनिकों ने एक बार फिर गलवान घाटी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार किया और जानबूझकर उकसाने वाले हमले किए, जिससे गंभीर संघर्ष हुआ और सैनिक हताहत हुए।” PLC.