आई.एन.वी.सी,,
हरियाणा,,
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने आज भारतीय उद्योग प्रसंघ को कौशल विकास की पहचान के लिए उठाए जा रहे कदमों में सहायता करने तथा वांछित दक्ष कार्यबल के लिए आवश्यक पाठयक्रम तैयार करने में भी सहयोग देने का आग्रह किया। श्री हुड्डा आज गुडगांव में भारतीय उद्योग प्रसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित उत्तरी राज्यों में निवेश के अवसर ‘इन्वेस्ट नोर्थ’ के सम्मेलन को सम्बोंधित कर रहे थे। उन्होंने हरियाणा में निवेश करने वाले उद्यमियों को राज्य सरकार की तरफ से हर सम्भव सहायता का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री श्री हुड्डा ने कहा कि हरियाणा चिकित्सीय आधारभूत संरचना तथा सुविधाएं विकसित करने में सार्वजनिक निजी सहभागिता पद्घति पर प्राईवेट सैक्टर को शामिल करने का इच्छुक है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में औद्योगीकरण प्रगति को और अधिक बल देने के लिए राज्य सरकार ने महत्वकांक्षी भू-आयामी रणनीति अपनाई है। अपनी तरह का विशेष इन्फ्रास्ट्रक्चर, उद्योग मैत्री नीतियां, जवाबदेह प्रशासन, शांतिप्रिय कानून एवं व्यवस्था तथा दक्ष कार्यबल की उपलब्धता में हरियाणा को औद्योगिक विकास का एक गंतव्य स्थल बना दिया है। हरियाणा की विकास गाथा पर प्रकाश डालते हुए श्री हुड्डा ने कहा कि हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य होने के वाबजूद भी यह देश में औद्योगिक विकसित राज्य के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में राज्य के आर्थिक-वार्षिक विकास ने 9.4 प्रतिशत रही है, जबकि राष्ट्रीय औसत 8.4 प्रतिशत है। देश के कुल क्षेत्रफल के 1.3 प्रतिशत जितना होने के बावजूद हरियाणा का राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में योगदान लगभग 3.4 प्रतिशत है। प्रति व्यक्ति निवेश की दृष्टि से हरियाणा आज देश में पहले स्थान पर है और प्रति व्यक्ति आय के मामले में गोवा को छोड़कर अन्य सभी राज्यों से आगे है। श्री हुड्डा ने कहा कि एसोचैम की हाल की अक्टूबर, 2012 की रिपोर्ट में बताया गया है कि हरियाणा में कुल जितना निवेश हुआ, उसका 87 प्रतिशत निजी क्षेत्र से हुआ है, जो इस बात का द्योतक है कि निजी क्षेत्र के निवेशकों को हरियाणा में विश्वास है। श्री हुड्डा ने कहा कि राज्य सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए हमेशा अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ढांचे को विकसित करने पर जोर देती रही है। उद्योगों के हित में राज्य सरकार प्रदेश में कनैक्टीविटी में सुधार करने, बेहतर बिजली आपूर्ति करने और जलापूर्ति बढ़ाने पर जोर दे रही है। इस सिलसिले में उन्होंने विकसित किए जा रहे 135 किलोमीटर लंबे केएमपी एक्सप्रेस-वे और गुड़गांव में दिल्ली मैट्रो के विस्तार का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद तक मैट्रो सेवा के लिए भी निर्माण कार्य चल रहा है और बहादुरगढ़ के लिए भी मैट्रो की मंजूरी मिल गई है। पानीपत तक रैपिड रेल चलाई जाएगी। श्री हुड्डा ने कहा कि दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरीडोर एक और अन्य महत्वकांक्षी परियोजना है। इससे निवेश के विशाल अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नए आईएमटी, औद्योगिक बस्तियां, फूड पार्क, आईटी पार्क आदि का विकास करके औद्योगिक ढांचे को मजबूत बनाया जा रहा है। श्री हुड्डा ने कहा कि प्रदेश की औद्योगिक और निवेश नीति 2011 से राज्य में निवेश को बढ़ावा मिला है। उद्योगों से संबंधित आवेदनों को निश्चित समय के अंदर निपटाने के लिए नियमों और प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है, ताकि कुशलता और पारदर्शिता में सुधार हो। अन्य क्षेत्रों में विकास की चर्चा करते हुए श्री हुड्डा ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बुनियादी