चन्द्रकुवंर बर्त्वाल की कविताओ से जुड़े थे आमजन : रावत

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उत्तरकाशी,
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शनिवार को ब्लाक मुख्यालय परिसर नौगांव में हिमवंत कवि चन्द्रकुवंर बर्त्वाल की प्रतिमा का अनावरण कर उनकी मूर्ति पर माल्यापर्ण किया। उन्होने अपने संबोधन मे चन्द्रकुवंर बर्त्वाल शोध संस्थान उत्तराखण्ड को बधाई एवं शुभकामना दी। इस मौके पर उन्होने देवलांग मेले को राजकीय मेला के रूप मे मनाये जाने की घोषणा की। मेले के लिए 3 लाख रूपये देने के निर्देश जिलाधिकारी को दिये। उन्होंने जनता को भरोसा दिलाया कि जिले की मांग की आवश्यकता को जिंदा रखूंगा। इसके लिए प्रारम्भिक कार्य कर रहा हूं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि कवि चन्द्रकुवंर बर्त्वाल ने अपनी कविताओं एवं रचनाओं से आमजन को जोड़ने का अभियान छेड़ा। उन्हांने प्रकृति एवं भावना का समीक्षण किया, उनका हमेशा प्रकृति के साथ जुड़ाव रहा। उन्होने भरोसा दिलाया कि आने वाले समय में श्री देव सुमन शिक्षण संस्थान से उनके चियर यूनिर्वसल जिसमें उनके विचार, संर्घष आदि पर शोध हो सके के लिए प्रेरित किया जायेगा। वे अपने छोटे से जीवन में बहुमुखी के धनी व्यक्ति थे। वे अपने लेखनी एवं भाव के जरिये आज भी हमारे बीच जिंदा है। उन्होने रंवाई घाटी को जीवंत संस्कृति स्थल को संरक्षित करने का भरोसा दिया। कहा कि संग्रालय में रंवाई घाटी की संस्कृति, खेती परम्परा, वेश-भूषा, शैली व विवधता को संरक्षित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि अगले तीन चार वर्ष में सभी गांव को इंटरनेट से जोड़ने का प्रयास किया जायेगा हैं। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के साथ-साथ आंतरिक संस्कृति को भी संरक्षित रखना है। परम्परागत खेती, मशरूम की खेती से लेकर संस्कृति भवन शैली को संरक्षित करने के लिए कार्यक्रम चलाये जा रहें है। यहां के लोगो ने अपनी खेती को जानवरो के भय से नहीं छोड़ा है। जबकि यहां के लोग अपनी खेती से जुड़कर अपनी आजीविका का संवर्द्धन कर रहे है। जबकि अन्य क्षेत्रो से लोग अपनी खेती को छोड़कर पलायन कर रहें है। यह घाटी अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा खेती के क्षेत्र में लीडर शीप कर रही है। उन्होने कहा कि राज्य की तरक्की के लिए खेती संस्कृति, प्रकृति व शिक्षा का समावेश होना चाहिए। उन्होने कहा कि आधुनिक तकनीकि शिक्षा के क्षेत्र मे दिल्ली के बाद हमारा राज्य सबसे अधिक खर्च कर रहा है।  श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संचालित होम स्टेक योजना के तहत 1 हजार लोगों का पंजीकरण हो चुका है। जबकि पर्यटक की दृष्टि से रंवाई घाटी के भवन शैली व प्राकृतिक सौन्दर्य के धरोहर से संजोये हुए। घाटी में पर्यटकों के लिए अपार सम्भावनायें है। पर्यटक चारधाम के अलावा पर्यटक पौराणिक संस्कृति एवं रमणिक स्थल की ओर दूर-दराज के ग्रामीणों में जाने के लिए लालायित है। इसके लिए हमें मानसिक रूप से भी तैयार रहना होगा। उन्होने राजेन्द्र सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि उनके द्वारा बताये गये राह चकबंदी के क्षेत्र में सरकार कार्य कर रही है। उन्होने कहा कि सरकार चकबंदी ने चकबंदी के क्षेत्र मे एक कदम आगे बढ़ाया है और कानून बना दिया है। इस अभियान के तहत आमजनमानस, जनप्रतिनिधि को भी अपनी भूमिका निभानी होगी। उन्होने कहा कि सामूहिक खेती के लिए महिला समूह को 1लाख रूपये अनुदान दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि खेती करने के लिए किसानों को राज्य सरकार प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए किसान पेंशन, आधुनिक यंत्र आदि उपलब्ध कराये जा रहे है। राज्य सरकार काश्तकारों के लिए मात्र 10 प्रतिशत की लागत पर छोटा हाथी(टेक्टर) को दिया जा रहा है। इस अवसर पर ग्रामीणों ने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। वहीं सैकड़ो कांग्रेस के कार्यक्रताओं ने भी अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराते हुए ज्ञापन सौंपा।

इस अवसर पर पूर्व विधायक केदार सिंह रावत, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सकल चंद रावत, सचिव चन्द्रकुवंर बर्त्वाल शोध संस्थान योगबम्बर दत्त बर्त्वाल, कनिष्ठ उप प्रमुख प्रकाश असवाल, आदि ने भी संबोधित किया। मंच का संचालन विजेन्द्र सिंह रावत ने किया। इस अवसर पर सूचना एवं लोक सर्म्पक विभाग उत्तरकाशी ने राज्य सरकार की उपलब्धियों पर आधारित प्रचार साहित्य का वितरण भी किया।

इस दौरान मुख्यमंत्री के सलाहकार राजीव जैन, जिलाधिकारी दीपेन्द्र कुमार चौधरी, मुख्य विकास अधिकारी उदय सिंह राणा, पुलिस अधीक्षक ददनपाल, अपर जिलाधिकारी अशोक कुमार पांडेय, उपजिलाधिकारी बड़कोट जयवर्द्धन शर्मा, पुरोला शैलेन्द्र नेगी, ब्लाक प्रमुख नौगांव रचना बहुगुणा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य राजेन्द्र सिंह राणा, दिनेश खत्री आदि मौजूद थे।

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