उत्तरखंड में मदरसों को मिलेंगी और सहूलियत – सहायता राशि को 1 करोड़ से बढ़ाकर कर दी 20 करोड़

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देहरादून,
प्रदेश में अल्पसंख्यक वर्ग की छात्राओं की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए लड़कियों के मदरसों को आईडीएमआई infrastructure development for minority institution  पदतिं  के तहत शतप्रतिशत सहायता दी जाएगी। मौलाना आजाद छात्रवृत्ति योजना में दी जाने वाली कुल सहायता राशि को 1 करोड़ रूपए से बढ़ाकर 20 करोड़ रूपए किया गया है। संत केशर सिंह मेमोरियल ट्रस्ट स्किम को उधमसिंहनगर से बढा़कर पूरे उत्तराखण्ड में लागू किया जाएगा। सचिवालय में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कई अहम निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने मदरसों में स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम चलाने के निर्देश दिए। बताया गया कि आईडीएमआई के तहत मदरसों में अतिरिक्त कक्षा कक्षों के निर्माण के लिए 50 लाख रूपए तक की सहायता केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है। स्वीकृत धनराशि में 75 फीसदी केंद्रांश होता है जबकि 25 फीसदी मदरसो को स्वयं वहन करना होता है। सीएम ने कहा कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए उनकी ओर से सभी मदरसा संचालकों को पत्र भेजा जाए। 25 फीसदी राशि का कुछ हिस्सा विधायक निधि से भी प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि लड़कियों का मदरसा होने पर इस 25 फीसदी राशि को राज्य सरकार वहन करेगी। उन्होंने मदरसों के आधुनिकीकरण पर भी बल दिया। दीनी तालिम के साथ ही आधुनिक शिक्षा भी बहुत महत्वपूर्ण है। ‘‘स्किम फार प्रोवाईडिंग क्वालिटी एजुकेशन इन मदरसा’’ पर विशेष फोकस किया जाए। मदरसों में रोजगार परक कार्यक्रम संचालित किए जाएं। प्रदेश में स्थित सभी कब्रिस्तानों की चारदीवारी, पेयजल, बिजली व बैठने की व्यवस्था करने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाए। इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाए। राज्य सरकार भी आवश्यक धनराशि की व्यवस्था करेगी। देहरादून में अल्पसंख्यक विभाग की इमारत के लिए आवश्यक धन निर्गत करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए। उन्होंने पिरान कलियर में स्वीकृत आईटीआई के भवन निर्माण के लिए शासन से धनराशि देने के भी निर्देश भी दिए। कक्षा  1 से 10 तक अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों को छात्रवृत्ति के लिए इस वर्ष 4 करोड़ रूपए स्वीकृत किए गए। इसमें जितनी धनराशि की आवश्कता होगी, शासन से निर्गत किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने मदरसों के मान्यता की प्रक्रिया को सरलीकृत करने को भी कहा। उन्होंने संधीपुर में गर्ल्स इंटर कालेज व कासिमपुर में बाएज इंटर कालेज के प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। प्रतिभावान अल्पसंख्यक छात्राओं को छात्रवृत्ति के लिए आवश्यक धनराशि का आंकलन प्रस्तुत किया जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि एमएसडीपी के तहत 409 आंगनबाड़ी केंद्रों, 332 हैंडपम्प की स्थापना की गई है। हज हाउस का निर्माण पूरा किया जा चुका है। 2 पालिटेक्नीक भवन व 1 आईटीआई भवन निर्माणाधीन है। एसपीक्यूईएम में 146 मदरसों में 385 अध्यापकों को मानदेय का भुगतान किया गया है। 75 शैक्षिक संस्थाओं/मदरसों मे अतिरिक्त कक्षा कक्षों का निर्माण किया गया है। मदरसा बोर्ड द्वारा पहली बार 154 मदरसों को मान्यता प्रदान की गई है। 13 वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत एमएसडीपी योजना के 162 करोड़ के प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे जा रहे हैं।
बैठक में केबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, मुख्य सचिव सुभाष कुमार, सचिव अल्पसंख्यक अजय प्रद्योत, अपर सचिव दिलीप जावलकर सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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