हमारे यहाँ कॉमेडी का मतलब औरतों, ट्रांसजेंडर्स, मोटे लोगों, बुजर्गों, काले–सावंले लोगों और विकलांगों का मजाक उड़ाना सा बन गया है. पिछले कुछ सालों से कपिल शर्मा यही सब कर-करके काफी नाम और दाम कम चुके हैं. उन्हें हमारे समय के कॉमेडी के बादशाह के तौर पर पेश किया जा रहा है .टीवी पर उनका शो “कॉमेडी नाइट्स विथ कपिल” काफी टीआरपी खोर रहा है. अपने शो में आनस्क्रीन बीवी, मोटे किरदारों और प्रतिभागियों का मजाक बनाकर कॉमेडी करते रहे हैं. एक बार तो गर्भवती महिलाओं पर आपतिजनक जोक के चलते उनकी शिकायत महिला आयोग तक भी पहुँच चुकी है.
उनकी डेब्यू फिल्म ‘किस किसको प्यार करूं’ भी उसी आजमाए हुए फार्मूले पर आधारित है, इसके निर्देशक है अब्बास-मस्तान, जो थ्रिलर फिल्मों के लिए मशहूर रहे हैं. यह फिल्म अपने दर्शकों को बेवकूफ समझती है, अपने मूल रूप में यह सामान्य हिंदी फिल्मों से भी ज्यादा महिला विरोधी है. जो महिलाओं को नासमझ के तौर पर पेश करते हुए पुरुषों को कुछ भी करने की छूट देती हुए उसे मजबूरी और महिलाओं के प्रति अहसान बताती है. कहानी के लेखक अनुकल्प गोस्वामी हैं जो कपिल के कॉमेडी शो की स्क्रिप्ट लिखते हैं,कहानी कुछ इस तरह से है शिव राम किशन (कपिल शर्मा) औरतों का दिल नहीं तोड़ सकता है इसलिये वह ना चाहते हुए भी तीन शादियाँ करने को मजबूर हो जाता है, उसकी तीनों पत्नियों जूही (मंजरी फडनिस), सिमरन (सिमरन कौर मुंडी), अंजली (साइ लोकुर) को एक दूसरे के बारे में पता नहीं है. बात में तीनों को और अच्छे से “मैनेज” करने के लिए उन्हें एक ही बिल्डिंग ले आता है जहाँ वे अलग-अलग फ्लोर पर रहती हैं लेकिन उन्हें भनक ही नहीं लग पाती है कि उनके पति एक ही हैं और वह दो दिन बाद प्रत्येक बीवी के पास रहता है. लेकिन शिव राम किशन के लिए तो यह तीनों शादियाँ हादसा हैं, दरअसल उसकी एक गर्लफ्रेंड दीपिका (एली अवराम) भी है जिसके साथ वह “सच्ची वाला” प्यार करता रहता है. पूरी फिल्म में शिव राम किशन अपनी तीनों बीवियों को मैनेज करने और गर्लफ्रेंड दीपिका से शादी करने के प्रयास करता है और इस काम में उसका दोस्त वरूण शर्मा जो की वकील है उसकी मदद करता है.
फिल्म क्लाइमैक्स झटका देता जब एस.आर.के.गर्लफ्रेंड से शादी करने के लिए मंडप में बैठा होता है और वहां पर उसकी तीनों बीवियां भी मौजूद होती हैं और क्या उसकी सच्चाई सामने आ जाती है. इसके बाद जिस तरह से शिव राम किशन के कारनामों को जस्टिफाई करते हुए इसे औरतों की मदद के तौर पर पेश किया है वह हैरान करने वाला है. बाद में तीनों पत्नियों उसके इस अहसान का बदला चुकाते हुए उससे माफ़ी मांगती हैं और गर्लफ्रेंड से शादी हो जाती है, अंत में चारों महिलायें एक ही छत के नीचे अपने कॉमन पति के साथ रहने लग जाती हैं.
कपिल शर्मा ज्यादातर अपने टीवी के अवतार को दोहराते हुए नजर आते है, कॉमेडी भी वे स्टैंडअप स्टाइल में करते हैं, इमोशनल और बाकी दृश्यों में उनकी सीमायें साफ नजर आती है. तीनों पत्नियों का किरदार निभाने वाली लड़कियों को पूरी फिल्म में ज्यादातर बेवकूफ बन कर खुश होते रहना था, जो उन्होंने बखूबी निभाया है. अरबाज खान, सुप्रिया पाठक, शरत सक्सेना के पास ज्यादा करने को कुछ नहीं था.
कुल मिलकर यह फिल्म “कॉमेडी नाइट्स विथ कपिल” का सिनेमाई विस्तार है. अगर आप इंसानों को लेकर संवदेनशील हैं तो यह फिल्म आप को निराश और परेशान कर सकती है. नारीवादियों के लिए यह फिल्म अध्ययन के लिए अच्छा विषय हो सकती है. इधर ख़बरें आ रही हैं कि इस फिल्म ने पहले ही दिन 10.15 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है। अगर लोगों को कॉमेडी के नाम पर ऐसी फिल्में पसंद आ रही हैं तो समाज विज्ञानियों को हमारे समाज के पड़ताल की भी जरूरत है.
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जावेद अनीस
लेखक ,रिसर्चस्कालर ,सामाजिक कार्यकर्ता
लेखक रिसर्चस्कालर और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, रिसर्चस्कालर वे मदरसा आधुनिकरण पर काम कर रहे , उन्होंने अपनी पढाई दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पूरी की है पिछले सात सालों से विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ जुड़ कर बच्चों, अल्पसंख्यकों शहरी गरीबों और और सामाजिक सौहार्द के मुद्दों पर काम कर रहे हैं, विकास और सामाजिक मुद्दों पर कई रिसर्च कर चुके हैं, और वर्तमान में भी यह सिलसिला जारी है !
जावेद नियमित रूप से सामाजिक , राजनैतिक और विकास मुद्दों पर विभन्न समाचारपत्रों , पत्रिकाओं, ब्लॉग और वेबसाइट में स्तंभकार के रूप में लेखन भी करते हैं !
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