चंडीगढ़,
महंत समुदाय ने ज्योतिष पीठ शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद द्वारा सांई बाबा के बारे में की गई टिप्पणी की निंदा की है। समुदाय के सदस्यों ने कहा कि अगर शंकराचार्य ने सांई बाब पर की टिप्पणी को वापिस नहीं लिया तो उनके समुदाय के सदस्य शंकराचार्य के खिलाफ विरोध करेंगे। इस मौके महंत समुदाय की सदस्य तमन्ना महंत ने कहा कि सांई बाबा एकता का प्रतीक है और शंकराचार्य ने लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र देश है और किसी को भी किसी की धार्मिकता में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है, हरेक व्यक्ति को भारत में अपनी मर्जी से धर्म और किसी भी भगवान में विश्वास रखने व पूजा करने का अधिकार दिया है। तमन्ना महंत ने सरकार से शंकराचार्य के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य को अपने धर्म की पजूा करने का अधिकार है परंतु वह सांई बाबा की पूजा दूसरों को करने से रोकने का उनको कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि दो किलो सिंदूर व 1 किलो चंदन लगाने से कोई महात्मा नहीं बन जाता। उन्होंने कहा कि तुम जैसे साधू-संतों की चर्चा रोज सुनने को मिलती है। सांई बाबा कलयुग के वो अवतार हैं जहां पर हर जाति, हर धर्म के लोग शीश निवाते हैं। तमन्ना महंत ने कहा कि बाबा जी का एक ही संदेश था ‘सबका मालिक एक है’ जिसका अर्थ निकलता है कि सभी धर्म एक हैं। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य ने हिंदु व मुस्लिम भाई चारे में विष घोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर शंकराचार्य ने बाबा पर की गई टिप्पणी के लिए माफी न मांगी तो उनके समुदाय के लोगों को शंकराचार्य के खिलाफ मजबूरन अंदोलन छेडऩा पड़ेगा।
महंत समुदाय ने ज्योतिष पीठ शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद द्वारा सांई बाबा के बारे में की गई टिप्पणी की निंदा की है। समुदाय के सदस्यों ने कहा कि अगर शंकराचार्य ने सांई बाब पर की टिप्पणी को वापिस नहीं लिया तो उनके समुदाय के सदस्य शंकराचार्य के खिलाफ विरोध करेंगे। इस मौके महंत समुदाय की सदस्य तमन्ना महंत ने कहा कि सांई बाबा एकता का प्रतीक है और शंकराचार्य ने लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र देश है और किसी को भी किसी की धार्मिकता में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है, हरेक व्यक्ति को भारत में अपनी मर्जी से धर्म और किसी भी भगवान में विश्वास रखने व पूजा करने का अधिकार दिया है। तमन्ना महंत ने सरकार से शंकराचार्य के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य को अपने धर्म की पजूा करने का अधिकार है परंतु वह सांई बाबा की पूजा दूसरों को करने से रोकने का उनको कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि दो किलो सिंदूर व 1 किलो चंदन लगाने से कोई महात्मा नहीं बन जाता। उन्होंने कहा कि तुम जैसे साधू-संतों की चर्चा रोज सुनने को मिलती है। सांई बाबा कलयुग के वो अवतार हैं जहां पर हर जाति, हर धर्म के लोग शीश निवाते हैं। तमन्ना महंत ने कहा कि बाबा जी का एक ही संदेश था ‘सबका मालिक एक है’ जिसका अर्थ निकलता है कि सभी धर्म एक हैं। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य ने हिंदु व मुस्लिम भाई चारे में विष घोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर शंकराचार्य ने बाबा पर की गई टिप्पणी के लिए माफी न मांगी तो उनके समुदाय के लोगों को शंकराचार्य के खिलाफ मजबूरन अंदोलन छेडऩा पड़ेगा।