रांची,,
गृह एवं यातायात राज्य मंत्री श्री वीरेन्द्र बेनीवाल ने दीप प्रज्जवलित कर राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी की ओर से जयपुर में आयोजित तीन दिवसीय राजस्थान पुस्तक पर्व का शनिवार को शुभारंभ किया। श्री बेनीवाल ने इस अवसर पर राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी को इस आयोजन के लिए बधाई दी और कहा कि पुस्तकें अपने आप में ज्ञान का संसार समेंटे हुए होती है। उन्होंने वि़द्यार्थियों द्वारा इंटरनेट के अत्यधिक उपयोग के संबंध में कहा कि पुस्तकें अगर हमारे पास है तो उनमें कभी वायरस नहीं आएगा, ना ही वो कभी हैंग होंगी। कार्यक्रम के अध्यक्ष साहित्यकार एवं समीक्षक श्री अशोक वाजपेयी ने कहा कि लेखन के क्षेत्र में हिन्दी का सम्मान किया जाना जरूरी है और अच्छे हिन्दी लेखकों और पाठकों को सम्मानित किया जाना चाहिए। देश में पढऩे की प्रवृति को बढ़ाने के लिए पुस्तक क्लब बनाए जाने चाहिए जहां अच्छी किताबों पर चर्चाएं हो सके। समारोह में बीज वक्तव्य श्री सुधीश पचौरी ने दिया। उन्होंने कहा कि आजकल के विद्यार्थी ज्ञानार्जन के लिए इंटरनेट पर निर्भर रहते हैं। जबकि पाश्चात्य सभ्यता के इस अंधानुकरण से हमें ज्ञान हांसिल नहीं हो सकता। उन्होंने भारतीयता को अपनाने और हिन्दी का विकास करने का संदेश दिया। महात्मा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय वर्धा के उपकुलपति श्री विभूति नारायणराय ने कहा कि राजस्थान पुस्तक पर्व के नाम से ही यह झलकता है कि पुस्तकें उल्लास का कारण होती है। शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए पुस्तकों का सस्ता और सुलभ होना लाभदायक है।
इस अवसर पर राजस्थान संस्कृत अकादमी के बटुकों द्वारा वैदिक मंत्रों की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम का परिचय अकादमी के निदेशक डॉ. आर.डी.सैनी ने दिया। उन्होंने कहा कि तीन दिन के इस महोत्सव का आयोजन युवाओं में पठन-पाठन की प्रवृति को जागृत करने के लिये किया जा रहा है। इस समारोह में विभिन्न विषयों पर आधारित सत्रों में सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर चर्चा होगी और अलग-अलग वक्ता अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।