उन्होंने कहा, ‘अवैध महाभियोग की प्रक्रिया शुरू कर आप अपने पद की शपथ का उल्लंघन करेंगी, आप संविधान के प्रति आपकी निष्ठा को खत्म कर रही हैं और आप अमेरिकी लोकतंत्र में खुले आम युद्ध की घोषणा कर रही हैं।’ ट्रंप ने कहा कि महाभियोग की इस प्रक्रिया की शुरुआत से अभी तक वह बुनियादी संवैधानिक अधिकार से वंचित रहे हैं।
गौरतलब है कि अमेरिकी सांसद बुधवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग लाने के लिए ऐतिहासिक और बहुप्रतीक्षित मतदान करने वाला है।
राष्ट्रपति ट्रंप के विरुद्ध पारित हो सकता है महाभियोग
अमेरिका में रूढ़िवादी झुकाव रखने वाले डेमोक्रेटिक सांसदों ने एक-एक करके घोषणा की है कि वे इस सप्ताह राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ महाभियोग के लिए मतदान करने को तैयार हैं। डेमोक्रेट सांसदों का यह संकल्प बताता है कि बुधवार को कांग्रेस में महाभियोग पेश किया जाएगा और वह पारित भी हो जाएगा। ट्रंप अमेरिका के ऐसे तीसरे राष्ट्रपति होंगे जिनके विरुद्ध महाभियोग चलाया जाएगा।
ट्रंप पर उच्च अपराधों और दुष्कर्म के आरोपों के अलावा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति को दो डेमोक्रेट नेताओं के खिलाफ जांच के लिए दबाव डालने के आरोप हैं। हालांकि ट्रंप ने अपने ऊपर लगे हर आरोप को सिरे से खारिज करते हुए आरोप लगाया कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि 2020 के चुनाव में उन्हें सत्ता से बाहर किया जा सके।
डेमोक्रेटों के नेतृत्व वाली प्रतिनिधि सभा में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव मतदान के लिए लाया जाएगा। इसके बाद यह तय होगा कि ट्रंप पर लगे आरोपों को स्वीकार किया जाए या नहीं, और इसे रिपब्लिकन के नेतृत्व वाली सीनेट में ट्रंप को पद से हटाने का मामला चलाने के लिए भेजा जाए अथवा नहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि 100 सदस्यों वाली सीनेट में ट्रंप की पार्टी के पास 53 सांसद हैं जबकि ट्रंप को सत्ता से बेदखल करने के लिए दो-तिहाई बहुमत चाहिए।
दो राष्ट्रपतियों के विरुद्ध चल चुका है महाभियोग
अमेरिका में अब तक किसी भी राष्ट्रपति को महाभियोग के बाद हटाया नहीं गया है। वॉटरगेट कांड में पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई होती, इससे पहले ही उन्होंने 1974 में इस्तीफा दे दिया।
वहीं, एंड्रयू जॉनसन के खिलाफ 1868 में महाभियोग की कार्रवाई की गई। उन पर आरोप था कि उन्होंने एक सरकारी अधिकारी को गैर कानूनी तरीके से बर्खास्त कर दिया था।
वहीं, 1998 में बिल क्लिंटन के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई उस वक्त की गई थी, जब मोनिका लेवेंस्की ने यौन उत्पीड़न के आरोप बिल क्लिंटन पर लगाए थे। उन्हें प्रतिनिधि सभा में मंजूरी मिली लेकिन सीनेट ने पद से नहीं हटाया। PLC