चंडीगढ़ । केंद्र सरकार द्वारा कोरोना पॉजिटिव केसों के आधार पर जारी की गई रिपोर्ट से पंजाब सरकार इत्तेफाक नहीं रखती है। पंजाब सरकार ने केंद्र की इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए साफ कर दिया है कि कर्फ्यू में ढील तो दी जाएगी लेकिन पूरे दिन कामकाज को लेकर अभी कोई रणनीति तैयार नहीं की गई है।
पंजाब में पिछले एक सप्ताह के दौरान कोरोना पॉजिटिव रोगियों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। पंजाब में शनिवार तक कोरोना पॉजिटिव 700 का आंकड़ा पार कर चुके हैं। यह संख्या और बढ़ सकती है। जिसके चलते पंजाब सरकार लॉकडाउन में ढील देकर कोई भी जोखिम उठाने के मूड में नहीं है। देश के अन्य राज्यों द्वारा जहां लॉकडाउन किया गया था वहीं पंजाब सरकार द्वारा शुरू से ही राज्य में कर्फ्यू लगाया गया है। केंद्र की घोषणा से पहले ही पंजाब सरकार राज्य में 17 मई तक कर्फ्यू जारी रखने का ऐलान कर चुकी है।
केंद्र सरकार द्वारा गत दिवस जारी रिपोर्ट के अनुसार पंजाब के जालंधर, पटियाला व लुधियाना जिला रेड जोन में, मोहाली, पठानकोट, मानसा, तरनतारन, अमृतसर, कपूरथला, होशियारपुर, फरीदकोट, संगरूर, शहीद भगत सिंह नगर, फिरोजपुर, मुक्तसर साहिब, मोगा, गुरदासपुर व बरनाला को ऑरेंज जोन, रूपनगर, फतेहगढ़ साहिब, बठिंडा तथा फाजिल्का को ग्रीन जोन में शामिल किया गया है।
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलवीर सिद्धू ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि यह 27 अप्रैल तक केसों पर आधारित हैं। पंजाब में 27 अप्रैल के बाद नांदेड़ साहिब से श्रद्धालु लौटने के कारण कोरोना पॉजिटिव केसों में अचानक वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि जिन जिलों को केंद्र ने ऑरेंज जोन में शामिल किया है, वह इस समय रैड जोन में जा चुके हैं और जो जिले ग्रीन जोन में हैं वह ऑरेंज में शामिल हो चुके हैं। पंजाब सरकार द्वारा कर्फ्यू में ढील दी जा रही है लेकिन पूरा दिन छूट दिए जाने का माहौल अभी नहीं है। इस संबंध में पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ रविवार को बैठक के बाद अगली रणनीति तैयार की जाएगी। PLC.