चंडीगढ़,
हाल ही के बारिश के कारण इस क्षेत्र में फसलों के हुये भारी नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल ने प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ 10000 रुपये के हिसाब से मुआवजा देने के लिए नियमों में संशोधन करने हेतू प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के निजी दखल की मांग की है।
प्रधानमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह को लिखे अलग अलग पत्रों में स. बादल ने मौसम में परिवर्तन के कारण पड़ी बारिश से फसलों के हुये भारी नुकसान के कारण किसानों पर टूटे मुसीबतों के पहाड़ संबंधी अवगत् करवाया। उन्होंने कहा कि पंजाब और पड़ौसी राजयों में गत् कुछ दिनों के दौरान भारी बारिश पड़ी है। पहली और दो मार्च को औसतन लगभग 42 सैंटीमीटर बारिश पड़ी। स. बादल ने कहा कि चाहे इस अवसर पर खड़ी गेंहू की फसल और रबी की अन्य फसलों के लिए बारिश अच्छी है परंतु तेज हवायें, गढ़ेमारी और बारिश की तेज़ रफतार ने फसलों को भारी क्षति पहुंचाई और किसानों के अनाज को तबाह कर दिया है। मुख्यमंत्री ने दोनो नेताओं को बताया कि आरंभिक रिपोर्टो के अनुसार लगभग 7 लाख एकड़ फसल को नुकसान हुआ है जबकि सब्जियों और बागवानी को कही अधिक नुकसान हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि इस समय 2014 -15 की रबी की फसल लगभग पकने के समीप है और किसानों ने अपनी फसल के लिए लगभग पूरा खर्च कर दिया है। स. बादल ने यह भी लिखा कि जो किसान अपनी फसल की कटाई करने योग्य नही होंगे या फसल का झाड़ घट गया है, उनका लगभग पूरे सीज़न का नुकसान हो गया है इससे उनको भारी हानि हुई।
किसानों को बनता मुआवजा देने का मुद्दा उठाते हुये मुख्यमंत्री ने किसानों को ना केवल बिजाई का बल्कि नुकसान का पूरा मुआवजा देने की जरूरत पर बल दिया ताकि किसान खरीफ की अगली फसल की बिजाई करने के सक्षम हो सकें। उन्होंने कहा कि किसानों को उचित मुआवजा देने के लिए मौजूदा नियम संशोधन की जरूरत है जिनके अनुसार फसल के 100 प्रतिशत क्षतिग्रस्त हो जाने की सूरत में 3600 रुपये प्रति एकड़ मुआवज़ा दिया जाता है जोकि उचित नही है क्योंकि इससे किसान की लागत भी पूरी नही होती। स. बादल ने कहा कि हमें कम से कम संभावी लागत को यकीनी बनाना चाहिए ताकि किसानों को उनके फसल के हुये नुकसान की भी पूर्ति की जा सके।
मुख्यमंत्री ने श्री मोदी को अपील की कि जिन किसानों की फसल तेज़ हवाओं और ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त हुई है, उनको उचित मुआवजा दिया जाये। उनहोंने प्रधानमंत्री को विनती की कि भारत सरकार के कृषि मंत्रालय को मुआवजे के नियमों में संशोधन करके इसको प्रति एकड़ कम से कम 10000 रुपये करने के लिए कहें।