रोहतक,
ने बताया कि स्वयं को थ्रो-बॉल एसोसिएशन का महासचिव बताने वाला टी. रमन्ना का खिलाडियों को विदेशों में भेजने के मामले की जाल सांझी का भांडाफोड 25 साल बाद हुआ है। बुलंदशहर पुलिस ने उसे उपरोक्त मामले में गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि टी. रमन्ना स्वयं को का महासचिव बताकर वर्ष 1992 से 2004 तक भारत सरकार के खेल मंत्रालय से ग्रांट भी नाजायज रूप से लेता रहा। केन्द्र सरकार को वर्ष 2004 में उसके फर्जीवाडे का पता चला तो उन्होंने इसकी ग्रांट पर भी रोक लगा दी। उन्होंने आरोप लगाया कि ने खिलाडियों को विदेशों में भेजने के नाम पर उनसे लाखों रूपये की ठगी की है। जवाहरलाल खुराना ने बताया कि वर्ष 1992 में टी.रमन्ना ने बुलंदशहर निवासी उमेश गोयल और राजेश शर्मा को इंडिया टीम में चयनित करके सिंगापुर में खिलाने के नाम पर उनसे आठ आठ हजार रूपये ठगे थे। उन्होंने उसके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई थी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु, पश्चिमी बंगाल, उडीसा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश व हरियाणा में भी टी.रमन्ना के खिलाफ धोखाधडी के कई मुकदमे चल रहे है। उन्होंने खिलाडियों से अपील की है कि वे ऐसे धोखेबाज से सर्तक रहे और इसके झांसे में न आए।