रांची,
- संक्रमण के दौरान अनाथ हुए बच्चों के संरक्षण के लिए हेल्पलाइन
- अनाथ बच्चों की देखभाल के बदले दी जाएगी आर्थिक सहायता भी
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश के बाद पूरे राज्य में कोरोना संक्रमण की वजह से अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों की उचित देखभाल सुनिश्चित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सरकार का प्रयास होगा कि जिन बच्चों ने संक्रमण के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है, वे शोषण या बाल तस्करी में ना फंसे। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद रांची जिला प्रशासन ने भी अन्य जिलों की तरह चाइल्ड केयर हेल्पलाइन जारी किया है।
तत्काल सहायता के लिए समर्पित टीम
जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा निगरानी की जाने वाली चाइल्ड केयर हेल्पलाइन में ऐसे मामलों को देखने और तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए एक समर्पित टीम गठित की गई है। इस आपदा के कारण अनाथ हुए बच्चों की सूचना प्रशासन द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर पर दी जा सकती है। प्रशासन की टीम प्रभावित बच्चों को संरक्षण प्रदान करेगी। बच्चों से संबंधित विस्तृत जानकारी एकत्र करने और आवश्यकता का आंकलन करने के बाद जिला बाल कल्याण समिति अंतिम निर्णय लेगी।
देखभाल करने वाले को सहायता प्रदान की जाएगी
यदि अनाथ हुए बच्चों के परिवार में कोई सदस्य उनकी देखभाल करने के लिए सहमत है, तो उन्हें देखभाल करने के बदले मासिक प्रोत्साहन सहायता दी जाएगी। ऐसे मामलों में बाल कल्याण समिति के सदस्य संबंधित घर का दौरा कर सर्वेक्षण करेंगे कि बच्चा उनके साथ सुरक्षित होगा या नहीं। यदि बच्चों के लिए कोई केयरटेकर उपलब्ध नहीं है, तो ऐसे मामलों में बच्चों को सरकार द्वारा चलाए जा रहे चिल्ड्रन केयर होम ले जाया जाएगा, जहाँ उनकी हर तरह से देखभाल सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा यह हेल्पलाइन उन बच्चों को भी अस्थायी सहायता देगी, जिनके माता-पिता अस्पताल में इलाजरत हैं।
इन नंबरों पर किया जा सकता है कॉल
केंद्रीय चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 के अतिरिक्त जिला प्रशासन ने व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया है।
प्रशासन ने लोगों से अपील भी की है कि वे ऐसे बच्चों का विवरण सार्वजनिक डोमेन में जारी न करें और सीधे हेल्पलाइन को रिपोर्ट करें।