हेमंत पटेल ,
आई एन वी सी ,
भोपाल,
मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड ने सागर के बिजली उपभोक्ताओं के साथ धोखा किया है। जो सेवाएं जनता को दी ही नहीं है, उसका पैसा वसूला लिया। यह सब राज्य सरकार की गलत नीतियों के चलते हुआ। इसको लेकर अब जन न्याय दल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने जा रही है।
जन न्याय दल के प्रदेश प्रवक्ता आलोक सिंघई ने बताया कि कंपनी ने लोगों को अजीब धोखाघड़ी कर फंसा दिया है। सरकार ने प्रभावशाली लोगों के दबाव में बिजली कंपनी ने निजी क्षेत्र की जिस एस्सेल विद्युत वितरण (प्रा.) लिमिटेड को इकतरफा आर्थिक लाभ दिलाने वाला अनुबंध किया है। वह अनुबंध की परिभाषा में साफ तौर पर धोखाधड़ी है। इसके लिए जन न्याय दल ने इस अनुबंध को निरस्त कराने मप्र उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर करेगा। श्री सिंघई ने कहा, इस संबंध में दल ने मप्र शासन और विद्युत कंपनी को नियमानुसार धारा 80 सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत वैधानिक नोटिस भेजा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में निष्पादित हुए अनुबंध की शर्तें जन विरोधी व इकतरफा हैं। इससे शासन व जनता के अमूल्य राजस्व की क्षति हो रही है। ये शर्तें एस्सेल कंपनी को लाभ दे रहीं हैं।
उन्होंने बताया, अनुबंध की शर्तों के अनुसार एस्सेल कंपनी को दिसंबर 2012 के बाद से विद्युत शुल्क वसूलना था परंतु कंपनी ने रिकवरी शुल्क जनवरी 2012 से लगाकर एक साल तक अवैध रूप से वसूला है। जिससे करोड़ों रुपए की गैरकानूनी वसूली की गई है।
श्री सिंघई ने बताया कि एस्सेल कंपनी की ओर से सागर में बड़ी तादाद में बिजली मीटर जबरिया बदले जा रहे हैं। नए मीटर एस्सेल कंपनी की ओर से स्वयं टेस्ट करके लगाए जा रहे हैं जबकि अनुबंध के अनुसार मीटर एमपीईबी की लैब में टैस्ट कर लगाए जाने हैं। इसी तरह एस्सेल कंपनी के अधिकारी इनपुट यूनिट बचाने के लिए बार बार इलेविन केवी फीडर को घंटों बंद कर देते हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी की ओर से चालू बिजली मीटरों को जबरन खराब घोषित कर एवरेज बिल से अधिक वसूली की जा रही है।