नई दील्ली,
सीमा सुरक्षा बल के मोटरसाईकिल सवार ‘जांबाज’ आगामी 26 जनवरी को होने वाली गणतंत्र दिवस की परेड में अपनी साहसिकता के अभिनव प्रदर्षन से राजपथ पर दर्षकों को अभिभूत कर देने के लिये कमर कसे तैयार बैठे हैं।
रॉयल इनफील्ड मोटरसाईकिलों पर अपने हैरत-अंगेज कारनामों से दर्षकों को दांतो तले उंगलियां दबा देने को मजबूर कर देने वाले सीमा सुरक्षा बल के ये ’जांबाज प्रहरी’ अपनी स्थापना के वर्श (सन 1990) से ही इस परेड और इस परेड के मुख्य अतिथि सहित समस्त दर्षकों के कौतुक का विषेष केन्द्र बने हुए हैं। इस टीम का बेहद संतुलित और उत्कृश्ट प्रदर्षन ये सिद्ध करता है कि सीमाओं के ये सजग प्रहरी ना सिर्फ सीमाओं की रक्षा में ही पूरे मनोयोग और मुस्तैदी से तत्पर हैं, अपितु मोटरसाईकिलों पर उम्दा दर्जे के संतुलन और लचीलेपन के नायाब प्रदर्षन से हवाओं का रूख अपने मुताबिक करने का भी दम रखते हैं। इन ‘जांबाजों’ को टेकनपुर, ग्वालियर स्थित सीमा सुरक्षा बल अकादमी के ‘केन्द्रीय यान्त्रिक परिवहन विद्यालय (सी.एस.एम.टी.)’ में उच्च स्तर के प्रषिक्षण से तैयार किया जाता है।
सीमा सुरक्षा बल के स्थापना दिवस परेड और साथ ही गणतंत्र दिवस की परेड में भी, खतरनाक और जोखिम भरे कारनामों के प्रभावी प्रदर्षन हेतु इन जांबाजों को, सितम्बर माह से ही गहन प्रषिक्षण में रखा जाता है, ताकि ये ‘जांबाज’ इन भव्य और गरिमामय परेडों में अपनी प्रतिश्ठा के अनुरूप प्रदर्षन कर सकें। आम तौर पर ‘जांबाज टीम’ 34 मोटरसाईकिलों और 64 दक्ष मोटरसाईकिल सवारों से गठित होती है। ज्ञात हो कि सीमा सुरक्षा बल की ‘जांबाज’ टीम सीमा सुरक्षा बल स्थापना दिवस की परेड में हर वर्श और गणतंत्र दिवस की परेड में हर दूसरे वर्श भाग लेती है। यह पहला अवसर है जबकि यह टीम गणतंत्र दिवस की परेड में लगातार दूसरे वर्श भी भाग ले रही है।
उपरोक्त प्रतिश्ठित समारोहों के अतिरिक्त सीमा सुरक्षा बल के इन जांबाजों ने बी.एस.एफ. टट्टू षो सहित अनेक विदेषी प्रतिनिधिमण्डलों के समक्ष, और साथ ही राश्ट्रीय स्तर के कई सराहनीय प्रदर्षनों से अपार ख्याति अर्जित की है और बेषुमार प्रसिद्धि हासिल की है। भारतीय प्रधानमंत्री सहित राश्ट्रीय और अन्तर्राश्ट्रीय स्तर की कई महान हस्तियां भी इन जांबाजों के प्रदर्षन की मुरीद रह चुकीं हैं।
विगत कुछ वर्शों में इस टीम ने अनेक विषिश्ट उपलब्धियां अर्जित की हैं और सफलता की महान गाथाएं रचीं हैं। सन् 2006 में 26 जांबाजों ने तीन मोटरसाईकिलों पर सवार हो, मानव पिरामिड बनाकर 1ः16 सेकेन्ड में 01 किलोमीटर की दूरी तय कर रिकार्ड कायम किया था। दूसरा कीर्तिमान तब बना था जब एक मोटरसाईकिल पर 40 जांबाजों ने 32 मीटर की दूरी 48.11 सेकेन्ड में तय की थी। बल के इन जांबाजों की उपलब्धियां ‘लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस’ में स्वर्णाक्षरों में दर्ज
