मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पारम्परिक कलाओं के संरक्षण और जीविका उपार्जन के नये साधनों के विकास के लिये उन्हें व्यावसायिक कौशल उन्नयन के कार्यक्रमों में शामिल करने संबंधी प्रस्ताव बनाया जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज विधानसभा में डिंडोरी जिले के ग्राम पाटनगढ़ के कलाकारों की कलाकृतियों की प्रदर्शनी का अवलोकन कर रहे थे। उन्होंने कलाकारों से उनकी कला-कृतियों की जानकारी भी ली।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कला जन्मजात संस्कार होती है। ग्रामीण परिवेश के कलाकारों के इन चित्रों के रंग संयोजन, कल्पनाशीलता और कलात्मकता को देखने से स्पष्ट होता है कि कला औपचारिक शिक्षा की मोहताज नहीं होती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोंड चित्र कला के प्रसिद्ध कलाकार जनगढ़ सिंह श्याम की कला पंरपरा के अनुयायियों के चित्रों के संबंध में अधिक से अधिक लोगों को जानकारी दी जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि कलाकृतियाँ कलाकारों की अच्छी आय का साधन बने। इसी मंशा से विधानसभा में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। कलाकृतियों की प्रदर्शनियां प्रमुख नगरों में भी लगायी जा रही हैं।
इस अवसर पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रमुख सचिव ग्रामोद्योग श्रीमती कंचन जैन, प्रबंध संचालक हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम श्रीमती दीपाली रस्तोगी भी उपस्थित थीं।