बंसीलाल की जीवनी अब बाज़ार में

आई एन वी सी,,
हरियाणा,,
हरियाणा के राज्यपाल श्री जगन्नाथ पहाडि़या ने आज यहां पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय श्री बंसीलाल के जीवन व कृत्यों पर लिखी गई पुस्तक ‘बंसीलाल – लाईफ एंड टाईम्स’ तथा इसका हिन्दी रुपांतरण ‘बंसीलाल – जीवनकाल एवं युग’ का विमोचन किया। इस समारोह की अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने की। पुस्तक कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के इतिहासकार प्रो रघुवेन्द्र तंवर तथा श्री बंसीलाल की सुपुत्री तथा पूर्व आईएएस अधिकारी श्रीमती सरोज सिवाच द्वारा लिखी गई है, जिसमें श्री बंसीलाल के करीबी व्यक्तियों तथा समाचार पत्र के संदर्भ को बेहद रोचक ढंग से सचित्र प्रस्तुत किया गया है। श्री बंसीलाल को दक्ष प्रशासक तथा संवेदनशील व्यक्तित्व का स्वामी बताते हुए राज्यपाल श्री पहाडि़या ने कहा कि बंसीलाल एक साधारण किन्तु निर्भीक, साहसी एवं दूरदर्शी राजनेता थे। उनके साथ अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए श्री पहाडि़या ने कहा कि वर्ष 1960 में जब बंसीलाल राज्यसभा के सदस्य बने थे तो वे लोकसभा के सांसद थे और उन्हें वह क्षण भी याद है जब बंसीलाल ने मई 1968 में पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने हरियाणा की तकदीर बदल दी। राज्यपाल ने कहा कि श्री बंसीलाल ने अपने दृढ़ संकल्प और कुशल प्रशासन के द्वारा हरियाणा के हर गांव में बिजली पहुंचाई और उसे सड़क से जोड़ा। श्री बंसीलाल को एक सच्चा मित्र बताते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 1962 में चुनाव हारने के बाद जब उन्हें दिल्ली में रहने के लिए मकान की आवश्यकता थी, तब बंसीलाल ने उन्हें एक वर्ष तक अपने घर में स्थान दिया था। श्री पहाडि़या ने कहा कि श्री बंसीलाल ने जिस प्रगतिशील हरियाणा की नींव रखी थी, वह आज देश का सर्वाधिक विकसित राज्य बन गया है और मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में यह राज्य अनेक क्षेत्रों में देश का नम्बर वन राज्य बन चुका है, जिसके लिए मुख्यमंत्री तथा प्रदेश की जनता बधाई के पात्र है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक श्री बंसीलाल के कृतित्व पर एक सच्ची श्रद्धांजलि है। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय श्री बंसीलाल को चरित्रवान, आत्म सम्मानी तथा प्रदेश हितैषी राजनेता बताते हुए कहा कि अगर किसी मुख्यमंत्री ने हरियाणा को विकास का रास्ता दिखाया, तो उसका पूरा श्रेय श्री बंसीलाल को जाता है और राज्य के विकास के लिए उनकी दूरदर्शी सोच को वे अपना आदर्श मानते है।  श्री बंसीलाल के जीवन पर लिखी गई पुस्तक की सराहना करते हुए श्री हुड्डा ने कहा कि पुस्तकों के माध्यम से यदि ऐसे महान व्यक्तियों का इतिहास में नाम नहीं रहेगा तो इसका विकास पर भी असर होगा और ऐसे व्यक्तियों को याद रखना हमारा फर्ज है, जिसके लिए उन्होंने पुस्तक के लेखकों को बधाई दी। श्री हुड्डा ने श्री बंसीलाल के साथ अपने अनुभवों तथा रोचक किस्सों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वे बंसीलाल के व्यक्तित्व के चश्मदीद गवाह है। बंसीलाल किसी भी राजनेता के व्यक्तित्व को बेहद बारीकी से देखते थे और प्रदेश के हितों को परिवार के हितों से ऊपर समझते थे। