वॉशिंगटन । कोरोना वायरस से जंग लड़ रही दुनिया के लिए अच्छी खबर है। अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना की कोरोना वायरस वैक्सीन अपने पहले ट्रायल में पूरी तरह से सफल रही। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसीन में छपे अध्ययन में कहा गया है कि 45 स्वस्थ लोगों पर इस वैक्सीन के पहले टेस्ट के परिणाम बहुत अच्छे रहे हैं। इस वैक्सीन ने प्रत्येक व्यक्ति के अंदर कोरोना से जंग के लिए एंटीबॉडी विकसित किया। मॉडर्ना की वैक्सीन की एक और अच्छी बात यह रही कि इसका इतना कोई खास साइड इफेक्ट नहीं रहा जिसकी वजह से वैक्सीन के ट्रायल को रोक दिया जाए। शुरुआती टेस्टिंग में अगर एंटीबॉडी बनती है तो इसे बड़ी सफलता माना जाता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह वैक्सीन कोरोना वायरस के खात्मे में प्रभावी होगी। इस पहले टेस्ट में 45 ऐसे लोगों को शामिल किया गया था जो स्वस्थ थे और उनकी उम्र 18 से 55 साल के बीच थी। इस टेस्ट के दौरान बुजुर्गों पर भी वैक्सीन का परीक्षण किया गया था जिसके परिणाम अभी नहीं आए हैं। दिग्गज दवा निर्माता कंपनी मॉडर्ना अब कोरोना वायरस वैक्सीन के लेट स्टेज ट्रायल की तैयारी कर रही है। कंपनी के अनुसार, 27 जुलाई के आसपास इस ट्रायल को शुरू किया जा सकता है। मॉडर्ना ने कहा कि वह अमेरिका के 87 स्टडी लोकेशन पर इस वैक्सीन के ट्रायल का आयोजन करेगी। माना जा रहा है कि तीसरे चरण के ट्रायल के सफल होने के बाद कंपनी कोई बड़ी घोषणा कर सकती है। हावर्ड के पूर्व शोधकर्ता विलियम हसेल्टाइन ने कहा कि वैक्सीन ने जिस स्तर का एंटीबॉडी विकसित किया है, वह सम्मानजनक है। यह कोरोना वायरस के खिलाफ संरक्षण देने में संभव है। ट्रायल के दौरान वैक्सीन के तीन डोज देने के बाद आधे लोगों को हल्की थकान, शरीर में दर्द और सिर दर्द हुआ। करीब 40 प्रतिशत लोगों ने वैक्सीन देने के बाद हल्का बुखार महसूस किया। PLC.