आई एन वी सी न्यूज़
देश में अपने कला-कर्म और नवाचारों के लिये जाने जाने वाले भोपाल के विहान के कलाकारों ने अपने नाटक ‘तोत्तो-चान’ की नई दिल्ली में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय बाल नाट्य समारोह में सफल प्रस्तुति दी| सौरभ अनंत के निर्देशन में ‘तोत्तो-चान’ को राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के वार्षिक बाल नाट्य समारोह ‘जश्न-ए-बचपन’ में प्रस्तुत किया गया| इस अंतर्राष्ट्रीय बाल नाट्य समारोह में विहान के कलाकारों ने अपनी नाट्य प्रस्तुति के साथ समारोह का समापन 25 नवंबर को किया जिसमें स्विट्जरलैंड, इंडोनेशिया और श्री लंका के कलाकारों के साथ भारत के कई शहरों के नाट्य समूहों को मिलाकर कुल 36 प्रस्तुतियाँ हुई| इन सब के बीच विहान मध्य प्रदेश का एक मात्र ऐसा नाट्य समूह है जिन्हें ‘जश्न-ए-बचपन’ में अपने नाटक की प्रस्तुति देने के लिए आमंत्रित किया गया था|
नई दिल्ली में आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय नाट्य समारोह ‘जश्न-ए-बचपन’ में भी इस नाटक को अत्यधिक प्रशंसा मिली| राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के परिसर में अभिमंच सभागार में नाटक ‘तोत्तो-चान’ की प्रस्तुति देखने भारी संख्या में लोग उपस्थित हुए| सभागार पूरी तरह से भरा हुआ था जहाँ कई लोगों ने खड़े होकर नाटक देखा| अधिक संख्या होने के कारण बहुत से लोगों को सभागार में प्रवेश भी नहीं मिल सका| इस अवसर पर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की संस्कार रंग टोली के निदेशक श्री अब्दुल लतीफ़ खटना, संगीत नाटक अकादमी के नाटक विभाग के उप सचिव सुमन कुमार जैसे वरिष्ठ रंगकर्मी मौजूद थे| इन सभी ने विशेष रूप से नाटक के निर्देशक सौरभ अनंत और उनकी पूरी टीम की सराहना करते हुए व्यक्त किया कि नाटक ‘तोत्तो-चान’ इस समारोह की बहुत सुंदर प्रस्तुति रही| नाटक के हर पक्ष को, मुख्य रूप से गीत-संगीत, संवाद, प्रकाश परिकल्पना और दृश्य संरचना को दर्शकों ने खूब सराहा|
नाटक में प्रयुक्त कविताएँ, गीत और संगीत हेमंत देवलेकर के हैं| ‘तोत्तो-चान’ में प्रयोग किए गए ध्वनि प्रभाव भी इस नाटक को खास बनाते हैं जिसके लिए लगभग 20 अलग-अलग वाद्य यंत्रों के प्रयोग किया जाता है| दर्शकों ने नाटक की वेषभूषा और मेक-अप को भी बहुत पसंद किया जिसे श्वेता केतकर ने स्वरूप दिया है| ‘तोत्तो-चान’ में मुख्य किरदार निभाने वाली कलाकार तनिष्का को (जो महज 6 साल की है), श्री सोसकू कोबायाशी का किरदार निभा रहे हेमंत देवलेकर को, और उनके साथ बाकी सभी अभिनेताओं को सभी दर्शकों ने बहुत प्रेम दिया|
नाटक के निर्देशक सौरभ अनंत कहते हैं, “नाटक ‘तोत्तो-चान’ की ‘जश्न-ए-बचपन’ में प्रस्तुति मेरे और मेरी पूरी टीम के लिए विशेष तो था ही, साथ ही बहुत आत्मीय भी था| राष्ट्रिय नाट्य विद्यालय, जहाँ ‘नाटक कैसे किया जाता है’ की शिक्षा दी जाती है, ऐसे मंच पर अपने नाटक के साथ खड़े होना और खचाखच भरे सभागार में दिल्लीवासियों को खड़े होकर लागातार तालियाँ-सीटियाँ बजाते हुए देखना हम सबके लिए एक अलग ही अनुभव रहा| सभी जानते हैं कि दिल्ली के दर्शक वर्ग का एक्स्पोज़र नाटकों के मामले में बाकी सभी शहरों से थोड़ा ज़्यादा है जिसके अपने कारण हैं| ऐसे में एक अंतर्राष्ट्रीय नाट्य समारोह की समापन प्रस्तुति देने की बात से थोड़ी सी घबराहट थी, क्योंकि हम सबके लिए यह बहुत ही विशेष अवसर था| ऐसे में प्रस्तुति को जितना पूरी टीम ने जिया, उतना ही दर्शकों ने भी जिया| मुझे बेहद खुशी है कि तोत्तो की हर बात हर दर्शक के दिल तक पहुँची, यहीं कोशिश भी थी|