रायपुर,
कृषि एवं सहकारिता विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अजय सिंह ने आज यहां नया रायपुर स्थित मंत्रालय (महानदी भवन) में सहकारी समितियों के उपार्जन केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान को बेमौसम बारिश से बचाने के लिए उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा की। उन्होंने सहकारिता एवं खाद्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि उपार्जन केन्द्रों में धान के रख रखाव की उचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष कृषि उपज मंडियों में भी सहकारी समितियों के माध्यम से धान खरीदी की व्यवस्था करें, जहां धान को सुरक्षित रखने के पर्याप्त साधन उपलब्ध रहते हैं।
कृषि एवं सहकारिता विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अजय सिंह ने आज यहां नया रायपुर स्थित मंत्रालय (महानदी भवन) में सहकारी समितियों के उपार्जन केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान को बेमौसम बारिश से बचाने के लिए उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा की। उन्होंने सहकारिता एवं खाद्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि उपार्जन केन्द्रों में धान के रख रखाव की उचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष कृषि उपज मंडियों में भी सहकारी समितियों के माध्यम से धान खरीदी की व्यवस्था करें, जहां धान को सुरक्षित रखने के पर्याप्त साधन उपलब्ध रहते हैं।
अपर मुख्य सचिव श्री सिंह ने कहा कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) और सहकारी समितियां के बीच अनुबंध नियमित रूप से किया जाना चाहिए। इसके लिए सहकारिता विभाग, खाद्य विभाग और मार्कफेड के अधिकारियों की एक टीम गठित कर दी जाए, जो इस संबंध में अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। खाद्य विभाग के सचिव श्री विकासशील ने बताया कि बेमौसम बारिश से भीगे हुए धान को अलटी-पलटी करने के बाद सही धान को उसना मिलिंग के लिए देने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि सहकारी समितियों को नौ रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान की तौलाई, भराई एवं जांच आदि कार्य के लिए दिया जाता है। इसके तहत वर्ष 2013-14 में 71 करोड़ 69 लाख रूपए समितियों को प्रशासनिक एवं प्रासंगिक व्यय दिया गया है। इसके साथ ही धान के सुरक्षित भण्डारण रखने के लिए दो रूपए प्रति क्विंटल की दर से 14 करोड़ 27 लाख रूपए अग्रिम दिया गया है। उन्होंने सहकारिता विभाग के अधिकारियों से कहा कि उक्त कार्यो के लिए दी गई राशि का ऑडिट भी कराएं तथा समितियों द्वारा व्यय की गई वास्तविक राशि उन्हें दी जाए। उन्होंने बताया कि यदि कलेक्टर तय करे तो उक्त राशि बैंक के माध्यम से न देकर मार्कफेड से सीधे समितियों को भी दी जा सकती है। खाद्य सचिव ने यह भी बताया कि वर्षा से धान को सुरक्षित रखने के लिए सहकारी समितियों एवं संग्रहण केन्द्रों द्वारा 95 लाख 88 हजार रूपए की पालिथिन खरीदी गई है।
बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) के प्रबंध संचालक श्री एस.के. जायसवाल, सहकारिता विभाग के पंजीयक श्री एस. प्रकाश और सहकारिता तथा खाद्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।