सोनिया गांधी पिछले 60 साालों में अच्छे से देश की राष्टृभाषा नहीं सीख पायी तो तहजीब क्या सीखेगीप्रियंका अब चौहारे पर सिर पीटकर भी रोंये तो भी नही मिलेंगे उनकी भ्रष्टचार की जननी मां सोनिया को वोटराहुल के नाम से यदि गांधी हटा दिया जाए तो वह एक नगरनिगम पार्षद का चुनाव भी नहीं जीत सकते
रायबरेली,
पूरे देश में अराजकता का शासन करने व देशद्रोही शक्तियों को पनाह देने वाला गांधी परिवार इस चुनाव के नतीजों बाद देश छोड़कर इटली जाने के लिए तैयार रहे क्योंकि पिछले 60 सालों का पाप का घड़ा अब भर चुका है और जनता इनको पूरी तरह से नकार चुकी है। श्री नरेंद्र भाई मोदी जी के कल हुए भव्य नामांकन में जनता का समर्थन पूरा देश अपनी आंखों से देख चुका हैं ।
सोनिया गांधी जो कई दशकों से इस देश में राज कर रही हैं इस देश की संस्कृति को पूरी तरह से अव्यवस्थित कर दिया है। एक इंसान जो इतने सालों में राष्टृभाषा हिन्दी अच्छे से नहीं सीख पाया वो देश की, संस्कृति को कैसे सीखेगा।
देश की सनातन संस्कृति को इस भ्रष्टाचारी व गरीबों की विरोधी सरकार ने जितना नुकसान पहुंचाया है शायद ही किसी व्यक्ति व सरकार ने सोचा भी हो।
प्रियंका गांधी कहती है कि उनकी मां को पूरा देश अपना चुका है लेकिन उनकी मां और गांधी परिवार ने देश को दिया क्या है, नफरत, भ्रष्टाचार, महंगाई, गरीबी, अशिक्षा और सुरक्षा
रायबरेली में जब राहुल, सोनिया व कांग्रेस के प्रति गुस्सा है तो उन्होंने लोगों का इमोशनल अत्याचार और शोषण करने लिए अब प्रियंका गांधी को भेज दिया है जो पिछले सप्ताह से यहां घड़ियाली आंसू बहा रही है और लोगों से वोट की भीख मांग रही है वो भी देश के नाम पर।
प्रियंका गांधी इतना कैसे गिर सकती है, शायद किसी ने सोचा हो, एक पत्नी को पता है कि उसका पति नाजायज रूप से भ्रष्टाचार और सरकारी तंत्र का दुरूपयोग कर रहा है और वह सबकुछ जानते हुए भी उनको बचाने का काम रही है, उनको पता है कि अगर देश में भाजपा सरकार बनती है तो उनके पति को जेल के अंदर डाल दिया जायेगा। एक सच्चे देश भक्त नागरिक का कर्तव्य बनता है अगर उसके परिवार पर कोई भी आरोप लगाता है तो उनको उसकी जांच स्वतंत्र रूप से करानी चाहिए न कि उनको बचाने के लिए नौटंकी करना चाहिए।
उन्होंने गांधी परिवार में अंहकारी शहजादे पर भी बोलते हुए कहा कि राहुल गांधी जिनको शासन प्रणाली चलाने और तंत्र का ज्ञान ही नहीं है, देश में प्रंधानमंत्री बनने की सोच रहे है वो जिसकी समझ एक मंत्री की नहीं है प्रधानमंत्री बनने के सोच रहे है।
जो जनता के बीच अपनी बात अच्छे से नहीं रख सकते है देश के प्रधानमंत्री बनने की इच्छा रख रहे है उनको केवल हर सभा में अपनी बाजू को उपर चढ़ाकर उत्तेजना दिखाना आता है, अगर उत्तेजाना दिखाना है तो आतंवादी गतिविधियों को रोकने के लिए दिखााये, भ्रष्टाचार कम करने के उपाय व महंगाई रोकने के लिए दिखाए, विकास कार्यो को तेज करने के लिए दिखाए,न कि अखबारों में फोटों छपने के लिए दिखाए।