इशरत जहाँ केस में आईबी अधिकारी राजेन्द्र कुमार से पूछताछ मामले में एजेंसियों द्वारा जानबूझ कर गोपनीयता भंग करने की जांच कराये जाने की मांग उठ रही है.
प्रधान मंत्री और गृह मंत्री को भेजे अपने पत्र में लखनऊ स्थित आरटीआई कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने कहा है कि राजेंद्र कुमार की पूछताछ से जुडी कई अतिगोपनीय सूचनाएं बाहर आयीं जबकि सीबीआई ने उन्हें आरुषि कांड में मांगी सामान्य सूचना गोपनीयता के नाम पर देने से इनकार कर दिया था. सबसे गंभीर बात है कि गृह सचिव की मीटिंग, जिसमे उनके अलावा मात्र आईबी निदेशक, सीबीआई निदेशक और एक पूर्व सीबीआई निदेशक शामिल हुए थे, की पूरी बातचीत अनधिकृत ढंग से लोगों तक पहुँच गयी.
ठाकुर का कहना है कि ये सभी अधिकारी देश की सुरक्षा से जुड़े उच्चतम पदों पर तैनात हैं, अतः उनके स्तर पर सूचना की गोपनीयता भंग करना किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है. अतः उन्होंने इस मामले की जांच कैबिनेट सचिव या राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से कराते हुए दोषी पाए गए अधिकारी को पद से हटाये जाने की मांग की है.
साथ ही उन्होंने आईबी और सीबीआई को आरटीआई एक्ट से बाहर रखे जाने पर पुनर्विचार करने का भी अनुरोध किया है.