दिल्ली,
क्रिकेट के भगवान और एक जीवित किवदंती बन चुके सचिन रमेश तेन्दुलकर आज अपनी खेल दुनिया से भी आगे निकलते हुए भारत के ‘रत्न’ बन गये। मंगलवार को सचिन को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भारत रत्न से सम्मानित किया। भले ही हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग लंबे समय से की जाती रही हो लेकिन महान क्रिकेटर और भारत रत्न सचिन तेंडुलकर ये सर्वोच्च सम्मान पाने वाले पहले खिलाड़ी बन ही गये।
लेकिन मंगलवार को भारत रत्न से सम्मानित होने के बाद पत्रकारों द्वारा ध्यानचंद के बारे में पूछे गए सवाल को सचिन तेंडुलकर टाल गए। भारत रत्न से सम्मानित होने के बाद सचिन ने अपना भारत रत्न अपनी मां के साथ देश की सभी माताओं को समर्पित किया और कहा कि उन्हें इस देश में पैदा होने पर गर्व है। लेकिन जब पत्रकारों ने उनसे महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के बारे में सवाल पूछा तो यह महान क्रिकेटर उन सवालों को टाल गया। ऐसी उम्मीद थी कि सचिन भारत रत्न के सम्मान के लिए इस महान हॉकी खिलाड़ी की वकालत करेंगे लेकिन इस सवाल पर उनकी चुप्पी ने सबको हैरत में डाल दिया।
ग़ौरतलब है कि काफी समय से ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग की जाती रही है और उम्मीद की जा रही थी कि उन्हें सचिन से पहले यह सम्मान दिया जाएगा। लेकिन पिछले साल नवंबर में अपने 200वें टेस्ट से संन्यास लेने के बाद भारत सरकार ने अचानक सचिन को भारत रत्न देने की घोषणा कर दी थी। ध्यानचंद से पहले सचिन को भारत रत्न दिए जाने की कई खेल हस्तियों और राजनीतिज्ञों ने आलोचना की थी।
सचिन तेंदुलकर के साथ साथ मशहूर वैज्ञानिक प्रोफेसर सीएनआर राव को भी आज दिल्ली में एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया। पिछले साल 16 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले मास्टर बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर इस सम्मान से नवाजे जाने वाले पहले खिलाड़ी हैं। उन्हें यहां राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में होने वाले कार्यक्रम में यह सम्मान दिया गया।
उल्लेखनिय है कि तेंदुलकर (40) और राव (79) को देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण भी मिल चुका है। इस तरह वे भारत रत्न से सम्मानित 41 व्यक्तियों की सूची में शामिल हो जायेंगे, जिन्हें 1954 से शुरू हुए इस सम्मान से नवाज़ा गया है।