केदियो को मिलेगी आधुनिक जेल

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पंजाब,

* जेलों की सुरक्षा मजबूत करने के लिए विभाग को कहा
* पैसको के 573 भूतपूर्व फौजियों को जेलों में तैनात करने के लिए भर्ती सम्बन्धी सहमति
* जेलों में बढ़ रही अनुशासनहीनता पर चिन्ता प्रकट

जेलों में सुरक्षा प्रबन्ध प्रणाली को मजबूत बनाने के मध्यनज़र पंजाब के मुख्य मंत्री स. प्रकाश ङ्क्षसंह बादल ने राज्यभर की जेलों में आधुनिकीकरण और जेलों का स्तर ऊंचा उठाने के लिए बीस करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत कर दी है। इस सम्बन्धी निर्णय पंजाब के मुख्यमंत्री की गत सायं उनके निवास स्थान पर जेल विभाग के अधिकारियों के साथ हुई एक उच्च स्तरीय बैठक दौरान लिया गया । विचार विमर्श दौरान मुख्य मंत्री ने वैज्ञानिक आधार पर जेलों के आधुनिकीकरण की जरूरत पर बल दिया ताकि जेलों की सुरक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान की जा सके। जेलों में समूची सुरक्षा प्रणाली का स्तर ऊंचा उठाने के लिए जेल विभाग द्वारा प्रस्तुत की व्यापक योजना को स्वीकृति देते हुए स. बादल ने जेलों में उच्च शक्ति वाले जैमर, डोर, मैटल डीटैक्टरज़ और अन्य साजो सामान के अतिरिक्त विभाग के लिए गाडिय़ों सम्बन्धी भी बीस करोड़ रूपये की स्वीकृति दी है। उन्होंने जेल विभाग को यह कार्य पड़ाव अनुसार तरीके से आरम्भ करने के लिए कहा ताकि कार्य में ओर कुशलता लाई जा सकें। जेलों में नशों की सप्लाई को सख्ती से रोकने की जरूत पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने विभाग को यह निर्देश दिये कि वह नशों सम्बन्धी गैर-कानूनी अमल को रोकने के लिए हर सम्भव कदम उठाए जो कि कैदियों के जीवन को गंभीर चुनौति पेश कर रहे हैं। स. बादल ने पंजाब भूतपूर्व फोैजी कारपोरेशन (पैसको) से 573 प्रशिक्षित भूतपूर्व फौजियों को जेल विभाग में लाने सम्बन्धी भर्ती को भी सहमति दे दी है ताकि वह जेल में आने वाले लोगों पर सख्ती से निगरानी रखने के लिए पुलिस विभाग की सहायता कर सकें। उन्होंने कहा कि जेलों की सुरक्षा राज्य सरकार की प्रारम्भिक चिन्ता है और इस सम्बन्ध में कोई भी समझौता नहीं किया जायेगा। कैदियों में अनुशासनहीनता की बढ़ रही घटनाओं पर चिन्ता प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने इस सम्बन्धी सुरक्षित कदम उठाए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्धी सम्बन्धित अधिकारियों की जिम्मेवारी तय की जाये और उनको जबावदेह बनाया जायेगा। स. बादल ने कहा कि इस सम्बन्धी सरकारी अधिकारियों क ी लापरवाही को किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जायेगा। एक ओर मुद्दे सम्बन्धी स. बादल ने प्रमुख सचिव (गृह)Ÿ श्री डी.एस. बैेंस को कहा कि वह जिन कैदियों नेे अपनी सजा पूरी कर ली है, उनको रिहा करने की संभावनाओं का पता लगाएं और रिहाई की इस प्रक्रिया को सरल बनाएं। स. बादल ने सुझाव दिया कि इस रिहाई के सम्बन्ध में ‘सिंगल फाईल’ प्रणाली को लागू किया जाये या इस फाईल को एक के पश्चात एक अधिकारी के पास भेजा जाये। इस अवसर पर उपस्थित अन्य व्यक्तियों के अतिरिक्त जेल मंत्री स. सरवण सिंह फिल्लौर, मुख्य संसदीय सचिव श्री बलबीर सिंह घुन्नस, प्रमुख सचिव (गृह) श्री डी.एस. बैंस, प्रमुख सचिव/ मुख्य मंत्री श्री एस. के. संधू, सचिव (गृह) राजी. पी. श्रीवास्तवा, विशेष प्रमुख सचिव/ मुख्य मंत्री श्री गुरकीरत कृपाल सिंह, ए.डी.जी.पी (जेलें) श्री आर. पी. मीना और आई.जी. (जेलें) श्री जगजीत सिंह शामिल थे।

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