क्या सैनिको से रिटायर्मेंट के वादे निभाएगी सरकार?

imagesआई एन वी सी,
शिमला,
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि उनकी सरकार सैनिकों व पूर्व सैनिकों के हितों को सुरक्षित रखने के प्रति वचनबद्ध है और प्रदेश में उन्हें बेहतर सेवाएं व सुविधाएं प्रदान करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री आज राजकीय पाॅलीटेक्निक संस्थान कांगड़ा में भारतीय पूर्व सैनिक लीग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे सैनिकों ने स्वतंत्रता संग्राम में सर्वोच्च बलिदान देने के अतिरिक्त तथा देश की सीमाओं की रक्षा करने एवं देश की अखण्डता बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और हमारे सैनिक इस दिशा में आज भी कार्यरत हैं। हिमाचल प्रदेश के बहादुर सैनिक राष्ट्र के लिए बलिदान देने में हमेशा अग्रणी रहे हैं और उन्होंने देश और प्रदेश का नाम रौशन किया है। देश का प्रथम परमवीर चक्र हिमाचल प्रदेश के मेजर सोम नाथ को प्रदान किया गया था, जबकि कारगिल युद्ध के समय दिए गए चार परमवीर चक्रों मंे से दो हिमाचल प्रदेश से सम्बन्धित दो बहाुदर सैनिकों को प्रदान किए गए थे। उन्होंने कहा कि हमें अपने सैनिकों पर गर्व है और वे सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। सैनिक को सम्मान देना और हर कीमत पर उनके हितों की रक्षा करना हम सभी का कर्तव्य है। श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार पूर्व सैनिकों के कल्याण की योजनाओं का त्वरित एवं प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित बना रही है। पूर्व सैनिकों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रदान किया जा रहा है और उनके बच्चों के लिए छात्रवृत्ति योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। पूर्व सैनिकों को स्वरोजगार के लिए ऋण सुविधाएं उपलब्ध हैं तथा उन्हें अनेक अन्य प्रोत्साहन भी दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सशस्त्र सेनाओं में जनसंख्या के आधार पर भर्ती में मानक बदलने के मामले को प्रभावी तरीके से उठाएगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने एक रैंक-एक पेंशन जैसी हिमाचल की लम्बित मांग मान ली है। अभी भी कई मामले लम्बित हैं, जिन्हें केन्द्र सरकार से उठाया जाएगा ताकि प्रदेश में बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक इनसे लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सभी शौर्य पुरस्कार विजेताओं और अन्य विशिष्ट विजेताओं को दी जाने वाली वार्षिक राशि में वृद्धि की है। प्रदेश सरकार ने पूर्व सैनिकों, युद्ध विधवाओं और उनके आश्रितों के कल्याण एवं पुनर्वास के लिए 34 कल्याण योजनाएं आरम्भ की हैं। श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में उप निदेशक, सैनिक कल्याण के सभी खाली पड़े पदों को शीघ्र भरा जाएगा। उन्होंने पूर्व सैनिक लीग को 2 लाख रुपये वार्षिक अनुदान को पुनः बहाल करने की घोषणा भी की। इस अनुदान को पूर्व भाजपा सरकार द्वारा बंद कर दिया था। उन्होंने कहा कि लीग के भवन निर्माण के लिए उचित भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी। संख्याः 23/2014 .2. उन्होंने इस अवसर पर लीग की तरफ से विभिन्न पुरस्कार विजेता सैनिकों के परिवार के सदस्यों को सम्मानित भी किया। भारतीय पूर्व सैनिक लीग के अध्यक्ष मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों का कल्याण सुनिश्चित बनाने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हमारे सैनिक सही मायने में नायक हैं तथा देश में धर्मनिरपेक्षता को कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों को समुचित सम्मान एवं श्रेष्ठ सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने सैनिकों की भर्ती में जनसंख्या के मापदण्ड को हटाने की और प्रदेश में सशस्त्र सेनाओं के लिए राज्य प्रशिक्षण अकादमी स्थापित करने की मांग की। उन्होंने प्रदेश में स्थापित दो इको फोर्स कम्पनियों और एन.सी.सी. विंग को नहीं हटाने की मांग की। लीग की कुल्लू इकाई के अध्यक्ष ब्रिगेडियर बी.एस. ठाकुर ने इस अवसर पर प्रदेश में सीएसडी डिपो शीघ्र खोलने का आग्रह किया। लेफ्टिनेंट जनरल के.एस. जमवाल ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे। ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) आर.के. राणा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और उन्हें मांग पत्र सौपा, जबकि वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री वी.एस.चैहान ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। विधायक सर्वश्री पवन काजल एवं अजय महाजन, पूर्व मंत्री श्री केवल सिंह पठानिया, पूर्व विधायक सर्वश्री सुरेन्द्र काकू और बोध राज, लेफ्टिनेंट जनरल पी.के. रामपाल, पूर्व सैनिकों के परिजन तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे। 

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