आई एन वी सी न्यूज़
दुर्गुकोंदल, छत्तीसगढ़,
बल द्वारा संपादित जन कल्याणकारी कार्यों के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ा है – 165 वीं बटालियन सीमा सुरक्षा बल के कमाण्डेंट श्री भानु प्रताप सिंह द्वारा माओवाद प्रभावित छत्तीसगढ़ के तीन आदिवासी बच्चों को गोद लिये जाने से।
वाकया दुर्गुकोंदल ब्लॉक के गाँव मदले का है, जहाँ कि दिनांक 20 फरवरी 2015 को 165 वीं बटालियन द्वारा एक निःषुल्क चिकित्सा षिविर लगाया गया था। इस दौरान बल के अधिकारियों को ये पता चला कि इस गाँव में मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति रह रहा है जो विधुर होने के साथ-साथ गरीब भी है और उसके तीन बच्चे भी हैं जिसकी देख-भाल वो सही तरीके से नहीं कर रहा है, क्योंकि उसके पास पैसे का अभाव है और उसके तीन बच्चे
बहुत ही मुुष्किल से अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इस बात की सूचना जब श्री भानु प्रताप सिंह, कमाण्डेंट, 165 वीं बटालियन, बी.एस.एफ.को मिली तो वे उस परिवार से मिलने उनके घर गये, और आर्थिक विपन्नता से जूझ रहे इस परिवार के राषन, वस्त्र इत्यादि जरूरतों को पूरा करने का दायित्व उठाने के साथ ही तीनों बच्चों की षिक्षा एवम् परवरिष का जिम्मेवारी भी अपने कंधों पर ली। श्री भानुप्रताप सिंह ने ये भी आष्वासन दिया कि वे तबतक इस जिम्मेवारी को उठाते रहेंगे, जबतक की वे पढ़-लिखकर किसी योग्य नहीं हो जाते।
स्थानीय लोगों ने श्री भानु प्रताप सिंह द्वारा उठाये गये इस कदम की बेहद प्रषंसा की है। उनका कहना है कि बी.एस.एफ. कमांडर द्वारा बच्चों की सुध लेने से गांव के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। हम उनके इस योगदान को कभी नहीं भूल पाएंगे।
स्थानीय मीडिया ने भी अधिकारी के इस कदम की तारीफ करते अपने प्रकाषनों में प्रमुख स्थान दिया है।