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व के कई पहलु होते है और बंसीलाल एक कठोर होने के साथ-साथ एक भावुक व्यक्तित्व भी थे। श्री बंसीलाल के मुख्यमंत्री बनने को लेकर एक रोचक घटनाक्रम का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब बंसीलाल वर्ष 1968 में हरियाणा के मुख्यमंत्री बने तो उनके पिता श्री रणबीर हुड्डा भी मुख्यमंत्री की दौड़ में आगे थे और पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी भी उन्हें ही हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाना चाहती थी लेकिन राजनीतिक समीकरणों के चलते ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि संयुक्त पंजाब विधानसभा में अलग से हरियाणा गठन का प्रस्ताव उनके पिता श्री रणबीर सिंह ने ही रखा था और विधानसभा ने इसे पारित किया था और श्रीमती इंदिरा गांधी के प्रयासों से अलग राज्य बना। उन्होंने खुलासा किया कि श्री बंसीलाल को मुख्यमंत्री बनाने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री श्री गुलजारी लाल नंदा को जाता है। उन्होंने कहा कि जब श्री बंसीलाल मुख्यमंत्री बने तो हरियाणा को आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ प्रदेश माना जाता था और किसी को अंदाजा भी नहीं था कि श्री बंसीलाल हरियाणा को इतनी आगे तक लेकर जायेंगे। श्री बंसीलाल तथा श्री रणबीर हुड्डा के बीच इसी घटनाक्रम से जुड़े एक संवाद का खुलासा करते हुए श्री हुड्डा ने कहा कि हालांकि दोनों के बीच वैचारिक मतभेद रहे लेकिन जब उनके पिता पीजीआई, रोहतक में भर्ती थे तो उस समय भाजपा सांसद किशन सिंह सांगवान उनका हालचाल पूछने पीजीआई आए थे तो बातचीत के दौरान श्री गुलजारी लाल नन्दा का जिक्र हो गया तो उस समय श्री रणबीर हुड्डा ने स्मरण करवाया कि उसक समय वे श्री नन्दा की वजह से मुख्यमंत्री नहीं बन सके थे परन्तु संयोग की बात है कि आज वे एक मुख्यमंत्री के पिता है। उन्होंने कहा कि उनके पिता श्री रणबीर हुड्डा अब तक के सभी मुख्यमंत्रियों में श्री बंसीलाल को दूरदर्शी सोच का नेता मानते थे। श्री हुड्डा ने कहा कि हरियाणा के गठन के बाद प्रदेश को केन्द्र से काफी प्रोत्साहन मिला और श्री बंसीलाल ने कम संसाधनों के बावजूद प्रदेश के हर गांव में बिजली पहुंचाने का संकल्प लिया था, जो बड़ी उपलब्धि थी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई। मुख्यमंत्री तथा राज्यपाल का आभार व्यक्त करते हुए श्री बंसीलाल के सुपुत्र एवं पूर्व विधायक श्री रणबीर महेन्द्रा ने कहा कि उनके पिता स्वर्गीय बंसीलाल ने प्रदेश के विकास को जहां छोड़ा था, सही मायने में मुख्यमंत्री श्री हुड्डा उसे आगे बढ़ा रहे है और यहीं कारण है कि आज हरियाणा कई क्षेत्रों में देश का अग्रणीय राज्य है। पुस्तक की लेखिका श्रीमती सरोज सिवाच ने कहा कि पुस्तक लिखने की प्रेरणा उन्हें अपने पिता श्री बंसीलाल से मिली, जिन्होंने वर्ष 2004 में अपनी जीवनी लिखने की इच्छा जाहिर की थी। अप्रैल, 2011 में सेवानिवृत्त के उपरांत उन्होंने यह काम आरंभ किया। उन्होंने बताया कि पुस्तक लिखने में मीडिया जगत से जुडे़ श्री गोबिन्द ठुकराल तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी स्वर्गीय श्री आर डी श्योकंद का भी काफी सहयोग रहा। समारोह के दौरान पुस्तक लेखन को लेकर इतिहासकार प्रो. रघुवेन्द्र तंवर ने भी अपने अनुभव साझे किए। पुस्तक में श्री बंसीलाल से जुड़े ऐतिहासिक महत्व के लगभग 200 चित्र छापे गये है। इस अवसर पर हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री फूलचंद मुलाना, सहकारिता एवं आवास मंत्री श्री सतपाल सांगवान, मुख्य संसदीय सचिव श्री राम किशन फौजी, मुख्यमंत्री के राजनैतिक सलाहकार प्रो वीरेन्द्र, कई पूर्व विधायक एवं मंत्री तथा श्री बंसीलाल के परिवार के सदस्यों के अलावा साहित्य जगत के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

1 COMMENT

  1. एक प्रति मुझे मिल सकती है क्या?
    पता है रविन्द्र आर्य शाप नं०६ आर्य समाज मन्दिर ,
    रेलवे रोड़ जीन्द पिन कोड १२६१०२\nमो.नो.९८१३४१२१५२ कोरियर करें या स्पीड पोस्ट

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