-व्यापमं भ्रष्टाचार की सीबीआई से जांच को लेकर अनशन पर थे ‘आप’ के प्रदेश संयोजक अभय वर्मा
-5 जोनों में स्वराज यात्रा की हो रही तैयारी
आई एन वी सी ,
28 दिसंबर, 2013 से व्यापमं के भ्रष्टाचार की सीबीआई से जांच कराने को लेकर अनिश्चित कालीन अनशन पर बैठे आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश संयोजक अभय वर्मा ने मंगलवार को जूस पीकर इसे तोड़ा। पार्टी की प्रेसवार्ता में श्री वर्मा ने कहा, अनशन स्थगित किया है, लेकिन ‘स्वराज यात्रा’ के जरिए यह अनशन जारी रहेगा।
प्रदेश प्रवक्ता प्रहलाद पांडेय ने कहा, ‘स्वराज यात्रा’ प्रदेश के पांच जोन भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा में निकाली जाएगी। ‘स्वराज यात्रा’ में प्रदेश सरकार की नाकामी, व्यापमं भ्रष्टाचार की सीबीआई से जांच न कराने की बात जनता को बताई जाएगी। उन्होंने कहा, व्यापमं में बड़ा भ्रष्टाचार उजागर हुआ है, लेकिन सिर्फ एसटीएफ से जांच कराकर फौरी तौर पर मामले को रफा-दफा किए जाने का काम हो रहा है। जबकि सभी को पता है, मुख्यमंत्री निवास से 130 से अधिक कॉल व्यापमं के पूर्व परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी को की गई थी। इस प्रकरण में जगदीश देवड़ा, लक्ष्मीकांत शर्मा और सुधीर शर्मा फंसे हुए हैं। वहीं उमा भारती का नाम आए, जिस पर उन्होंने स्वयं सीबीआई से जांच कराने की प्रदेश सरकार से सिफारिश की। बावजूद इसके उनकी बात को आया-गया कर दिया गया। श्री पांडेय ने कहा, पार्टी के प्रदेश संयोजक श्री वर्मा का 11 दिन (7 जनवरी) तक अनशन चला। इसकी खबर प्रशासन के जरिए सरकार को भी रही, लेकिन किसी प्रकार का निर्णय न लिया जाना यह दिखाता है कि मप्र की भाजपा सरकार दमनात्मक कार्रवाई कर रही है। हमें मुख्यमंत्री के पूर्व निवास झाड़ू लगाने से रोका गया, अनशन स्थल के लिए अनुमति नहीं दी और 3 जनवरी को श्री वर्मा को अचानक हमीदिया में भर्ती करा दिया।
-रीवा के प्रभार पर निर्णय नहीं
‘आप’ प्रदेश के पांच जिलों भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा में ‘स्वराज यात्रा’ निकालने जा रही है। यह यात्रा स्वामी विवेकानन्द की जयंती 12 जनवरी से निकाली जाएगी। प्रदेश प्रवक्ता प्रहलाद पांडेय ने बताया, रीवा का प्रभार श्री वर्मा को दिया गया था, लेकिन उनके अनशन पर होने और इससे शरीर में कमजोरी आने के चलते बदलाव संभव है। रीवा जिले में स्वराज यात्रा का नेतृत्व कौन करेगा? इस पर फिलहाल पार्टी ने किसी प्रकार का निर्णय नहीं लिया है।
इन चार मुद्दों पर था अनशन
1. 66 वर्ष बाद भी धरातल पर शिक्षा का अधिकार नहीं मिल पाया है। यह सरकार की जिम्मेदार थी। हम चाहते हैं सभी सरकारी स्कूल ऐसे हो जैसे नेता, मंत्री, अफसर अपने बच्चों को जिन स्कूलों में पढ़ने भेजते हैं। जब तक शासकीय स्कूल इन स्कूलों जैसे नहीं हो जाते तब तक वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में ही पढ़ाएं। इसे राइट-टू-एज्युकेशन नहीं राइट-टू-वर्ल्डक्लास एज्युकेशन बनाया जाए।
2. व्यापमं की सीबीआई से जांच कराएं। अब तक जितने भी दोषी सामने आए उन्हें तत्काल प्रभाव से सजा दी जाएं।
3. व्यापमं द्वारा जो भी परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं उन सभी की परीक्षा फीस नि:शुल्क की जाए।
4. जब तक सरकारी अस्पताल वर्ल्डक्लास के नहीं हो जाते जहां नेता, मंत्री, अफसर, संत्री अपना इलाज करवाते हैं तब तक वह भी शासकीय अस्पतालों में ही इलाज कराएं।