आई एन वी सी न्यूज़
जयपुर,
गृहमंत्री श्री गुलाब चंद कटारिया ने लघु एवं मझौले उद्योगों को रोजगार का सशक्त माध्यम बनाते हुए नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले युवा उद्यमी तैयार करने की आवश्यकता प्रतिपादित की है। युवाओं में उद्यमी बनने की ललक पैदा करनी होगी। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास में लघु एवं कुटीर उद्योगों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
श्री कटारिया शुक्रवार को सीतापुरा के जेईसीसी परिसर में उद्योग विभाग व लघु उद्योग भारती द्वारा आयोजित इण्डिया इण्डस्ट्रीयल फेयर उद्योग दर्शन के उद््घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उर्जा मंत्री श्री पुष्पेन्द्र सिंह, हरियाणा के श्रम एवं नियोजन मंत्री श्री नायाब सिंह, छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री छगन मूंदड़ा, राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग श्री राजीव स्वरुप और उद्योग आयुक्त व सीएसआर सचिव श्री कुंजी लाल मीणा व लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जितेन्द्र गुप्ता के साथ दीप प्रज्ज्वलन का आईआईएफ का औपचारिक शुभारंभ किया। इस अवसर पर केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री श्री सुरेश प्रभु और केन्द्रीय युवा एवं सूचना प्रसारण राज्य मंत्री श्री राज्यवद्र्धन सिंह ने वीडियो संदेश के माध्यम से इसे सराहनीय प्रयास बताते हुए शुभकामनाएं दी।
उन्होंने वनोपज और किसानों की उपज के सहउत्पाद तैयार करने के उद्योग स्थापित करने पर जोर देते हुए कहा कि जहां एक और इन उत्पादों को देश ही नहीं विदेशों में भी बाजार मिल सकेगा वहीं आदिवासियों और काश्तकारों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिल सकेगा। उन्होंने किसानों की चर्चा करते हुए कहा कि एक और अधिक उत्पादन पर उन्हें पूरा पैसा नहीं मिल पाता वहीं कम उत्पादन होने पर भाव अधिक होने का लाभ भी नहीं मिल पाता है, ऎसे में सहउत्पाद इकाइयां उनके हितों की रक्षा कर सकती है।
श्री कटारिया ने युवाओं व महिलाओं को लघु व कुटीर उद्योगों से जोड़ने के लिए एक अलग से विंग बनाकर उनके प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और बाजार उपलब्ध कराने पर जोर दिया। उन्होंने उद्योग विभाग व लघु उद्योग भारती द्वारा इस तरह के फेयर आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इससे साझा मंच उपलब्ध हो पाता है।
उर्जा मंत्री श्री पुष्पेन्द्र सिंह ने बताया कि राज्य में एक माह में औद्योगिक कनेक्शन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने रीको औद्योगिक क्षेत्रों में केवल 2 प्रतिशत हानि को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि पिछले चार साल में उर्जा क्षेत्र के सभी क्षेत्रों में उपलब्धिों के नए आयाम स्थापित किए गए हैं। अन्य प्रदेशों में बिजली आपूर्ति के लिए लाइने बिछाई गई हैं वहीं प्रसारण तंत्र में ढांचागत सुधार के साथ ही लाभदायकता की स्थिति में आ गया है। उन्होंने कहा कि 2013 में डिस्काम में 80 हजार का घाटा था। उदय योजना में एमओयू करने और योजनावद्ध प्रयासों से डिस्काम के 15640 करोड़ के सालाना घाटे को कम करते हुए 1980 करोड़ सालाना पर लाया जा चुका है और अब होने वाली एनर्जी ऑडिट में डिस्काम हानि से उभर कर बिना लाभ हानि की स्थिति में आ जाएगा।
उर्जा मंत्री श्री पुष्पेन्द्र सिंह ने उद्योगों को भी सोलर सिस्टम अपनाने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि उर्जा के क्षेत्र मेें राजस्थान को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया ।
हरियाणा के श्रम एवं नियोजन मंत्री श्री नायाब सिंह ने कहा कि बड़े उद्योगों की सफलता के लिए लघु उद्योगों को मजबूत करना होगा। उन्होंने हरियाणा मंंे निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए बताया कि हरियाणा सरकार ने उद्योगों को 2 रुपये प्रति यूनिट की छूट दी है। छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री छगन मूंदडा ने छत्तीसगढ़ में औद्योगिक निवेश के बेहतर वातावरण की चर्चा करते हुए निवेश के लिए आमंत्रित किया।
एसीएस उद्योग श्री राजीव स्वरुप ने बताया कि राज्य में एमएसएमई पालिसी 2015, एमएसएमई दिवस, पखवाड़ा व वर्ष और उद्योग रत्न पुरस्कार देने की योजना आरंभ कर सूक्ष्म, लघु और मध्य उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ ही प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रीको द्वारा 23 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक शिविर आयोजित कर 3 हजार उद्यमियोंं को लाभान्वित किया गया है।
श्री राजीव स्वरुप ने बताया कि रीको में नई पहल के तहत अब रेगूलेटर की नहीं बल्कि उद्योगों के लिए पार्टनर की भूमिका में आगे आएगा।
उद्योग आयुक्त व सीएसआर सचिव श्री कुंजी लाल मीणा ने कहा कि इण्डिया इण्डस्ट्रीयल फेयर समूचे देश में अपनी पहचान बना चुका है। उन्होंने बताया कि उद्योग विभाग द्वारा उद्योगों को प्रोत्साहन, मार्गदर्शन और बाजार उपलब्ध कराने के लिए बायर-सेलर मीट सहित जिला स्तर तक मेला प्रदर्शनियां आयोजित कर लाभान्वित किया जा रहा है।
लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष श्री जितेन्द्र गुप्ता ने बताया कि लघु उद्योग भारती की देशभर में 465 इकाइयां है। उन्होंने बताया कि देशभर में 3 करोड़ 62 लाख एमएसएमई इकाइयां है पर जहां तक पंजीयन का प्रश्न है केवल 40 लाख इकाइयां ही पंजीकृत है। उन्होंने प्रशिक्षण व विपणन सहयोग की जरुरत बताई। निवर्तमान अध्यक्ष श्री ओपी मित्तल ने बताया कि आईआईएफ का यह पांचवा संस्करण है और इसमें लगभग 800 स्टॉलोें में उत्पादों का प्रदर्शन किया गया है। और फेयर के संयोजक श्री महेन्द्र सुराणा ने आभार व्यक्त करते हुए बताया कि फेयर में 8 सेक्टरों में 100-100 स्टॉले हैं और युवाओं, महिलाओं, स्टार्टअप आदि को विशेष अवसर उपलब्ध कराया गया है। राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्री योगेश गौतम ने बताया कि मेले में सेमिनार, फैशन शो सहित विभिन्न आयोजन भी रखे गए हैं। इस अवसर पर एसबीआई के सीजीएम विजय रंजन, लघु उद्योग भारती के श्री ताराचंद गोयल, विमल कटियार, सहित गणमान्य नागरिक, अधिकारीगण व उद्यमी उपस्थित थे।