- अमर अनुराधा की दर्दनाक कहानी
- पति को जेल – पत्नी की बिक्री
- प्रशाशन, पुलिस और परिवार साथ जुटे प्रेमी जोड़े को अलग करने मैं
ये कहानी बिलकुल सच और ताज़ा है. मामला राजस्थान के बाडमेर जिले का है. यहाँ रहने वाले अमर सिंह पिछले ८ सालों से गीता के साथ लाइव इन रिलेशनशिप मैं थे मगर उनके ही घर मैं किराए पर रहने वाली अनुराधा से प्यार हो गया और नज़दीकियां बड़ गयी. दोनों ने फैसला किया शादी करने का और अहमदाबाद जा कर एक मंदिर मैं शादी कर ली.
यही से शुरू हो गयी ज़ुल्म की न खत्म होने वाली दास्ताँ. अनुराधा के परिजनों ने पुलिस मै मुकदमा दर्ज़ करवा दिया. हालाँकि भारत की सुप्रीम कोर्ट ऐसे मलों मैं केस दर्ज़ करने को “ abuse of process of law” and “ abuse of process of court” करार दे चुकी है मगर प्रशाशन और पुलिस ने इन दिशा निर्देशों की कोई परवाह नहीं की. इतना ही नहीं उस पर बलात्कार व् अपहरण अदि की धाराएं लगा कर जेल मैं दाल दिया.
अमर सिंह के जेल मैं होते हुए ही अनुराधा का धरा १६४ के अंतर्गत बयान करवाया गया जिस मै उसने माननीय न्यायाधीश के समक्ष अपने प्यार को स्वीकार किआ और कहा की यह मामला पोलिसालों और उसके परिवार ने मिल कर झूठा बनाया है. उसने अपनी इच्छा से अमर सिंह से शादी की बात स्वीकार की और सम्मान के नाम पर हत्या की आशंका जताई.
कानून के मुताबिक या तो अनुराधा को उसकी इच्छा के स्थान पर जाने देना चाहिए था और उसकी सुरक्षा करनी चाहिए थी तत्व महिला प्रोटेक्शन होम मैं उसके निवास का प्रबंध किया जाना था परन्तु पुलिस ने ऐसा कुछ भी नहीं किया. १६४ के बयानों मैं सच बोलने से खफा पुलिस ने अनुराधा को उसके पिता के हवाले कर दिया, जहाँ उस पर मार पीट के साथ कई प्रकार से अत्याचार होने लगे.
लव कमांडोज़ ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार मैं मुख्य मंत्री, मुख्य सचिव सहित सभी को लिखा. फ़ोन करने पर अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह के कार्यालय से श्री कुमावत ने बताया की जिले के पुलिस प्रमुख को भेज दिया है. जिले के कलेक्टर और पुलिस प्रमुख को भी लिखा साथ ही राजस्थान के पुलिस मदनिदेशक को भी, परन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई.
साबित होने लगा की पूरा प्रशाशन १६४ के बयान से दोषी बने पुलिस अधिकइयों को बचने में जुत गया हो. २१ अप्रैल को अमर सिंह महिला ठाणे गया और अनुरोध किया. महिला पुलिस अनुराधा को मुक्त करवा कर कोतवाली ग्रामीण ले आई, परन्तु मौजूद डी एस पी ने यह कह कर वापिस भेज दिया की जिले मैं सप साहिब नहीं हैं और सोमवार को बयान होगा जबकि अनुराधा बिलख बिलख कर जान बचने की भीख मांगती रही. कहती रही अमर सिंह के पास भेजो मगर किसी ने एक न सुनी.
उसे ज़बरदस्ती वापिस अत्याचार सहने के लिए माँ बाप के पास भेज दिया २७ अप्रैल को आखिर उसे बीमा राम को २५००० रुपया मैं बेच दल. किसी तरह अनुराधा ने वहां से भी सभी अधकारियों को पत्र भेजे और ऐसा ही पत्र ले कर अमर सिंह की मत और गीता जिले के कलेक्टर के पास भी फरियाद के लिए पहुंची, सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला.
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने लव कमांडोज़ के पत्रों पर कार्यवाही करते हुए दो मामले राज्य मानव अधिकार आयोग को कार्यवाही के लिए भेज दिए परन्तु अभी तक अनुराधा वहीँ मौजूद है जहाँ उसे बेच गया और जहाँ उस से बलात्कार और शोषण हो रहा है.
अमर सिंह ने लव कमांडोज़ से भी शरण ली, मामला समाचारों मैं राष्ट्रीय न्यूज़ चॅनेल्स पर भी आया और समाचार पत्रों मैं भी. प्यार इस इस अनूठे सम्बन्ध की मदद को प्रशाशन ऐज नहीं आ रहा.
महिला मुख्य मंत्री का शाशन, सरकार के महिलाओं का सम्मान के वादेऔर अनुराधा की कहानी चीख चीख कर कह रही है जागो और बचाओ मगर पुरुषवादी मानसिकता से ग्रस्त सभी अधिकारी आँखों पर टीनका चस्मा पहने हैं और कानो मैं रुई दाल ली है
लव कमांडोज़ तो लरह रहा है अनुराधा के अधिकार के लिए, आप भी मिलो अपनी आवाज़
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ताकि सोये प्रशशसन को जगाने देश की पूरी युवा शक्ति उठ खड़ी हो
Salute You Love Commandos……..