रॉयल इनफील्ड मोटरसाईकिलों पर अपने हैरत-अंगेज कारनामों से दर्षकों को दांतो तले उंगलियां दबा देने को मजबूर कर देने वाले सीमा सुरक्षा बल के ये ’जांबाज प्रहरी’ अपनी स्थापना के वर्श (सन 1990) से ही इस परेड और इस परेड के मुख्य अतिथि सहित समस्त दर्षकों के कौतुक का विषेष केन्द्र बने हुए हैं। इस टीम का बेहद संतुलित और उत्कृश्ट प्रदर्षन ये सिद्ध करता है कि सीमाओं के ये सजग प्रहरी ना सिर्फ सीमाओं की रक्षा में ही पूरे मनोयोग और मुस्तैदी से तत्पर हैं, अपितु मोटरसाईकिलों पर उम्दा दर्जे के संतुलन और लचीलेपन के नायाब प्रदर्षन से हवाओं का रूख अपने मुताबिक करने का भी दम रखते हैं। इन ‘जांबाजों’ को टेकनपुर, ग्वालियर स्थित सीमा सुरक्षा बल अकादमी के ‘केन्द्रीय यान्त्रिक परिवहन विद्यालय (सी.एस.एम.टी.)’ में उच्च स्तर के प्रषिक्षण से तैयार किया जाता है।
सीमा सुरक्षा बल के स्थापना दिवस परेड और साथ ही गणतंत्र दिवस की परेड में भी, खतरनाक और जोखिम भरे कारनामों के प्रभावी प्रदर्षन हेतु इन जांबाजों को, सितम्बर माह से ही गहन प्रषिक्षण में रखा जाता है, ताकि ये ‘जांबाज’ इन भव्य और गरिमामय परेडों में अपनी प्रतिश्ठा के अनुरूप प्रदर्षन कर सकें। आम तौर पर ‘जांबाज टीम’ 34 मोटरसाईकिलों और 64 दक्ष मोटरसाईकिल सवारों से गठित होती है। ज्ञात हो कि सीमा सुरक्षा बल की ‘जांबाज’ टीम सीमा सुरक्षा बल स्थापना दिवस की परेड में हर वर्श और गणतंत्र दिवस की परेड में हर दूसरे वर्श भाग लेती है। यह पहला अवसर है जबकि यह टीम गणतंत्र दिवस की परेड में लगातार दूसरे वर्श भी भाग ले रही है।
उपरोक्त प्रतिश्ठित समारोहों के अतिरिक्त सीमा सुरक्षा बल के इन जांबाजों ने बी.एस.एफ. टट्टू षो सहित अनेक विदेषी प्रतिनिधिमण्डलों के समक्ष, और साथ ही राश्ट्रीय स्तर के कई सराहनीय प्रदर्षनों से अपार ख्याति अर्जित की है और बेषुमार प्रसिद्धि हासिल की है। भारतीय प्रधानमंत्री सहित राश्ट्रीय और अन्तर्राश्ट्रीय स्तर की कई महान हस्तियां भी इन जांबाजों के प्रदर्षन की मुरीद रह चुकीं हैं।
विगत कुछ वर्शों में इस टीम ने अनेक विषिश्ट उपलब्धियां अर्जित की हैं और सफलता की महान गाथाएं रचीं हैं। सन् 2006 में 26 जांबाजों ने तीन मोटरसाईकिलों पर सवार हो, मानव पिरामिड बनाकर 1ः16 सेकेन्ड में 01 किलोमीटर की दूरी तय कर रिकार्ड कायम किया था। दूसरा कीर्तिमान तब बना था जब एक मोटरसाईकिल पर 40 जांबाजों ने 32 मीटर की दूरी 48.11 सेकेन्ड में तय की थी। बल के इन जांबाजों की उपलब्धियां ‘लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस’ में स्वर्णाक्षरों में दर्ज