आई एन वी सी न्यूज़
भोपाल,
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि सरप्लस बिजली होने के बाद भी कटौती होना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनता को व्यवस्थागत कारणों से परेशानी हो, तो सरकार इसे बिल्कुल भी नजरंदाज नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि अघोषित बिजली कटौती पर रोक और तकनीकी खराबियों को प्रशिक्षित अमले द्वारा तत्काल ठीक करने की चाक-चौबंद व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जून माह में विद्युत आपूर्ति में गुणात्मक सुधार दिखना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ आज मंत्रालय में बिजली आपूर्ति और मौजूदा समस्याओं के संबंध में ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा कर रहे थे। बैठक में ऊर्जा मंत्री श्री प्रियव्रत सिंह उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री नाथ ने कहा कि यह बेहद गंभीर है कि राज्य में पर्याप्त बिजली होने के बाद भी कटौती हो रही है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा विभाग अपनी संपूर्ण कार्य-प्रणाली और व्यवस्थाओं में आमूल-चूल परिवर्तन लाये। बिजली उपकरणों की खरीदी में गुणवत्ता के साथ कोई समझौता न हो। बेहतर उपकरण खरीदे जाएँ। उन्होंने बिजली वितरण, सुधार तथा हर स्तर पर तैनात अमले को बेहतर ढंग से प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्युत अधिकारी उन राज्यों में जाएँ जहाँ विद्युत आपूर्ति का प्रबंधन बेहतर ढंग से किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री नाथ ने कहा कि तकनीकी खराबियों पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर तय समय-सीमा में सुधार लाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि निम्न दाब विद्युत प्रणाली तथा उपभोक्ता के घरों में जाने वाले बिजली के कनेक्शन वाले विद्युत तारों का नियमित मेंटेनेंस किया जाए। उन्होंने मेंटेनेंस के लिए होने वाली कटौती की पूर्व सूचना देने और आम उपभोक्ता की सुविधा से मेन्टेनेंस का समय निर्धारित करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कॉल सेंटर की क्षमता बढ़ाते हुए उपभोक्ता सेवाओं में सुधार लाने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली आपूर्ति को सुचारु बनाने के लिए मेंटेनेंस उपकरणों का आधुनिकीकरण कर बिजली सुधार की प्रक्रिया को अधिक कार्यक्षम बनाया जाये। श्री नाथ ने कहा कि मैदानी स्तर के सभी अधिकारी मेहनत और तत्परता के साथ जून माह तक सभी मेटेंनेंस कार्य को योजनाबद्ध तरीके से पूरा करें और विद्युत आपूर्ति में गुणात्मक सुधार लाना सुनिश्चित करें।
बैठक में मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती, अपर मुख्य सचिव श्री आई.सी.पी. केसरी, विद्युत वितरण कंपनियों के प्रबंध संचालक सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।