ढांचे में अभूतपूर्व विकास हुआ है। पिछले सात वर्षों में तकनीकी संस्थाओं की संख्या 161 से बढ़कर 640 हो गई है और छात्रों की प्रवेश संख्या 28,445 से बढ़कर 1,42,226 हो गई है। राजीव गांधी एजुकेशन सिटी की स्थापना से और प्रदेश के विभिन्न भागों में नई संस्थाओं के खुलने से, हरियाणा शिक्षा के हब के रूप में विकसित हो रहा है। श्री हुड्डा ने कहा कि सरकार प्रदेश में तकनीकी और कुशल कर्मचारियों का एक विशाल पूल बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने भारतीय उद्योग परिसंघ से कहा कि वे कौशल विकास के लिए आवश्यक क्षेत्रों की पहचान में सहयोग दें और इनके लिए आवश्यक पाठ्यक्रम तैयार करने में भी सहायता करें। स्वास्थ्य क्षेत्र के बारे में श्री हुड्डा ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है और नए मैडीकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। सरकार चिकित्सा क्षेत्र में सरकार-निजी क्षेत्र भागीदारी (पीपीपी) पद्धति के जरिए बुनियादी ढांचों और सुविधाओं के विकास में निजी क्षेत्र का सहयोग चाहती है। श्री हुड्डा ने कहा कि अच्छे प्रशासन के बिना विकास आगे नहीं बढ़ सकता। इस सिलसिले में उन्होंने प्रदेश में कानून व्यवस्था की सुचारू स्थिति का जिक्र किया और कहा कि हरियाणा देश में सबसे कम अपराध दर वाले राज्यों में से एक है। श्री हुड्डा ने राज्य सरकार की व्यापक और प्रगतिशील श्रम नीति की भी चर्चा की और कहा कि इसके कारण प्रदेश के उद्योगों में दिहाडि़यों का नुकसान देश के अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे कम हुआ है। उन्होेंने आश्वासन दिया कि राज्य में स्वस्थ औद्योगिक संबंध बनाए रखने के लिए और सभी पक्षों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार सभी संभव उपाय करेगी। श्री राजीव अरोड़ा ने हरियाणा के औद्योगिक विकास के विभिन्न पहलुओं के बारे में एक प्रस्तुतीकरण भी दिया। सम्मेलन में मौजूद प्रतिनिधियों के प्रश्नों के उत्तर में मुख्यमंत्री श्री हुड्डा ने बताया कि प्रदेश में और विशेष रूप से गुड़गांव में बुनियादी ढांचे के सुधार पर और अधिक खर्च किया जाएगा। गुड़गांव में टोल प्लाजा के बारे में श्री हुड्डा ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार प्लाजा को खरीदना चाहेगी, लेकिन इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से बात करनी होगी। श्री हुड्डा ने यह भी कहा कि हरियाणा अपने लिए एक स्वतंत्र हाईकोर्ट चाहता है, जिसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस अवसर पर श्री हुड्डा ने सीआईआई और केपीएमजी द्वारा हरियाणा में निवेश वातावरण के बारे में तैयार एक रिपोर्ट का भी विमोचन किया। बाद में संवाददाताओं से बातचीत में श्री हुड्डा ने कहा कि यदि खाद के दाम बढ़ते हैं, तो हम चाहेंगे कि किसानों की उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी बढ़ोतरी हो। सम्मेलन में विभिन्न उत्तरी राज्यों के लिए अलग सत्र आयोजित किए गए। हरियाणा में निवेश के अवसरों से संबंधित सत्र में सीआईआई उत्तरी क्षेत्र के उपाध्यक्ष श्री जयन्त डावर, एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक श्री राजीव अरोड़ा, रिको ऑटो इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक श्री अरविन्द कपूर, लिबर्टी शूज लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री आदेश गुप्ता और सीआईआई की हरियाणा राज्य परिषद के उपाध्यक्ष श्री नीरज मुंजाल मौजूद थे। इस अवसर पर गुड़गांव के पुलिस आयुक्त श्री के के सिंधु, गुड़गांव नगर निगम के आयुक्त श्री सुधीर राजपाल, मंडल आयुक्त श्री चन्द्र प्रकाश, उपायुक्त श्री पी सी मीणा, पुलिस उपायुक्त (पूर्व) श्री महेश्वर दयाल, हुडा प्रशासक डा. प्रवीण कुमार तथा कई अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।