आई एन वी सी न्यूज़
नई दिल्ली,
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उनकी सरकार छत्तीसगढ़ को कुपोषण के चक्र से मुक्त कराकर सुविकसित, सुपोषित और स्वस्थ राज्य बनाने का सपना सच करने के लिये कटिबद्ध है। श्री बघेल आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आउटलुक पत्रिका द्वारा आयोजित कुपोषण संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में स्त्री-पुरुषों के बीच की गैर बराबरी एक बड़ी बाधा है। पोषण आहार के मामले में इस गैरबराबरी को भी दूर करना होगा। संगोष्ठी में बस्तर के सांसद श्री दीपक बैज और राज्य सभा सदस्य श्रीमती छाया वर्मा भी उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें प्रसन्नता है कि जाति-धर्म जैसे समाज को बांटने वाले मुद्दों के बजाय हम सुपोषण पर चर्चा करने के लिये इकट्ठा हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज हमें चांद से ज्यादा जरुरत अपनी धरती पर ही जीवन खोजने की है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ और देश में कुपोषण की स्थिति चिंताजनक है और हमने पिछले छह महीने में न्यूट्रीशन गैप को समाप्त करने के लिये कई कदम उठाये हैं । उन्होंने कहा कि हमारी महत्वाकांक्षी नरवा, गुरवा, घुरवा, बाड़ी योजना में बाड़ी अर्थात किचन गार्डन की बात इसीलिए की है ताकि लोगों को उनके घर में ही पौष्टिक भोजन मिले और कुपोषण को दूर करने का इंतजाम घर में ही हो सके। हमने हरेली के परंपरागत त्यौहार को सार्वजनिक अवकाश देकर उसे स्थानीय व्यंजनों से जोड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान बाजार के अभाव में फल सब्जियों की खेती न छोड़ दंे, इसलिए हमने हर ब्लाक में फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की भी योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि हम छत्तीसगढ़ में यूनिवर्सल स्वास्थ्य योजना लागू करने की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं। किसानों को हमने कर्ज से मुक्त किया और उन्हें उपज का सही दाम भी दिया जिससे वे अपने परिवार के लिये पौष्टिक भोजन का भी इंतजाम कर सकें और उनकी आर्थिक सेहत भी सुधरे। हमने डीएमएफ को गैरजरूरी निर्माण के बजाय शिक्षा और सुपोषण से जोड़ा ।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मिड डे मील में अंडा एक बड़ी जरूरत हैं, अंडे की पौष्टिकता निर्विवाद हैं, हमने इसे छत्तीसगढ़ में प्रारंभ किया और जनता का भरपूर साथ मिला। हमने उन बच्चों के लिये भी वैकल्पिक इंतजाम किये जो अंडा नहीं खाते हैं ।
श्री बघेल ने कहा कि कुपोषण के खिलाफ लड़ाई के कई आयाम हैं, अगर गैरबराबरी चुनौती हैं तो गरीबी, पौष्टिकता के ज्ञान और राजनीतिक इरादों का अभाव भी बड़ी चुनौती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हम कुपोषण के खिलाफ लड़ाई को अगले चरण में ले जा रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि हम भूख पर विजय पाएं और सुपोषित छत्तीसगढ़ का निर्माण करें और मुझे पूरा विश्वास है कि हम अपना लक्ष्य हासिल करेंगे। विज्ञान भवन में आयोजित इस संगोष्ठी में पोषण के क्षेत्र में कार्य करने वाली अनेक अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय संस्थाओं के विशेषज्ञ उपस्थित थे ।